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15 साल से कम उम्र के मैट्रिक परीक्षार्थियों के लिए कोरोना टीका अनिवार्य नहीं: स्वास्थ्य विभाग

एक फरवरी से इंटर और 17 फरवरी से मैट्रिक की होने वाली परीक्षा के पहले बच्चों को पूरी तरह से कोरोना की पहली डोज (Vaccination Of Children Before Board Exam) देने का बड़ा लक्ष्य रखा गया था. बिहार स्वास्थ्य विभाग (Bihar Health Department) की ओर से 26 जनवरी से पहले वैक्सीनेशन को लेकर हर तरह से कवायद की गई, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई. इस पर स्वास्थ्य विभाग के ईडी संजय कुमार ने सफाई देते हुए कहा कि जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा. पढ़ें पूरी खबर..

Vaccination Status of students appearing for board exams in Bihar
Vaccination Status of students appearing for board exams in Bihar
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Published : Jan 26, 2022, 10:41 AM IST

पटना: बिहार में इंटर और हाई स्कूल के छात्रों के वैक्सीनेशन (Vaccination Of Inter And High School Students) की परीक्षा में सरकार ही फेल हो गई है. आदेशानुसार 26 जनवरी तक 15 से 18 वर्ष के बच्चों को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब तक 50 प्रतिशत भी पूरा नहीं हो पाया. ऐसे में बिहार में बोर्ड परीक्षा से पहले बच्चों का टीकाकरण पूरा करने की सरकार की मंशा फेल हो गई है. स्वास्थ्य विभाग के ईडी संजय कुमार (ED Sanjay Kumar) ने इस पर सफाई देते हुए कहा स्कूलों का बंद होना और टारगेट ग्रुप के बच्चों का सेंटप परीक्षा होने की वजह से टारगेट पूरा करने में देरी हुई है, लेकिन जल्द इसे पूरा कर लिया जाएगा.

स्वास्थ्य विभाग के ईडी संजय कुमार ने बताया कि देश में बच्चों का वैक्सीनेशन 26 जनवरी तक कंप्लीट करने का लक्ष्य रखा गया था. विभाग का लक्ष्य था कि 83.46 लाख 15 से 18 वर्ष के जो बच्चे हैं उन्हें 26 जनवरी तक फर्स्ट डोज से वैक्सीनेटेड कर दिया जाए. लेकिन अब तक यह 50% भी पूरा नहीं हुआ है. संजय कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग थिंक बिग, टारगेट बिग और अचीव बिग के उद्देश्य से काम करता है. लेकिन कई बार टारगेट लक्ष्य के अनुरूप प्राप्त नहीं होते, लेकिन स्वास्थ विभाग की पूरी टीम लगी हुई है और जल्द बच्चों का फर्स्ट डोज का वैक्सीनेशन कंप्लीट किया जाएगा.

स्वास्थ्य विभाग के ईडी ने जानकारी दी कि जो बच्चे मैट्रिक परीक्षा में इस बार शामिल हो रहे हैं और उनकी उम्र 14 वर्ष से अधिक है और 15 वर्ष से कम है. उन्हें वैक्सीनेशन नहीं होने से परीक्षा में कोई बाधा नहीं आएगी. अभी इस उम्र के बच्चों का वैक्सीनेशन अलाउड नहीं है. ऐसे में जो भी इस उम्र वर्ग के बच्चे इस बार मैट्रिक परीक्षा में शामिल होंगे. वह आराम से अपना परीक्षा देंगे और 15 वर्ष से ऊपर वाले बच्चों का ही वैक्सीनेशन स्टेटस जाना जाएगा. बताते चलें कि शिक्षा विभाग ने जब से निर्देश दिया कि बच्चों के वैक्सीनेशन का डॉक्यूमेंट देखकर ही स्कूल बच्चों को एडमिट कार्ड देंगे. ऐसे में 14 से 15 वर्ष के बच्चों की चिंताएं बढ़ गई थी कि वह बिना वैक्सीनेशन कैसे परीक्षा में शामिल हो पाएंगे.

कोरोना से जुड़ी अपडेट की जानकारी देने को लेकर मंगलवार देर शाम स्वास्थ्य विभाग की ओर से वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था. जिसमें राज्य स्वास्थ समिति के ईडी संजय कुमार ने बताया कि बीते 24 घंटे में प्रदेश में संक्रमण के 2362 नए मामले सामने आए हैं और अभी के समय प्रदेश में एक्टिव मामलों की संख्या 14 हजार 770 है. उन्होंने बताया कि बीते 24 घंटे में 15 हजार 134 सैंपल की जांच की गई है. प्रदेश में अब कोरोना का संक्रमण दर कम हो रहा है और अब यह 1.7% पर पहुंच गया है. साथ रिकवरी रेट में इजाफा हो रहा है और यह बढ़कर 96.69% हो गया है. विगत 24 घंटे में 2362 मरीजों ने संक्रमण को मात दी है.

