ETV Bharat / state

भूमि विवाद से कैसे निपटें, जानिए विभागीय मंत्री रामसूरत राय ने क्या दी सलाह - बिहार भूमि ऑनलाइन पोर्टल पर रामसूरत राय ने की बातचीत

भूमि एवं राजस्व विभाग के मंत्री रामसूरत राय ने भूमि से जुड़ी सेवाओं के लिए बनाए गए वेबसाइट को डिजिटली लांच किया. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि ऑनलाइन प्रक्रिया को सरल बनाया गया है. भूमि से जुड़ी तमाम जानकारी बिहार भूमि पोर्टल पर उपलब्ध होगी.

भूमि राजस्व मंत्री से ईटीवी भारत की बातचीत
भूमि राजस्व मंत्री से ईटीवी भारत की बातचीत
author img

By

Published : Aug 11, 2021, 5:32 PM IST

Updated : Aug 11, 2021, 6:57 PM IST

पटना: राष्ट्रीय स्तर पर भूमि विवाद (Land Dispute In Bihar) के मामले सबसे ज्यादा बिहार में दर्ज किए जाते हैं. भूमि विवाद को कम करने के लिए नीतीश सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं. भूमि सुधार व राजस्व विभाग की ओर से ऑनलाइन पोर्टल भी विकसित किया गया है. वहीं सरकार की ओर से भूमि से जुड़े तमाम मुद्दे को ऑनलाइन सुलझाने को लेकर लिये जा रहे फैसलों पर विभागीय मंत्री सूरत राय (Minister Ram Surat Rai) ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

ये भी पढ़ें:परिवार में बहुमत के आधार पर संपत्ति बंटवारे के लिए कानून बनाएगी बिहार सरकार

ETV भारत को रामसूरत राय ने बताया कि सरकार भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के जरिए इससे संबंधित विवादों को लगातार कम करना चाहती है. राज्य के अंदर भूमि विवाद कम हों, इसके लिए जमीन संबंधी डाटा बिहार भूमि वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जा रहा है. वेबसाइट के जरिए दाखिल खारिज की गड़बड़ी को आसानी से सुधारा जा सकता है.

देखें वीडियो

'ऑनलाइन पोर्टल से आप गांव या कहीं भी बैठे मोबाइल से ऑनलाइन परिमार्जन एलपीसी आदि का आवेदन आसानी से कर सकते हैं. प्रक्रिया को पूरे तौर पर सरल बनाया गया है. भूमि से जुड़ी तमाम जानकारी बिहार भूमि पोर्टल पर उपलब्ध होगी.' :- रामसूरत राय, भूमि सुधार व राजस्व मंत्री

ये भी पढ़ें : भूमि सुधार विभाग ने अपडेट किया सॉफ्टवेयर, अब आप भी देखें अपनी जमीन की विस्तृत जानकारी

भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के मंत्री रामसूरत राय ने बताया कि सरकार बिहार के जमीन का सर्वे करा रही है. सभी को स्वामित्व कार्ड भी दिया जाएगा. लोगों को जल्द से जल्द पारिवारिक बंटवारा करा लेना चाहिए ताकि म्यूटेशन उनके नाम से हो सके. राज्य में काफी विकास हुआ है. इस वजह से यहां की जमीन की कीमतें बढ़ी हैं. इस वजह से भूमि विवाद के मामले ज्यादा बढ़े हैं.

'भूमि विवाद से बचने के लिए हर व्यक्ति को जमाबंदी बनाने के लिए ब्लॉक में सहमति पत्र देना चाहिए. हर व्यक्ति अगर ऐसा कर देगा तो भविष्य में भूमि विवाद नहीं होंगे. आम लोग ऑनलाइन म्यूटेशन के लिए भी आवेदन दे सकते हैं. विभाग ने सभी कार्य ऑनलाइन करने की सुविधा दी है.' :- रामसूरत राय, भूमि सुधार व राजस्व मंत्री

रामसूरत राय मंत्री ने भूमि विवाद से बचने को लेकर लोगों से आपसी सहमित से जमीन के बंटवारे की अपील की. उन्होंने कहा कि संपत्ति का बंटवारा विभाग नहीं कर सकती है. म्यूटेशन को लेकर जो भी दिक्कतें आ रही है उसे जल्द दूर किया जाएगा. विभाग में जल्द ही कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी.

बता दें कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से दाखिल-खारिज के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए बनाए गए साॅफ्टवेयर में सुधार किया गया है. इसके साथ ही जमाबंदी देखने में हो रही परेशानी को भी दूर कर लिया गया है. ऑनलाइन सेवाएं देने के लिए बनाए गए वेबसाइट biharbhumi.bihar.gov.in को नए रूप में प्रस्तुत किया गया है. अब जमीन से जुड़ी जानकारी मोबाइल पर ही उपलब्ध हो जाएगी.

