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Patna News: 'न्याय' की बाट जोह रहा न्याय भवन, 29 साल में सिर्फ एक शिलापट्ट ही बना - Etv Bharat Bihar

बिहार के पटना में न्यायिक सेवा संघ के न्याय भवन का मिर्माण 29 साल के बाद भी नहीं हो सका. 1994 में तत्कालीन सीएम लालू प्रसाद यादव ने इसका शिलान्यास किया था. इसके बाद कई सीएम आए लेकिन एक शिलापट्ट के अलावा एक ईंट तक नहीं रखी गई. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jan 28, 2023, 7:24 PM IST

यहीं होना है बिहार न्यायिक सेवा संघ के न्याय भवन का निर्माण

पटना: आमतौर पर जब किसी सरकारी काम की शुरुआत होती है या फिर कहीं सरकारी इमारत बनती है तो उस पर उसके शुरू होने के बारे में जानकारी दी जाती है. इसके लिए शिलापट्ट लगाया जाता है. बिहार में पिछले कुछ सालों में कई सारी नई इमारतें बनी हैं, कई सड़कें बनी, पटना में ओवर ब्रिज का जाल बिछ चुका है. लेकिन एक ऐसी भी जगह है, जहां 29 साल के बाद भी सिर्फ शिलापट्ट के अलावा और कुछ नहीं बन पाया. तत्कालीन सीएम लालू प्रसाद ने 29 साल पहले शिलापट्ट लगाकर भवन बनाने का शिलान्यास किया था.

यह भी पढ़ेंः Bihar Politics : 'गाड़ी छूट जाएगी तो वे स्टेशन पर ही रह जाएंगे' जीतन राम मांझी ने उपेंद्र कुशवाहा की ली चुटकी

"मैं अभी अपने क्षेत्र में दौरे पर आया हूं. इस मामले में हमें कोई जानकारी नहीं है. यहां से आने के बाद इसकी जानकारी लेंगे इसके बाद ही कुछ कह सकेंगे. पटना लौटने के बाद इस मामले को देखने का काम करेंगे."-डॉ. शमीम अहमद, विधि मंत्री, बिहार

1994 जगह प्रस्तावितः दरअसल, राजधानी के आयकर गोलंबर के समीप मंदिरी नाले से सटी एक ऐसी जमीन है, जहां पर बिहार न्यायिक सेवा संघ के न्याय भवन की इमारत के लिए 1994 में जगह प्रस्तावित किया गया था. तब तत्कालीन सीएम लालू प्रसाद ने अपने हाथों से इस प्रस्तावित भवन का शिलान्यास किया था. उस वक्त मुख्य अतिथि के तौर पर तत्कालीन विधि मंत्री रामनरेश प्रसाद और बिहार न्यायिक सेवा संघ के तत्कालीन महासचिव भरत प्रसाद यादव भी उपस्थित थे. तब से लेकर अब तक 29 साल गुजर गए हैं लेकिन इस प्रस्तावित इमारत की जगह पर एक भी ईंट भी नहीं रखी गई.

किसी को कोई जानकारी नहींः इस न्याय भवन के बारे में जानकारी देते हुए राज्यसभा के पूर्व एमपी और राजद नेता राजनीति प्रसाद बताते हैं कि इस न्याय भवन को बनाने की तब पहल की गई थी. यहां बिहार न्यायिक सेवा संघ के हॉल, इमारत को बनाने की बात थी. लेकिन आज तक भवन नहीं बना. वह यह भी कहते हैं कि एक लंबा अरसा गुजर चुका है. यह भवन क्यों नहीं बना? इसके बारे में विस्तृत रूप से उनको जानकारी नहीं है.

विधि मंत्री अपने क्षेत्र दौरे परः राजनीति प्रसाद ने कहा कि एक बार फिर यह मुद्दा सामने आया है तो वह अगले कुछ दिनों में इसके बारे में नवीनतम जानकारी को एकत्र करेंगे. हालांकि इस इमारत को बनाने के मामले में बिहार न्यायिक सेवा संघ से भी उनका पक्ष लेने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका. इस मामले पर सरकार के पक्ष को जानने को लेकर जब राज्य के विधि मंत्री डॉक्टर शमीम अहमद से फोन पर बात हुई तो उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी नहीं है.

यहीं होना है बिहार न्यायिक सेवा संघ के न्याय भवन का निर्माण

पटना: आमतौर पर जब किसी सरकारी काम की शुरुआत होती है या फिर कहीं सरकारी इमारत बनती है तो उस पर उसके शुरू होने के बारे में जानकारी दी जाती है. इसके लिए शिलापट्ट लगाया जाता है. बिहार में पिछले कुछ सालों में कई सारी नई इमारतें बनी हैं, कई सड़कें बनी, पटना में ओवर ब्रिज का जाल बिछ चुका है. लेकिन एक ऐसी भी जगह है, जहां 29 साल के बाद भी सिर्फ शिलापट्ट के अलावा और कुछ नहीं बन पाया. तत्कालीन सीएम लालू प्रसाद ने 29 साल पहले शिलापट्ट लगाकर भवन बनाने का शिलान्यास किया था.

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"मैं अभी अपने क्षेत्र में दौरे पर आया हूं. इस मामले में हमें कोई जानकारी नहीं है. यहां से आने के बाद इसकी जानकारी लेंगे इसके बाद ही कुछ कह सकेंगे. पटना लौटने के बाद इस मामले को देखने का काम करेंगे."-डॉ. शमीम अहमद, विधि मंत्री, बिहार

1994 जगह प्रस्तावितः दरअसल, राजधानी के आयकर गोलंबर के समीप मंदिरी नाले से सटी एक ऐसी जमीन है, जहां पर बिहार न्यायिक सेवा संघ के न्याय भवन की इमारत के लिए 1994 में जगह प्रस्तावित किया गया था. तब तत्कालीन सीएम लालू प्रसाद ने अपने हाथों से इस प्रस्तावित भवन का शिलान्यास किया था. उस वक्त मुख्य अतिथि के तौर पर तत्कालीन विधि मंत्री रामनरेश प्रसाद और बिहार न्यायिक सेवा संघ के तत्कालीन महासचिव भरत प्रसाद यादव भी उपस्थित थे. तब से लेकर अब तक 29 साल गुजर गए हैं लेकिन इस प्रस्तावित इमारत की जगह पर एक भी ईंट भी नहीं रखी गई.

किसी को कोई जानकारी नहींः इस न्याय भवन के बारे में जानकारी देते हुए राज्यसभा के पूर्व एमपी और राजद नेता राजनीति प्रसाद बताते हैं कि इस न्याय भवन को बनाने की तब पहल की गई थी. यहां बिहार न्यायिक सेवा संघ के हॉल, इमारत को बनाने की बात थी. लेकिन आज तक भवन नहीं बना. वह यह भी कहते हैं कि एक लंबा अरसा गुजर चुका है. यह भवन क्यों नहीं बना? इसके बारे में विस्तृत रूप से उनको जानकारी नहीं है.

विधि मंत्री अपने क्षेत्र दौरे परः राजनीति प्रसाद ने कहा कि एक बार फिर यह मुद्दा सामने आया है तो वह अगले कुछ दिनों में इसके बारे में नवीनतम जानकारी को एकत्र करेंगे. हालांकि इस इमारत को बनाने के मामले में बिहार न्यायिक सेवा संघ से भी उनका पक्ष लेने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका. इस मामले पर सरकार के पक्ष को जानने को लेकर जब राज्य के विधि मंत्री डॉक्टर शमीम अहमद से फोन पर बात हुई तो उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी नहीं है.

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