पटना: बिहार में प्रारंभिक शिक्षक इन दिनों दुविधा में हैं. शिक्षा विभाग ने अप्रशिक्षित शिक्षकों को 1 अप्रैल से हटाने का निर्देश दिया है. ऐसे में सभी आक्रोशित शिक्षकों ने इस आदेश को तुगलकी बताते हुए विरोध जताया है और उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है.
सरकार ने सभी शिक्षकों को पिछले माह में ही प्रशिक्षित करने को लेकर NIOS और बिहार बोर्ड को जिम्मेवारी दी थी. इसके तहत लाखों शिक्षकों ने ओपेन स्कूल एंड डिस्टेंस से परीक्षा दिया, जिसका परीक्षाफल अभी तक नहीं आया है. शिक्षा विभाग ने बिना परीक्षाफल आये शिक्षकों को हटाने का आदेश जारी कर दिया है.
चार लाख प्रारंभिक शिक्षक हैं बिहार में
बताया जाता है कि बिहार में तकरीबन 4 लाख प्रारंभिक शिक्षक हैं. इनके परिवार में लगभग 40 लाख वोटर हैं, जो चुनाव में राज्य सरकार को सबक सिखाएंगे और नोटा का प्रयोग करेंगे. वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के साथ कई मुद्दों पर अभी आंदोलन चल रहा है. समान काम समान वेतन को लेकर वर्षों से आंदोलन चल रहा है, लंबित वेतनमान को लेकर आंदोलन चल रहा है. जबकि, स्कूलों में पठन-पाठन के सवाल पर भी विरोध चल रहा है. स्कूलों में टीचर की स्थिति पठन-पाठन को छोड़कर ठेकेदार और खाना बनाने के अलावा कुछ नहीं रह गया है. इसका आने वाले चुनाव में रिजल्ट देखने को मिलेगा.