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राजभवन में चांसलर अवार्ड समारोह आयोजित, राज्यपाल फागू चौहान ने 5 शिक्षकों और 6 विद्यार्थियों को किया पुरस्कृत

राजभवन में आयोजित चांसलर अवार्ड समारोह में राज्यपाल फागू चौहान ने 5 शिक्षकों और 6 विद्यार्थियों और 2 महाविद्यालयों को पुरस्कृत किया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि विद्यार्थी हमारे राष्ट्र के भविष्य हैं, इसलिए हमें उनके बेहतर जीवन के विषय में सोचना समीचीन होगा. पढ़ें पूरी खबर...

राजभवन में आयोजित चांसलर अवार्ड समारोह
राजभवन में आयोजित चांसलर अवार्ड समारोह
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Published : Nov 23, 2021, 9:36 PM IST

पटनाः राजभवन के राजेंद्र मंडप में मंगलवार को चांसलर अवार्ड समारोह (Chancellor Award ceremony) का आयोजन किया गया. राज्यपाल फागू चौहान (Bihar Governor Fagu Chauhan) ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और कहा कि विद्यार्थी हमारे राष्ट्र के भविष्य हैं. इसलिए उनकी बेहतर शिक्षा के उपरांत उनके जीवन के विषय में सोचना समीचीन होगा.

इसे भी पढ़ें- जवाहरलाल नेहरू के जयंती पर राज्यपाल फागू चौहान और CM नीतीश ने दी श्रद्धांजलि

राज्यपाल फागू चौहान ने पुरस्कार समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों, कुलपति एवं प्राचार्य सहित 6 शिक्षकों और 2 महाविद्यालयों को पुरस्कृत किया. फागू चौहान ने कहा कि मुझे खुशी होगी जब पुरस्कार विजेताओं की संख्या में वृद्धि होगी. चांसलर अवार्ड समारोह में राज्यपाल ने संबोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थी जीवन के शुरुआती दौर में छात्र-छात्राओं की बड़ी-बड़ी कल्पनाएं होती हैं.

राजभवन में चांसलर अवार्ड समारोह का आयोजन

न्यूटन और आइंस्टीन की तरह खोज करना, देश की सेवा करना, समाज में शिक्षा की अलख जगाना, डॉक्टर बनकर मरीजों की मुफ्त सेवा करना आदि. फिर बाद में सांसारिक चीजों के प्रति उनका आकर्षण बढ़ता है और उन्हें लगता है कि अमुक पेशे में अधिक पैसे हैं और उसे अपनाकर अधिकाधिक सुख सुविधाएं हासिल की जा सकती है. इस प्रकार से वे स्व केंद्रित बन जाते हैं.

राज्यपाल ने कहा कि आज विद्या अर्जन से अधिक महत्वपूर्ण कैरियर निर्माण हो गया है. इसकी ऊंचाई तक पहुंचने के प्रयास में युवाओं का समाज, परिवार और रिश्तेदार से दूरी बनती जा रही है. यहां तक कि उनका खुद का जीवन भी प्रभावित हो रहा है. व्यक्ति चांद पर तो पहुंच गया किंतु अपने पड़ोसी तक नहीं पहुंच पा रहा है. अपनी ऊंची महत्वाकांक्षाओं के पूरा होने पर युवाओं का अवसाद ग्रस्त हो जाना और कभी-कभी उनके द्वारा कोई खतरनाक कदम उठा लेना अत्यंत दुखदाई है.

राज्यपाल ने कहा हमारे विद्यार्थियों को ज्ञान-विज्ञान एवं विवेक सम्मत आचरण में सुशिक्षित होने के अलावा उनमें सामाजिक, नैतिक, चारित्रिक एवं मानवीय मूल्यों को धारण करने की पर्याप्त क्षमता का विकास होना अति आवश्यक है. साथ ही उन्हें कड़ी मेहनत, अनुशासन, आत्म नियंत्रण, सेवा परायणता एवं नेतृत्व के गुणों को आत्मसात करने की जरूरत है. उन्हें इस प्रकार शिक्षित किए जाने की आवश्यकता है कि संयम एवं विकार मुक्त बनें. जोश और होश दोनों को संभाल सकें. सुविधा भोगी नहीं बने और उनमें विद्या, निष्ठा के साथ साथ श्रम निष्ठा भी होनी चाहिए.

इसे भी पढ़ें- नीतीश कैबिनेट की बैठक में 22 एजेंडों पर मुहर, बिहटा में नए बस स्टैंड निर्माण के लिए 217 करोड़ मंजूर

राज्यपाल ने कहा कि प्राचीन काल से आज तक जो भारत बना उसको शिक्षकों ने ही बनाया है. यहां एक से बढ़कर एक आचार्य हुए जिन्होंने समाज को तैयार किया और अपनी ओर से विद्या दान दिया. भारत को राजसत्ता नहीं बल्कि यहां के आचार्य अथवा शिक्षकों ने बनाया है.
सरकार शिक्षा के समग्र विकास के लिए प्रयत्नशील है. इस दिशा में अनेक कदम उठाए गए हैं. नई शिक्षा नीति 2021 के तहत शैक्षणिक पाठ्यक्रम में नए कौशलों को सम्मिलित किया गया है तथा व्यावसायिक शिक्षा पर जोर दिया गया है.

