पटना: कोरोना संक्रमण को बिहार के गांवों में फैलने से रोकने के लिए बिहार सरकार अब ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सेवा लेगी. इन प्रशिक्षित ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को कोरोना मरीजों की पहचान और होम आइसोलेशन में इलाजरत रोगियों के सहयोग के काम में लगाया जाएगा.
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हर मरीज के लिए मिलेंगे 200 रुपये
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मंगलवार को कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में संभावित कोरोना मरीजों की पहचान एवं होम आइसोलेशन रोगियों के सहयोग के लिए प्रशिक्षित ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सेवा लेने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है. ये सूचक सह ट्रीटमेंट सपोर्टर कहलाएंगे. उन्होंने कहा कि इन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रति मरीज 200 रुपये भुगतान किया जाएगा.
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पॉजिटिव मरीजों को पूरा लाभ मिल सकेगा
विभाग का कहना है कि इन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना मरीजों की ट्रैकिंग, ट्रेसिंग और जांच में स्वास्थ्य विभाग को सहायता मिलने के साथ-साथ पॉजिटिव मरीजों को भी तत्काल स्वास्थ्य सुविधाओं का पूरा लाभ मिल सकेगा.