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Patna News: धनरूआ में निर्माण मजदूर सम्मेलन का आयोजन, मजदूरों ने की अपने हक में आवाज बुलंद

पटना के धनरूआ में बिहार राज्य निर्माण मजदूर सम्मेलन (Bihar State Construction Workers Conference) का आयोजन किया गया. सम्मेलन में केंद्र सरकार पर मजदूरों का गुस्सा फूट पड़ा. उन्होंने कहा कि मजदूरों को बढ़ती महंगाई के अनुसार उन्हें मजदूरी नहीं मिल रही है जिस वजह से वे पलायन करने को मजबर हैं.

पटना के धनरूआ में बिहार राज्य निर्माण मजदूर सम्मेलन का आयोजन
पटना के धनरूआ में बिहार राज्य निर्माण मजदूर सम्मेलन का आयोजन
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 27, 2023, 10:18 AM IST

पटना: राजधानी पटना के धनरूआ में बिहार राज्य निर्माण मजदूर सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में धनरूआ के विभिन्न गांव से महिला-पुरुष शामिल हुए. इस दौरान मजदूर संघ ने सम्मेलन के जरिए केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आने वाले चुनाव में फासीवादी और सामंतवादी सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकना है. उनका कहना है कि बढ़ती महंगाई के अनुसार मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल पा रही है, ऐसे में सभी मजदूर पलायन करने को विवश है.

ये भी पढ़ें: 'नफरत नहीं बराबरी चाहिए, भूमि, आवास और शिक्षा का अधिकार चाहिए'

केंद्र सरकार पर फूटा गुस्सा: राज्य निर्माण मजदूर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे कॉमरेड पप्पू शर्मा ने कहा की पहले 8 घंटा की जो मजदूरी मजदूरों को मिलती थी अब उसे 12 घंटा कर दिया गया है, मजदूरी में भी भारी कटौती की जा रही है. ऐसे में ग्रामीण मजदूरों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है. मजदूरों को उनके मेहनत के हिसाब से भुगतान नहीं किया जा रहा है.

"मजदूरों को परिवार का पेट छोड़िए, अपना पेट चलाना मुश्किल हो रहा है. समय पर मजदूरों को काम नहीं मिलने के कारण एक शहर से दूसरे शहर की ओर पलायन करने को विवश है."- पप्पू शर्मा, कार्यक्रम अध्यक्ष

मोदी सरकार को सबक सिखाने का संकल्प: मजदूर निर्माण सम्मेलन के जरिए सभी निर्वाण मजदूरों के संगठन को मजबूती देने, किसानों के हक अधिकार को लेकर आगामी लोकसभा चुनाव में फासीवादी मोदी सरकार को सबक सिखाने का संकल्प लिया, इसके अलावा निर्माण मजदूर का पंचायत स्तरीय ढांचा बनने पर जोर दिया और निर्माण मजदूरों के नवीकरण लाभांश प्राप्ति के लिए धनरूआ में आंदोलन चलाने का निर्णय लिया गया.

पटना: राजधानी पटना के धनरूआ में बिहार राज्य निर्माण मजदूर सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में धनरूआ के विभिन्न गांव से महिला-पुरुष शामिल हुए. इस दौरान मजदूर संघ ने सम्मेलन के जरिए केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आने वाले चुनाव में फासीवादी और सामंतवादी सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकना है. उनका कहना है कि बढ़ती महंगाई के अनुसार मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल पा रही है, ऐसे में सभी मजदूर पलायन करने को विवश है.

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केंद्र सरकार पर फूटा गुस्सा: राज्य निर्माण मजदूर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे कॉमरेड पप्पू शर्मा ने कहा की पहले 8 घंटा की जो मजदूरी मजदूरों को मिलती थी अब उसे 12 घंटा कर दिया गया है, मजदूरी में भी भारी कटौती की जा रही है. ऐसे में ग्रामीण मजदूरों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है. मजदूरों को उनके मेहनत के हिसाब से भुगतान नहीं किया जा रहा है.

"मजदूरों को परिवार का पेट छोड़िए, अपना पेट चलाना मुश्किल हो रहा है. समय पर मजदूरों को काम नहीं मिलने के कारण एक शहर से दूसरे शहर की ओर पलायन करने को विवश है."- पप्पू शर्मा, कार्यक्रम अध्यक्ष

मोदी सरकार को सबक सिखाने का संकल्प: मजदूर निर्माण सम्मेलन के जरिए सभी निर्वाण मजदूरों के संगठन को मजबूती देने, किसानों के हक अधिकार को लेकर आगामी लोकसभा चुनाव में फासीवादी मोदी सरकार को सबक सिखाने का संकल्प लिया, इसके अलावा निर्माण मजदूर का पंचायत स्तरीय ढांचा बनने पर जोर दिया और निर्माण मजदूरों के नवीकरण लाभांश प्राप्ति के लिए धनरूआ में आंदोलन चलाने का निर्णय लिया गया.

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