इसके फलस्वरूप विद्यार्थियों को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे तथा उन्हें स्व रोजगार शुरू करने में भी सहूलियत होगी. इस नीति के तहत मातृ भाषा अथवा क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा प्राप्त किए जा सकते हैं. इससे समाज के सभी वर्गों के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करना आसान होगा.

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पटनाः राजभवन के राजेंद्र मंडप में मंगलवार को चांसलर अवार्ड समारोह (Chancellor Award ceremony) का आयोजन किया गया. राज्यपाल फागू चौहान (Bihar Governor Fagu Chauhan) ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और कहा कि विद्यार्थी हमारे राष्ट्र के भविष्य हैं. इसलिए उनकी बेहतर शिक्षा के उपरांत उनके जीवन के विषय में सोचना समीचीन होगा.

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राज्यपाल फागू चौहान ने पुरस्कार समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों, कुलपति एवं प्राचार्य सहित 6 शिक्षकों और 2 महाविद्यालयों को पुरस्कृत किया. फागू चौहान ने कहा कि मुझे खुशी होगी जब पुरस्कार विजेताओं की संख्या में वृद्धि होगी. चांसलर अवार्ड समारोह में राज्यपाल ने संबोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थी जीवन के शुरुआती दौर में छात्र-छात्राओं की बड़ी-बड़ी कल्पनाएं होती हैं.

राजभवन में चांसलर अवार्ड समारोह का आयोजन

न्यूटन और आइंस्टीन की तरह खोज करना, देश की सेवा करना, समाज में शिक्षा की अलख जगाना, डॉक्टर बनकर मरीजों की मुफ्त सेवा करना आदि. फिर बाद में सांसारिक चीजों के प्रति उनका आकर्षण बढ़ता है और उन्हें लगता है कि अमुक पेशे में अधिक पैसे हैं और उसे अपनाकर अधिकाधिक सुख सुविधाएं हासिल की जा सकती है. इस प्रकार से वे स्व केंद्रित बन जाते हैं.

राज्यपाल ने कहा कि आज विद्या अर्जन से अधिक महत्वपूर्ण कैरियर निर्माण हो गया है. इसकी ऊंचाई तक पहुंचने के प्रयास में युवाओं का समाज, परिवार और रिश्तेदार से दूरी बनती जा रही है. यहां तक कि उनका खुद का जीवन भी प्रभावित हो रहा है. व्यक्ति चांद पर तो पहुंच गया किंतु अपने पड़ोसी तक नहीं पहुंच पा रहा है. अपनी ऊंची महत्वाकांक्षाओं के पूरा होने पर युवाओं का अवसाद ग्रस्त हो जाना और कभी-कभी उनके द्वारा कोई खतरनाक कदम उठा लेना अत्यंत दुखदाई है.

राज्यपाल ने कहा हमारे विद्यार्थियों को ज्ञान-विज्ञान एवं विवेक सम्मत आचरण में सुशिक्षित होने के अलावा उनमें सामाजिक, नैतिक, चारित्रिक एवं मानवीय मूल्यों को धारण करने की पर्याप्त क्षमता का विकास होना अति आवश्यक है. साथ ही उन्हें कड़ी मेहनत, अनुशासन, आत्म नियंत्रण, सेवा परायणता एवं नेतृत्व के गुणों को आत्मसात करने की जरूरत है. उन्हें इस प्रकार शिक्षित किए जाने की आवश्यकता है कि संयम एवं विकार मुक्त बनें. जोश और होश दोनों को संभाल सकें. सुविधा भोगी नहीं बने और उनमें विद्या, निष्ठा के साथ साथ श्रम निष्ठा भी होनी चाहिए.

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राज्यपाल ने कहा कि प्राचीन काल से आज तक जो भारत बना उसको शिक्षकों ने ही बनाया है. यहां एक से बढ़कर एक आचार्य हुए जिन्होंने समाज को तैयार किया और अपनी ओर से विद्या दान दिया. भारत को राजसत्ता नहीं बल्कि यहां के आचार्य अथवा शिक्षकों ने बनाया है.
सरकार शिक्षा के समग्र विकास के लिए प्रयत्नशील है. इस दिशा में अनेक कदम उठाए गए हैं. नई शिक्षा नीति 2021 के तहत शैक्षणिक पाठ्यक्रम में नए कौशलों को सम्मिलित किया गया है तथा व्यावसायिक शिक्षा पर जोर दिया गया है.

इसके फलस्वरूप विद्यार्थियों को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे तथा उन्हें स्व रोजगार शुरू करने में भी सहूलियत होगी. इस नीति के तहत मातृ भाषा अथवा क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा प्राप्त किए जा सकते हैं. इससे समाज के सभी वर्गों के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करना आसान होगा.

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