पटना: बिहार में बढ़ते प्रदूषण को लेकर एनजीटी के आदेश पर बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक नोटिस जारी किया है. नोटिस में राज्य के 22 उद्योग इकाई को अभी बंद रखने का आदेश निर्गत हुआ है. साथ ही अभी किसी भी तरह के नए उद्योग को लेकर कोई लाइसेंस नहीं मिलेगा.
प्रदूषण बोर्ड ने जारी की अधिसूचना
बढ़ते प्रदूषण को लेकर राज्य की ओर से संचालित औद्योगिक इकाई को लेकर एनजीटी में कड़ा रुख अख्तियार किया है. एनजीटी के आदेश पर बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड ने एक अधिसूचना जारी की है. जिसमें बिहार में संचालित होने वाली औद्योगिक इकाई उजाला श्रेणी के अंतर्गत आने वाले उद्योग को छोड़कर कोई उद्योग स्थापित और संचालित करने के पहले बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद से सहमति प्राप्त करना आवश्यक है.
प्रदूषण की मात्रा में बढ़ोतरी
प्रदूषण की मात्रा को बढ़ते देख प्रदूषण बोर्ड ने 22 उद्योग इकाई अभी बंद रखने का आदेश दिया है. पटना, मुजफ्फरपुर और गया में जिस तरह से प्रदूषण की मात्रा बढ़ रही है. इसको ध्यान में रखते हुए बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन शहरों में कोई भी औद्योगिक इकाई नहीं खोलने का नोटिस जारी किया है.
गया के योजना क्षेत्र पर नहीं होगा स्थापित
ग्रेफाइट और कार्बन ब्लॉक, जिंक, कॉपर, निकेल, आर्सैनिक, कोबाल्ट से जुड़ी इकाईयां सीमेंट, थर्मल पावर प्लांट, पेपर एंड पल्प, मर्करी, कैथोड रे ट्यूब से जुड़ी इकाई, एक्सप्लोसिव, डेटोनेटर निमार्ण की इकाई के आलावे, कोलतार और फ्यूल गैस, एस्बेस्टस आधारित उद्योग, लेड एसिड बैटरी रिसाइकलर इकाई, ऑयल रिफाइनरी, बोन मिल, रबर, टायर-ट्यूब बॉयलर, सिरामिक और रिफैक्ट्रीज, ड्राइ कोल, मिनरल प्रोसेसिंग इकाइ के साथ सीमेंट कर्सस, लाइम मेन्यूफैक्चरिंग इकाई आदि इकाई पटना के मास्टर प्लान सीमांकन क्षेत्र मुजफ्फरपुर और गया के योजना क्षेत्र पर स्थापित नहीं होगा.
वायु प्रदूषण निवारण और नियंत्रण अधिनियम
बता दें कि एनजीटी के तहत 102 प्रदूषित शहरों में स्वच्छ हवा के लिए समय सीमा से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए निर्देश जारी किया गया. इस निर्देश के अनुपालन में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद की ओर से वायु प्रदूषण निवारण और नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत यह अधिसूचना जारी की गई है.