पटना: बिहार में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) का कहर थमने और लॉकडाउन हटने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) पटना पहुंचे हैं. तेजस्वी के पटना पहुंचते ही आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है. भाजपा ने नेता प्रतिपक्ष को जनता के प्रति गैर जिम्मेदार बताया है.
भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि तेजस्वी यादव संकटकाल में जनता के साथ खड़े नहीं होते. तेजस्वी सिर्फ मीडिया की सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं. जनता के हितों से उन्हें कोई लेना देना नहीं है. जब भी बिहार में संकट की स्थिति आती है वह दिल्ली प्रवास पर चले जाते हैं. तेजस्वी यादव सिर्फ जनता को ठगने की राजनीति करते हैं.
संघर्ष करने वाले नेता नहीं हैं तेजस्वी
"तेजस्वी कब जाते हैं कब आते हैं पता नहीं. जब भी बिहार में संकट की स्थिति आती है तेजस्वी बिहार से गायब हो जाते हैं. कोरोना महामारी के दौरान बिहार संकट से गुजरा. लोग त्राहिमाम कर रहे थे और तेजस्वी दिल्ली में बैठे थे. जब कोरोना का संक्रमण कम हुआ है तो तेजस्वी आए हैं. अब वह सिर्फ मीडिया में बने रहेंगे. जमीन पर उनकी कोई मौजूदगी नहीं है. तेजस्वी संघर्ष करने वाले नेता नहीं हैं."- प्रेम रंजन पटेल, भाजपा प्रवक्ता
लालू के पास थे तेजस्वी
राजद प्रमुख लालू यादव (Lalu Yadav) के जमानत पर रिहा होने के बाद उनके इलाज और देखभाल के लिए तेजस्वी अप्रैल से ही दिल्ली में थे. लालू यादव भी जुलाई में बिहार आएंगे. तेजस्वी के आने से आरजेडी में गतिविधियां तेज हो गई हैं. पार्टी ने सरकार को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है. आरजेडी के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार बिहार के लोगों की जान बचाने में पूरी तरह असफल साबित हुई है. विपक्ष एकजुट होकर कोरोना, बाढ़ और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरेगा.
बिहार में कोरोना की स्थिति
स्वास्थ्य विभाग के 21 जून तक के आंकड़े के अनुसार बिहार में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 3016 है. रिकवरी रेट 98.25 फीसदी हो गया है. कोरोना से 9557 लोगों की मौत हुई है. 1,45,85,073 लोगों को कोरोना का टीका लगा है. 1,23,51,294 लोगों ने कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लिया है. वहीं, 22,33,779 लोगों ने टीका का दोनों डोज ले लिया है.
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