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Black Fungus: ब्लैक फंगस के आंकड़ों पर बिहार सरकार ने डाल रखा है पर्दा

बिहार में कोरोना (Corona in Bihar) के बाद ब्लैक फंगस (Black Fungus) के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है. ब्लैक फंगस के बढ़ते मामले को देखते हुए सरकार ने 23 मई को ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया. मगर सरकार ने ब्लैक फंगस के आंकड़ों पर पर्दा डाल रखा है. देखिए रिपोर्ट.

पटना
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Published : Jun 6, 2021, 7:57 PM IST

पटना: बिहार सरकार (Bihar government) के स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब तक ब्लैक फंगस (Black Fungus) से जुड़ी कोई भी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है. 23 मई से 6 जून हो गया, लेकिन अब तक सरकार के तरफ से इस बात की कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी गई है. ऐसे में अब ये सवाल उठने लगा है कि आखिर इसकी जानकारी सार्वजनिक क्यों नहीं की जा रही है.

ये भी पढ़ें- मानसून के समय बढ़ सकते हैं ब्लैक और व्हाइट फंगस के मामले, बचाव के लिए किन बातों का रखना है ख्याल, डॉक्टर से जानिए

आंकड़े छिपा रही सरकार!
प्रदेश में अभी के समय ब्लैक फंगस के कितने मरीज हैं और कितने रिकवर हो चुके हैं और कितनों की मौत हो चुकी है, इसकी जानकारी सरकार ने नहीं दी है. बता दें कि एक अनुमान के मुताबिक बिहार में ब्लैक फंगस के 400 से अधिक मरीज मिल चुके हैं और 40 से अधिक ब्लैक फंगस के मरीजों की मौत भी हो चुकी है. सरकार ब्लैक फंगस के लिए अस्पतालों में इलाज की पर्याप्त व्यवस्था की बात कह रही है.

देखिए रिपोर्ट

क्षमता से अधिक मरीज एडमिट
लेकिन, पटना के चार बड़े मेडिकल कॉलेजों की बात करें तो पटना एम्स और आईजीआईएमएस में ही ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए सर्जरी की सुविधा है और पीएमसीएच, एनएमसीएच जैसे संस्थानों में सिर्फ दवाओं पर ब्लैक फंगस के मरीज को स्टेबल रखा गया है. पटना एम्स में 97 मरीज और आईजीआईएमएस में 124 ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज चल रहा है और यहां क्षमता से अधिक मरीज एडमिट है.

ये भी पढ़ें- PMCH में ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए नहीं है सर्जरी की सुविधा

अस्पतालों में सर्जरी की सुविधा नहीं
पीएमसीएच और एनएमसीएच जैसे संस्थानों में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या कम है और जितने भी मरीज हैं, प्रतिदिन काफी संख्या में यहां से मरीजों को एम्स और आईजीआईएमएस के लिए रेफर किया जा रहा है, क्योंकि इन अस्पतालों में सर्जरी की सुविधा उपलब्ध नहीं है.

दूसरी लहर से बढ़ा ब्लैक फंगस
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से ब्लैक फंगस के मरीज बढ़े हैं और ब्लैक फंगस में यह देखने को मिला है कि जब मरीज के आंखों की रोशनी कम होने लगती है, तब मरीज अस्पताल पहुंचता है और ऐसे समय में मरीज को सर्जरी की आवश्यकता होती है. लेकिन, राजधानी पटना के सरकारी संस्थानों में सिर्फ आईजीआईएमएस और एम्स में ही सर्जरी हो रही है और यहां क्षमता से अधिक मरीज एडमिट है.

इलाज के लिए भटक रहे मरीज
पीएमसीएच और आईजीआईएमएस जैसे संस्थान से परेशान मरीज इलाज के अभाव में अस्पताल से लौट जा रहे हैं और कई प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के लिए भटक रहे हैं. ऐसे समय में ब्लैक फंगस के सही आंकड़ों का प्रदेश के जनता के सामने आना बेहद आवश्यक है. ब्लैक फंगस के आंकड़ों के लिए जब हमने राज्य स्वास्थ्य समिति का रुख किया, तो वहां से कोई भी आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई.