बतातें चलें कि वर्ष 2017 में ऑनलाइन दाखिल-खारिज सेवा की शुरुआत की गई थी. उसी समय से इस साॅफ्टवेयर में कई तरह के परिवर्तनों की जरूरत महसूस की जा रही थी. वेबसाइट के धीमी रफ्तार से काम करने और म्यूटेशन के दस्तावेजों की अपलोडिंग में अनावश्यक देरी होने की शिकायत रहती थी. आवेदन को ट्रैक करने में भी काफी देरी होती थी. इसके साथ ही कई और दिक्कतें थी. इन सभी दिक्कतों को एनआईसी ने चुनौती के तौर पर लिया और साॅफ्टवेयर में सभी आवश्यक सुधार कर दिये गये हैं.

पटना: राष्ट्रीय स्तर पर भूमि विवाद (Land Dispute In Bihar) के मामले सबसे ज्यादा बिहार में दर्ज किए जाते हैं. भूमि विवाद को कम करने के लिए नीतीश सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं. भूमि सुधार व राजस्व विभाग की ओर से ऑनलाइन पोर्टल भी विकसित किया गया है. वहीं सरकार की ओर से भूमि से जुड़े तमाम मुद्दे को ऑनलाइन सुलझाने को लेकर लिये जा रहे फैसलों पर विभागीय मंत्री सूरत राय (Minister Ram Surat Rai) ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

ये भी पढ़ें:परिवार में बहुमत के आधार पर संपत्ति बंटवारे के लिए कानून बनाएगी बिहार सरकार

ETV भारत को रामसूरत राय ने बताया कि सरकार भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के जरिए इससे संबंधित विवादों को लगातार कम करना चाहती है. राज्य के अंदर भूमि विवाद कम हों, इसके लिए जमीन संबंधी डाटा बिहार भूमि वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जा रहा है. वेबसाइट के जरिए दाखिल खारिज की गड़बड़ी को आसानी से सुधारा जा सकता है.

देखें वीडियो

'ऑनलाइन पोर्टल से आप गांव या कहीं भी बैठे मोबाइल से ऑनलाइन परिमार्जन एलपीसी आदि का आवेदन आसानी से कर सकते हैं. प्रक्रिया को पूरे तौर पर सरल बनाया गया है. भूमि से जुड़ी तमाम जानकारी बिहार भूमि पोर्टल पर उपलब्ध होगी.' :- रामसूरत राय, भूमि सुधार व राजस्व मंत्री

ये भी पढ़ें : भूमि सुधार विभाग ने अपडेट किया सॉफ्टवेयर, अब आप भी देखें अपनी जमीन की विस्तृत जानकारी

भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के मंत्री रामसूरत राय ने बताया कि सरकार बिहार के जमीन का सर्वे करा रही है. सभी को स्वामित्व कार्ड भी दिया जाएगा. लोगों को जल्द से जल्द पारिवारिक बंटवारा करा लेना चाहिए ताकि म्यूटेशन उनके नाम से हो सके. राज्य में काफी विकास हुआ है. इस वजह से यहां की जमीन की कीमतें बढ़ी हैं. इस वजह से भूमि विवाद के मामले ज्यादा बढ़े हैं.

'भूमि विवाद से बचने के लिए हर व्यक्ति को जमाबंदी बनाने के लिए ब्लॉक में सहमति पत्र देना चाहिए. हर व्यक्ति अगर ऐसा कर देगा तो भविष्य में भूमि विवाद नहीं होंगे. आम लोग ऑनलाइन म्यूटेशन के लिए भी आवेदन दे सकते हैं. विभाग ने सभी कार्य ऑनलाइन करने की सुविधा दी है.' :- रामसूरत राय, भूमि सुधार व राजस्व मंत्री

रामसूरत राय मंत्री ने भूमि विवाद से बचने को लेकर लोगों से आपसी सहमित से जमीन के बंटवारे की अपील की. उन्होंने कहा कि संपत्ति का बंटवारा विभाग नहीं कर सकती है. म्यूटेशन को लेकर जो भी दिक्कतें आ रही है उसे जल्द दूर किया जाएगा. विभाग में जल्द ही कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी.

बता दें कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से दाखिल-खारिज के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए बनाए गए साॅफ्टवेयर में सुधार किया गया है. इसके साथ ही जमाबंदी देखने में हो रही परेशानी को भी दूर कर लिया गया है. ऑनलाइन सेवाएं देने के लिए बनाए गए वेबसाइट biharbhumi.bihar.gov.in को नए रूप में प्रस्तुत किया गया है. अब जमीन से जुड़ी जानकारी मोबाइल पर ही उपलब्ध हो जाएगी.

बतातें चलें कि वर्ष 2017 में ऑनलाइन दाखिल-खारिज सेवा की शुरुआत की गई थी. उसी समय से इस साॅफ्टवेयर में कई तरह के परिवर्तनों की जरूरत महसूस की जा रही थी. वेबसाइट के धीमी रफ्तार से काम करने और म्यूटेशन के दस्तावेजों की अपलोडिंग में अनावश्यक देरी होने की शिकायत रहती थी. आवेदन को ट्रैक करने में भी काफी देरी होती थी. इसके साथ ही कई और दिक्कतें थी. इन सभी दिक्कतों को एनआईसी ने चुनौती के तौर पर लिया और साॅफ्टवेयर में सभी आवश्यक सुधार कर दिये गये हैं.

Last Updated : Aug 11, 2021, 6:57 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.