पटना: बिहार पुलिस ने दो साल पहले भागलपुर के चंपानगर में हुए उपद्रव मामले में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत सहित नौ लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल करने का फैसला लिया है. इसके लिए गृह विभाग से अभियोजन स्वीकृति मिल गई है.
भागलपुर के एसएसपी आशीष भारती ने कहा कि चंपानगर उपद्रव मामले में आरोप-पत्र का आदेश आ गया है. नाथनगर पुलिस को इसके लिए निर्देशित किया गया है. अर्जित शाश्वत के अलावा नौ अन्य लोग जो इस मामले में आरोपी है उनके ख़िलाफ़ भी अब स्थानीय कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया जायेगा.
क्या कहते हैं मंत्री के बेटे
इस मामले में अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत ने सफाई देते हुए कहा कि राम का नाम लेना गुनाह है, तो मैं गुनहगार हूं. जहां पर दंगा भड़काने का आरोप लगा है. वहां केवल मेरे समर्थकों ने राम का नाम ही लिया था. इसके बाद भी मुझ पर कार्रवाई करने के लिए लोग आतुर हैं. उन्होंने कहा कि मैं सभी सवालों का जवाब कोर्ट में दूंगा, सड़क पर नहीं.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि 17 मार्च, 2018 को हिंदू नववर्ष की पूर्व संध्या पर अर्जित के नेतृत्व में भागलपुर में विशाल शोभायात्रा निकाली गई थी. शोभायात्रा जब चंपानगर पहुंची तो दो पक्षों के बीच झड़प हो गई. दोनों ओर से जमकर पथराव और गोलीबारी हुई थी, जिसमें एक दर्जन से ज्यादा लोग और पुलिस वाले घायल हुए थे. इस मामले में उनपर सांप्रदायिक तनाव और हिंसा कराने का आरोप है और उन्हें इस मामले में जेल भी जाना पड़ा था. फ़िलहाल वो अभी ज़मानत पर हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे के बड़े पुत्र अर्जित चौबे वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में भागलपुर से बीजेपी के प्रत्याशी भी रह चुके हैं. वर्तमान में वह बीजेपी युवा मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य और भागलपुर विधानसभा क्षेत्र के सदस्यता प्रमुख हैं.