पटना: बिहार के सभी 40 महिला थानों का नया भवन तैयार किया (Mahila Police Stations In Bihar) जा रहा है. जिसे आधुनिकल सुविधाओं से लैस किया जाएगा. यहां हेल्प डेस्क और काउंसिलिंग सेंटर भी स्थापित किया जा रहा है. इसके अलावा आने वाले समय में इन सभी थानों में महिला बटालियन की आधी टुकड़ी भी तैनात की जाएगी, ताकि किसी आपात स्थिति और आपराधिक मामले में महिला फोर्स का उपयोग तुरंत किया जा सके. 40 में से 22 महिला थानों के भवन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है.
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पुलिस मख्यालय ने समीक्षा शुरू की: सभी 40 महिला थानों को तमाम मूलभूत सुविधाओं से लैस करने की कवायद शुरू हो गयी है. पुलिस मुख्यालय ने इनकी समीक्षा शुरू कर दी है. इस वर्ष में इन सभी थानों को दो-दो वाहन मिलेंगे. जिससे गश्त के अलावा मामलों के अनुसंधान में भी तेजी आयेगी. जिस महिला थाना में थाना प्रभारी महिला पदाधिकारी नहीं हैं, वहां हर हाल में महिला थाना प्रभारी ही तैनात होंगी. हालांकि, ऐसे थानों की संख्या दो-तीन ही है. शेष सभी थानों में महिला प्रभारी की तैनाती कर दी गयी है.
महिला बटालियन तैनात करने की योजना: आगामी योजना अनुसार इन सभी थानों में महिला बटालियन की आधी टुकड़ी भी तैनात की जायेगी. इसका फायदा आपता स्थिति में होगा. साथ ही महिला संबंधित अपराध या ऐसी किसी घटना की छानबीन करने में महिला फोर्स का उपयोग किया जा सके. महिला थाना भवनों पर भी खासतौर से ध्यान दिया जा रहा है. अब तक 40 महिला थानों में से 22 थाने का भवन तैयार हो चुका है. शेष 18 का निर्माण अंतिम चरण में हैं, जो छह महीने में तैयार हो जाएगा.
महिला थाने के साथ एसटी-एससी थाना: अधिकांश स्थान पर महिला थाने के साथ एसटी-एससी थाना भी रहेगा. खासतौर पर जिला मुख्यालयों में एससी-एसटी थानों के साथ ही महिला थानों का निर्माण एक ही भवन में कराया गया है. ऐसे भवनों का आकार बड़ा और तीन से चार मंजिला है. इन बड़े भवनों में महिला और एससी-एसटी थानों को आधा-आधा बराबर का स्थान उपलब्ध कराया गया है. इन थानों में शौचालय, पेयजल, बैरक समेत अन्य सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी है.
"प्रतिशत के हिसाब से पूरे देश में बिहार अव्वल नंबर पर है, जहां महिला पुलिस बल सबसे ज्यादा है. करीब 25 प्रतिशत महिला पुलिसकर्मी हैं. ऐसे में उनके रहने, बैरक और शौचालय का बेहतर इंतजाम किया जा रहा है. इसके अलावा राज्य से सभी जिलों में महिला थाना का अलग से भवन बनाया जा रहा है. जहां महिलाएं अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगी" -जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, बिहार पुलिस मुख्यालय
महिला हेल्प डेस्क और काउंसिलिंग सेंटर: इन थानों में आम थानों की तर्ज पर महिला हेल्प डेस्क और काउंसिलिंग सेंटर भी बनाए गए हैं. यहां घरेलू हिंसा और प्रताड़ना की शिकार महिलाओं को हर तरह की मदद की जाएगी.कानून सहायता भी उपलब्ध कराया जाएगा. इस मामले में बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम लिमिटेड के महानिदेशक विनय कुमार ने बताया कि छह महीने में बचे हुए सभी 18 महिला थानों के भवन तैयार हो जाएंगे. निर्माण कार्य सभी का पूरा हो गया है. अब इनमें फिनिशिंग का काम चल रहा है. तकरीबन सभी महिला थानों का निर्माण एससी-एसटी थाने के साथ कराया गया है.