स्वास्थ्य विभाग के ईडी संजय कुमार ने बताया कि पटना में तेजी से संक्रमण दर कम हो रहा है. 12 जनवरी को पटना का संक्रमण दर जहां 23% पर था. जो 25 जनवरी को यह घटकर के 5.87 परसेंट पर आ गया है. पटना में बीते 24 घंटे में 284 नए मामले मिले हैं. वहीं पटना एम्स में संक्रमण से 3 मरीज की मौत हुई है.

यह भी पढ़ें - तीसरी लहर में दिख रहा सेकंड वेब का असर, अन्य बीमारी की चपेट में आए डेल्टा वैरिएंट से ठीक हुए लोग

यह भी पढ़ें - स्कूल की लापरवाही से परीक्षा से वंचित छात्र ना हों निराश, बिहार बोर्ड ने की है ये विशेष व्यवस्था

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पटना: बिहार में इंटर और हाई स्कूल के छात्रों के वैक्सीनेशन (Vaccination Of Inter And High School Students) की परीक्षा में सरकार ही फेल हो गई है. आदेशानुसार 26 जनवरी तक 15 से 18 वर्ष के बच्चों को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब तक 50 प्रतिशत भी पूरा नहीं हो पाया. ऐसे में बिहार में बोर्ड परीक्षा से पहले बच्चों का टीकाकरण पूरा करने की सरकार की मंशा फेल हो गई है. स्वास्थ्य विभाग के ईडी संजय कुमार (ED Sanjay Kumar) ने इस पर सफाई देते हुए कहा स्कूलों का बंद होना और टारगेट ग्रुप के बच्चों का सेंटप परीक्षा होने की वजह से टारगेट पूरा करने में देरी हुई है, लेकिन जल्द इसे पूरा कर लिया जाएगा.

स्वास्थ्य विभाग के ईडी संजय कुमार ने बताया कि देश में बच्चों का वैक्सीनेशन 26 जनवरी तक कंप्लीट करने का लक्ष्य रखा गया था. विभाग का लक्ष्य था कि 83.46 लाख 15 से 18 वर्ष के जो बच्चे हैं उन्हें 26 जनवरी तक फर्स्ट डोज से वैक्सीनेटेड कर दिया जाए. लेकिन अब तक यह 50% भी पूरा नहीं हुआ है. संजय कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग थिंक बिग, टारगेट बिग और अचीव बिग के उद्देश्य से काम करता है. लेकिन कई बार टारगेट लक्ष्य के अनुरूप प्राप्त नहीं होते, लेकिन स्वास्थ विभाग की पूरी टीम लगी हुई है और जल्द बच्चों का फर्स्ट डोज का वैक्सीनेशन कंप्लीट किया जाएगा.

स्वास्थ्य विभाग के ईडी ने जानकारी दी कि जो बच्चे मैट्रिक परीक्षा में इस बार शामिल हो रहे हैं और उनकी उम्र 14 वर्ष से अधिक है और 15 वर्ष से कम है. उन्हें वैक्सीनेशन नहीं होने से परीक्षा में कोई बाधा नहीं आएगी. अभी इस उम्र के बच्चों का वैक्सीनेशन अलाउड नहीं है. ऐसे में जो भी इस उम्र वर्ग के बच्चे इस बार मैट्रिक परीक्षा में शामिल होंगे. वह आराम से अपना परीक्षा देंगे और 15 वर्ष से ऊपर वाले बच्चों का ही वैक्सीनेशन स्टेटस जाना जाएगा. बताते चलें कि शिक्षा विभाग ने जब से निर्देश दिया कि बच्चों के वैक्सीनेशन का डॉक्यूमेंट देखकर ही स्कूल बच्चों को एडमिट कार्ड देंगे. ऐसे में 14 से 15 वर्ष के बच्चों की चिंताएं बढ़ गई थी कि वह बिना वैक्सीनेशन कैसे परीक्षा में शामिल हो पाएंगे.

कोरोना से जुड़ी अपडेट की जानकारी देने को लेकर मंगलवार देर शाम स्वास्थ्य विभाग की ओर से वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था. जिसमें राज्य स्वास्थ समिति के ईडी संजय कुमार ने बताया कि बीते 24 घंटे में प्रदेश में संक्रमण के 2362 नए मामले सामने आए हैं और अभी के समय प्रदेश में एक्टिव मामलों की संख्या 14 हजार 770 है. उन्होंने बताया कि बीते 24 घंटे में 15 हजार 134 सैंपल की जांच की गई है. प्रदेश में अब कोरोना का संक्रमण दर कम हो रहा है और अब यह 1.7% पर पहुंच गया है. साथ रिकवरी रेट में इजाफा हो रहा है और यह बढ़कर 96.69% हो गया है. विगत 24 घंटे में 2362 मरीजों ने संक्रमण को मात दी है.

स्वास्थ्य विभाग के ईडी संजय कुमार ने बताया कि पटना में तेजी से संक्रमण दर कम हो रहा है. 12 जनवरी को पटना का संक्रमण दर जहां 23% पर था. जो 25 जनवरी को यह घटकर के 5.87 परसेंट पर आ गया है. पटना में बीते 24 घंटे में 284 नए मामले मिले हैं. वहीं पटना एम्स में संक्रमण से 3 मरीज की मौत हुई है.

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