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आईएएस अफसरों की भारी कमी झेल रहा बिहार, कैसे होगा विकास ? - Lack of senior IAS officers in Bihar

बिहार लंबे अरसे से वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की कमी से जूझ रहा है. राज्य में आईएएस अफसरों के लिए कुल स्वीकृत पद 410 है. जिसमें वर्तमान में कुल 308 आईएएस अफसर राज्य में कार्यरत हैं, जबकि बिहार कैडर के 32 अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. वहीं, बिहार कैडर के 9 अधिकारी अन्य राज्यों में नियुक्त हैं.

पटना
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Published : Apr 4, 2021, 4:08 PM IST

पटना: बिहार लंबे अरसे से वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की कमी से जूझता आ रहा है. पिछले डेढ़ दशक से नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री पद पर काबिज है. बिहार वर्तमान में डबल इंजन की सरकार के हाथों में है, इसके बावजूद आज भी बिहार में आईएएस अफसरों की भारी कमी है.

सीएम नीतीश की ब्यूरोक्रेसी के साथ अच्छी टाइमिंग
नौकरशाहों की कमी से जूझता बिहार पिछले तीन दशकों से विकास की पटरी पर निरंतर नहीं दौड़ पा रहा है. जबकि नीतीश कुमार और नौकरशाहों के बीच बेहतरीन सामंजस्य की बातें राज्य ही नहीं पूरे देश में सार्वजनिक है.

नौकरशाही और सियासी गलियारों में यह बात किसी से छिपी नहीं है कि नीतीश कुमार ब्यूरोक्रेसी के सबसे फेवरेट सीएम में से एक हैं, लेकिन तब भी बिहार आईएएस की कमी से जूझ रहा है.

यह भी पढ़ें: विधानसभा में उठा IAS अधिकारियों की कमी का मुद्दा, सरकार के जवाब से AIMIM नेता असंतुष्ट

कई नौकरशाह हैं सीएम के खासम-खास
नीतीश कुमार ने जब 2005 में बहुमत के साथ सरकार बनायी थी तब से आज तक नीतीश के सबसे खासम-खास कोई करीबी नेता नहीं बल्कि ये नौकरशाह ही रहे हैं. इन नौकरशाहों के बदौलत ही नीतीश कुमार ने बिहार में सुशासन बाबू और विकास पुरुष तमगा हासिल किया था.

बावजूद इसके आज भी बिहार में आईएएस अफसरों की भारी कमी है. जिस कारण कई आईएएस अफसरों के पास एक से अधिक विभागों की जिम्मेदारी है.

बता दें कि, राज्य में आईएएस अफसरों के लिए कुल स्वीकृत पद 410 है. जिसमें वर्तमान में कुल 308 आईएएस अफसर राज्य में कार्यरत हैं, जबकि बिहार कैडर के 32 अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. वहीं, बिहार कैडर के 9 अधिकारी अन्य राज्यों में नियुक्त हैं.

इन स्तरों पर इतने अफसर हैं कार्यरत

स्तर कार्यरत अधिकारियों की संख्या
मुख्य सचिव12
प्रधान सचिव13
सचिव28
अपर सचिव 152
कमिश्नर 9
डीएम38


इन अधिकारियों के पास एक से अधिक विभाग हैं.
आमिर सुबहानी - विकास आयुक्त के अलावा 3 अन्य जिम्मेवारी है.
अमृतलाल मीणा - 2
चंचल कुमार - 2
जितेंद्र श्रीवास्तव - 2
आनंद किशोर - 3
संजय कुमार अग्रवाल - 4
प्रत्यय अमृत - 2
अरविंद चौधरी - 2
संतोष कुमार मल्ल - 2 विभाग है.

बिहार के अधिकारी सुधीर कुमार राकेश ने वीआरएस लिया था, जबकि केंद्रीय प्रतिनुक्ति पर गए कुछ अफसर रिटायर्ड होने तक बिहार नहीं लौटे.

ये हैं-
अफजल अमामनुल्ला - 2013 (सेवानिवृत)
गिरीश शंकर - 2014 ( सेवानिवृत)
सी के मिश्रा - 2013 ( सेवानिवृत )

यह भी पढ़ें: 'बिहार नहीं लौटना चाहते हैं अफसर, पार्टी हित में नीतीश करवाते हैं काम'

ये अफसर अभी कार्यरत है, जो अभी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर है.
अमरजीत सिन्हा - 2014
रविकांत - 2012
राजेश भूषण - 2012
सुनील वर्थवाल - 2014
सरवानन एम - 2014
बी प्रधान - 2015
रजीत पुनहानी - 2014
हुकुम सिंह मीणा - 2015
संदीप पॉन्ड्रिक - 2014
डी एस गंगवार - 2017
अतीश चंद्रा - 2018
के.के. पाठक - 2020 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बिहार से चले गए हैं.

