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मसौढी में सरदार वल्लभ भाई पटेल की मनायी गई जंयती, लोगों ने लिया एकजुटता का संकल्प - लौह पुरुष की 145वीं जयंती

राजधानी से सटे मसौढी में सरदार पटेल भवन और नारी संघ ने वल्लभभाई पटेल की जयंती को विश्व एकता दिवस के रुप में मनाया गया. इस दौरान उनके विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया गया.

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पटना
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Published : Nov 1, 2020, 12:08 AM IST

पटना(मसौढी): लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 145वीं जयंती को लेकर शनिवार को मसौढ़ी समेत कई जगहों पर कार्यक्रम आयोजन किए जा रहे हैं. पटेल जयंती के अवसर पर विश्व एकता दिवस के रूप में मनाई जा रही है. इस जयंती पर उनके विचारों को जिंदगी में और समाज के परिदृश्य में बदलाव लाने के लिए लोगों ने संकल्प लिया.

सरदार वल्लभ भाई पटेल की जंयती
बताया जाता है कि हिंदुस्तान को आजादी मिलने के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल की पूरे राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है. यही कारण है कि वल्लभ भाई पटेल की जयंती को देश में राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है. पहली बार राष्ट्रीय एकता दिवस 2014 में मनाया गया था. विश्व एकता दिवस के मौके पर मसौढ़ी के पटेल भवन में सभी मसौढी वासियों ने उनकी ओर से दिए गए संकल्पों को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लिया. सरदार वल्लभभाई पटेल ने 562 देशी रियासतों का भारत में विलय कर एक अटूट देश का निर्माण किया था.

राष्ट्र निर्माण में उल्लेखनीय योगदान
केंद्र सरकार लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय अखंडता दिवस के रूप में मना रही है. सरदार पटेल देश के पहले उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री थे. आजादी के बाद भारत के एकीकरण में उनका योगदान अतुलनीय है और प्रधानमंत्री मोदी इसी योगदान को सम्मान देने के लिए गुजरात पहुंचे हैं. सरदार पटेल ने 565 रियासतों का विलय कर भारत को एक राष्ट्र बनाया था. गौरतलब है कि गुजरात में सरदार पटेल की याद में 182 फीट ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाई गई है.

पटना(मसौढी): लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 145वीं जयंती को लेकर शनिवार को मसौढ़ी समेत कई जगहों पर कार्यक्रम आयोजन किए जा रहे हैं. पटेल जयंती के अवसर पर विश्व एकता दिवस के रूप में मनाई जा रही है. इस जयंती पर उनके विचारों को जिंदगी में और समाज के परिदृश्य में बदलाव लाने के लिए लोगों ने संकल्प लिया.

सरदार वल्लभ भाई पटेल की जंयती
बताया जाता है कि हिंदुस्तान को आजादी मिलने के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल की पूरे राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है. यही कारण है कि वल्लभ भाई पटेल की जयंती को देश में राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है. पहली बार राष्ट्रीय एकता दिवस 2014 में मनाया गया था. विश्व एकता दिवस के मौके पर मसौढ़ी के पटेल भवन में सभी मसौढी वासियों ने उनकी ओर से दिए गए संकल्पों को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लिया. सरदार वल्लभभाई पटेल ने 562 देशी रियासतों का भारत में विलय कर एक अटूट देश का निर्माण किया था.

राष्ट्र निर्माण में उल्लेखनीय योगदान
केंद्र सरकार लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय अखंडता दिवस के रूप में मना रही है. सरदार पटेल देश के पहले उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री थे. आजादी के बाद भारत के एकीकरण में उनका योगदान अतुलनीय है और प्रधानमंत्री मोदी इसी योगदान को सम्मान देने के लिए गुजरात पहुंचे हैं. सरदार पटेल ने 565 रियासतों का विलय कर भारत को एक राष्ट्र बनाया था. गौरतलब है कि गुजरात में सरदार पटेल की याद में 182 फीट ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाई गई है.

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