पटनाः बिहार सरकार ने नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल को हाईटेक कोरोना अस्पताल बना दिया है. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सूबे के सबसे बड़े दूसरे अस्पताल नालंदा मेडिकल कॉलेज को कोरोना अस्पताल बनाने की घोषणा की है. जिसके बाद से ही अस्पताल प्रशासन ने पूरे अस्पताल के 50 प्रतिशत सभी वार्डों को आइसोलेट कर आइसोलेशन वार्ड बना दिया और उस समय से लेकर लगातार मरीजों की संख्या इस अस्पताल में आ रही है.
नालंदा मेडिकल कॉलेज को कोरोना अस्पताल बनाने की घोषणा
वहीं, अस्पताल प्रशासन ने 30 वेंटीलेटर को पूरी तरह तैयार कर लिया है. अभी तक किसी भी मरीज को इस अस्पताल में वेंटिलेटर की जरूरत नहीं पड़ी है. लेकिन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. निर्मल कुमार का कहना है कि हमलोग 30 वेंटीलेटर को दवा के साथ तैयार रखें है. जैसे ही वेंटिलेटर की जरूरत मरीजों को पड़ेगी, तुरन्त हम लोग उसे सेवा देंगे क्योंकि आने वाले समय में जरूरत हो सकती है. यानी अस्पताल प्रशासन कोरोना पॉजिटिव मरीजों को ठीक करने में हर सम्भव प्रयास कर रही है.
पॉजिटिव मरीजों की ठीक होने की संख्या ज्यादा
सूबे में कोरोना मरीज की संख्या भले ही बढ़ रही है. लेकिन नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पॉजिटिव मरीजों की ठीक होने की संख्या ज्यादा है. अब तक 14 कोरोना संक्रमित मरीज ठीक हो गये और वे घर भी चले गये है. अस्पताल के सकारात्मक कार्य को देखते ही बिहार सरकार के स्वास्थ विभाग ने 100 वेंटीलेटर देने की है. वहीं, ईटीवी भारत टीम नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जाकर सभी व्यवस्थाओं को आप तक पूरी सच्चाई के साथ पहुंचा रही है.