यह भी पढ़ें: नगर विकास के प्रधान सचिव देखेंगे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का काम: तारकिशोर प्रसाद

यह भी पढ़ें: कोरोना संक्रमण को लेकर सीएम नीतीश ने की ऑनलाइन समीक्षा बैठक, दिए कई निर्देश

पटना: बिहार लंबे अरसे से वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की कमी से जूझता आ रहा है. पिछले डेढ़ दशक से नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री पद पर काबिज है. बिहार वर्तमान में डबल इंजन की सरकार के हाथों में है, इसके बावजूद आज भी बिहार में आईएएस अफसरों की भारी कमी है.

सीएम नीतीश की ब्यूरोक्रेसी के साथ अच्छी टाइमिंग
नौकरशाहों की कमी से जूझता बिहार पिछले तीन दशकों से विकास की पटरी पर निरंतर नहीं दौड़ पा रहा है. जबकि नीतीश कुमार और नौकरशाहों के बीच बेहतरीन सामंजस्य की बातें राज्य ही नहीं पूरे देश में सार्वजनिक है.

नौकरशाही और सियासी गलियारों में यह बात किसी से छिपी नहीं है कि नीतीश कुमार ब्यूरोक्रेसी के सबसे फेवरेट सीएम में से एक हैं, लेकिन तब भी बिहार आईएएस की कमी से जूझ रहा है.

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कई नौकरशाह हैं सीएम के खासम-खास
नीतीश कुमार ने जब 2005 में बहुमत के साथ सरकार बनायी थी तब से आज तक नीतीश के सबसे खासम-खास कोई करीबी नेता नहीं बल्कि ये नौकरशाह ही रहे हैं. इन नौकरशाहों के बदौलत ही नीतीश कुमार ने बिहार में सुशासन बाबू और विकास पुरुष तमगा हासिल किया था.

बावजूद इसके आज भी बिहार में आईएएस अफसरों की भारी कमी है. जिस कारण कई आईएएस अफसरों के पास एक से अधिक विभागों की जिम्मेदारी है.

बता दें कि, राज्य में आईएएस अफसरों के लिए कुल स्वीकृत पद 410 है. जिसमें वर्तमान में कुल 308 आईएएस अफसर राज्य में कार्यरत हैं, जबकि बिहार कैडर के 32 अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. वहीं, बिहार कैडर के 9 अधिकारी अन्य राज्यों में नियुक्त हैं.

इन स्तरों पर इतने अफसर हैं कार्यरत

स्तर कार्यरत अधिकारियों की संख्या
मुख्य सचिव12
प्रधान सचिव13
सचिव28
अपर सचिव 152
कमिश्नर 9
डीएम38


इन अधिकारियों के पास एक से अधिक विभाग हैं.
आमिर सुबहानी - विकास आयुक्त के अलावा 3 अन्य जिम्मेवारी है.
अमृतलाल मीणा - 2
चंचल कुमार - 2
जितेंद्र श्रीवास्तव - 2
आनंद किशोर - 3
संजय कुमार अग्रवाल - 4
प्रत्यय अमृत - 2
अरविंद चौधरी - 2
संतोष कुमार मल्ल - 2 विभाग है.

बिहार के अधिकारी सुधीर कुमार राकेश ने वीआरएस लिया था, जबकि केंद्रीय प्रतिनुक्ति पर गए कुछ अफसर रिटायर्ड होने तक बिहार नहीं लौटे.

ये हैं-
अफजल अमामनुल्ला - 2013 (सेवानिवृत)
गिरीश शंकर - 2014 ( सेवानिवृत)
सी के मिश्रा - 2013 ( सेवानिवृत )

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ये अफसर अभी कार्यरत है, जो अभी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर है.
अमरजीत सिन्हा - 2014
रविकांत - 2012
राजेश भूषण - 2012
सुनील वर्थवाल - 2014
सरवानन एम - 2014
बी प्रधान - 2015
रजीत पुनहानी - 2014
हुकुम सिंह मीणा - 2015
संदीप पॉन्ड्रिक - 2014
डी एस गंगवार - 2017
अतीश चंद्रा - 2018
के.के. पाठक - 2020 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बिहार से चले गए हैं.

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