पटना: 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी (जदयू) के मेनिफेस्टो में बिहार के बेरोजगारों को रोजगार देने का वादा किया था. इस वादे को पूरा करने में बिहार सरकार गंभीरता से जुट गई है.
शुक्रवार को मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में कई विभागों के अधिकारियों के साथ रोजगार सृजन को लेकर बैठक हुई. रोजगार सृजन को लेकर सबसे अधिक उद्योग विभाग पर फोकस किया जा रहा है. मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि राज्य में सिंगल विंडो सिस्टम को मजबूती से लागू किया जाएगा.
पिछले 12 साल से सिंगल विंडो सिस्टम लागू करने का दावा बिहार सरकार द्वारा किया जाता रहा है. सिंगल विंडो सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए संबंधित विभाग के कर्मचारियों, अधिकारियों के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्र के विशेषज्ञों को भी जोड़ने की कवायद की जाएगी. जिससे निवेशक को काम करने के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके.
लैंड बैंक बढ़ाने की कवायद तेज
बिहार में बियाडा के तहत लैंड बैंक बढ़ाने की कवायद भी तेज की जा रही है. सभी नए स्टेट हाईवे और नेशनल हाईवे के आसपास सरकार लैंड बैंक बनाएगी. जिससे उद्योग लगाने के लिए राज्य सरकार जमीन उपलब्ध करा सके. गौरतलब है कि वर्तमान में बियाडा के पास बहुत कम जमीन बची है.
उद्योग विभाग देगा ट्रेनिंग
राज्य में बड़े उद्योग नहीं लग रहे हैं, जिसके चलते सरकार ने कई नियमों में बदलाव किया है और लघु व कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने का मन बना लिया है. लघु, कुटीर और सूक्ष्म उद्योग को बढ़ाने के लिए उद्योग विभाग ट्रेनिंग देने की भी तैयारी कर रही है. जिससे लघु और कुटीर उद्योग से जुड़े लोगों को बाजार के डिमांड की जानकारी मिल सके.
मुख्य सचिव दीपक कुमार ने उद्योग विभाग के साथ करीब 2 घंटे तक बैठक की. उन्होंने विभाग के नए प्लान के बारे में विस्तृत जानकारी ली. उद्योग विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने कहा "जल्द विभाग के नए प्लान को मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा."
गौरतलब है कि पिछले 15 साल में नीतीश कुमार ने कई प्रयास किए, लेकिन बिहार में एक भी बड़ा उद्योग या कारखाना नहीं लगा. इसके चलते बिहार सरकार ने निर्णय लिया है कि स्थानीय उत्पादन और छोटे उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि लोगों को अपने घर में ही काम मिल सके. काम की तलाश में उन्हें प्रवास न करना पड़े.