ये भी पढ़ें- पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण हुआ कम, पर ब्लैक फंगस ने सरकार की बढ़ाई चिंता

ये भी पढ़ें- बिहार में ब्लैक फंगस के 22 नए मामले, एक की हुई मौत, कुल मरीजों की संख्या 232

ये भी पढ़ें- Doctor Advice on Black Fungus: ब्लैक फंगस से डरना नहीं, इन बातों का रखें ध्यान...

पटना: बिहार सरकार (Bihar government) के स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब तक ब्लैक फंगस (Black Fungus) से जुड़ी कोई भी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है. 23 मई से 6 जून हो गया, लेकिन अब तक सरकार के तरफ से इस बात की कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी गई है. ऐसे में अब ये सवाल उठने लगा है कि आखिर इसकी जानकारी सार्वजनिक क्यों नहीं की जा रही है.

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आंकड़े छिपा रही सरकार!
प्रदेश में अभी के समय ब्लैक फंगस के कितने मरीज हैं और कितने रिकवर हो चुके हैं और कितनों की मौत हो चुकी है, इसकी जानकारी सरकार ने नहीं दी है. बता दें कि एक अनुमान के मुताबिक बिहार में ब्लैक फंगस के 400 से अधिक मरीज मिल चुके हैं और 40 से अधिक ब्लैक फंगस के मरीजों की मौत भी हो चुकी है. सरकार ब्लैक फंगस के लिए अस्पतालों में इलाज की पर्याप्त व्यवस्था की बात कह रही है.

देखिए रिपोर्ट

क्षमता से अधिक मरीज एडमिट
लेकिन, पटना के चार बड़े मेडिकल कॉलेजों की बात करें तो पटना एम्स और आईजीआईएमएस में ही ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए सर्जरी की सुविधा है और पीएमसीएच, एनएमसीएच जैसे संस्थानों में सिर्फ दवाओं पर ब्लैक फंगस के मरीज को स्टेबल रखा गया है. पटना एम्स में 97 मरीज और आईजीआईएमएस में 124 ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज चल रहा है और यहां क्षमता से अधिक मरीज एडमिट है.

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अस्पतालों में सर्जरी की सुविधा नहीं
पीएमसीएच और एनएमसीएच जैसे संस्थानों में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या कम है और जितने भी मरीज हैं, प्रतिदिन काफी संख्या में यहां से मरीजों को एम्स और आईजीआईएमएस के लिए रेफर किया जा रहा है, क्योंकि इन अस्पतालों में सर्जरी की सुविधा उपलब्ध नहीं है.

दूसरी लहर से बढ़ा ब्लैक फंगस
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से ब्लैक फंगस के मरीज बढ़े हैं और ब्लैक फंगस में यह देखने को मिला है कि जब मरीज के आंखों की रोशनी कम होने लगती है, तब मरीज अस्पताल पहुंचता है और ऐसे समय में मरीज को सर्जरी की आवश्यकता होती है. लेकिन, राजधानी पटना के सरकारी संस्थानों में सिर्फ आईजीआईएमएस और एम्स में ही सर्जरी हो रही है और यहां क्षमता से अधिक मरीज एडमिट है.

इलाज के लिए भटक रहे मरीज
पीएमसीएच और आईजीआईएमएस जैसे संस्थान से परेशान मरीज इलाज के अभाव में अस्पताल से लौट जा रहे हैं और कई प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के लिए भटक रहे हैं. ऐसे समय में ब्लैक फंगस के सही आंकड़ों का प्रदेश के जनता के सामने आना बेहद आवश्यक है. ब्लैक फंगस के आंकड़ों के लिए जब हमने राज्य स्वास्थ्य समिति का रुख किया, तो वहां से कोई भी आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई.

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