पटना: बिहार विधानसभा चुनाव दिलचस्प बनता जा रहा है. एक तरफ नीतीश कुमार का एनडीए की ओर से सीएम का फेस हैं. वहीं, दूसरी तरफ युवा नेता तेजस्वी यादव और युवा चिराग पासवान ने उन्हें घेर रखा है. राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो दोनों युवा नेता नीतीश कुमार को कड़ी चुनौती दे रहे हैं. वजह यह है कि तेजस्वी और चिराग बिहार हित से जुड़े जिन मुद्दे को उठा रहे हैं, वो खासकर युवा वर्ग से जुड़ा हुआ है. हाल के दिनों में बड़ी संख्या में युवा तेजस्वी और चिराग के साथ जुड़े भी हैं. इस वजह से आने वाले समये में नीतीश कुमार की मुश्किलें और भी बढ़ सकतीं हैं.
'युवाओं के मुद्दे को नजरअंदाज कर रहे हैं नीतीश'
बिहार में मुकाबला नीतीश कुमार और तेजस्वी के बीच ही हो रहा है. लेकिन चिराग पासवान की एंट्री ने नीतीश कुमार की नींदे उड़ा दी है. नीतीश कुमार को बिहार के दो युवा चेहरों से मुकाबला करना पड़ रहा है और कई मौकों पर दोनों युवा सीएम पर भारी पड़ते भी दिख रहे हैं. खासकर बिहार को विकसित बनाने और बेरोजगारी जैसे मुद्दे पर नीतीश और उनकी पार्टी के नेता जवाब नहीं दे पा रहे हैं. बेरोजगारी और पलायन के सावल पर जदयू के नेता 15 साल के लालू काल और नीतीश शासन काल में हुआ विकास कार्यों की गिनाने में लगे हुए हैं.
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इस मामले पर राजनीतिक विशेषज्ञ अजय झा का कहना है नीतीश कुमार युवाओं की समस्या को नहीं समझ पा रहे हैं, या समझ कर भी समझना नहीं चाह रहे हैं. उन्होंने बताया कि एक तरफ तेजस्वी यादव को उनके पिता के लिए जवाबदेह बनाया जा रहा है, दूसरी तरफ चिराग पासवान एनडीए से निकलकर बीजेपी को लाभ पहुंचाने की बात कर रहे हैं.
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अजय झा का कहना है कि चिराग पासवान तो पढ़े लिखे भी हैं और सिनेमाई दुनिया से भी आए हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सहारा जरूर मिल रहा है. इसका लाभ एनडीए को मिलेगा. उन्होंने बताया कि बिहार में युवाओं की आबादी काफी अधिक है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में युवाओं की सबसे बड़ी परेशानी रोजगार और पलायन हैं. जिसे तेजस्वी और चिराग पासवान बखूबी उठा रहे हैं. अजय झा की मानें तो लोजपा अध्यक्ष और राजद नेता को आने वाले समये में युवाओं के साथ का लाभ मिल सकता है.
तेजस्वी और चिराग के चक्रव्यूह में फंसी जदयू
इस बार के चुनाव में भी बीजेपी ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. इस वजह से नीतीश कुमार को थोड़ी राहत जरूर मिल रही है. लेकिन यह भी तय है कि युवा नेता चिराग और तेजस्वी से नीतीश को कड़ी चुनौती मिल रही है. जिस वजह से जदयू तेजस्वी और चिराग के चक्रव्यू में फंसती दिख रही है. राजनीतिक जानकारों की माने तो राजग में बड़े भाई की भूमिका में रहने के बावजूद चुनाव परिणाम के बाद जदयू बड़े भाई की भूमिका में रह पाएगी या नहीं यह कहना मुश्किल हैं.
तीन चरणों में होंगे विधानसभा चुनाव
बता दें कि बिहार विधानसभा के 243 सीट के लिए तीन चरणों में मतदान होने हैं. मतदान 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर को होगा. जबकि, मतों की गणना 10 नवंबर को होगी. पहले चरण के चुनाव में 16 जिले के 71 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे, जबकि 3 नवंबर को दूसरे चरण के लिए 17 जिले के 94 सीट और 7 नवंबर को तीसरे चरण में 15 जिलों की 78 सीटों पर मतदान होगा.
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वहीं, बात अगर विधान परिषद चुनाव की करें तो स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से बिहार विधान परिषद के चुनाव को लेकर 22 अक्टूबर को मतदान होगा. शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की सीटों में पटना, दरभंगा, तिरहुत और सारण की सीटें इनमें शामिल हैं. वहीं, स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में पटना, दरभंगा, तिरहुत व कोसी की सीटें हैं. इन सीटों पर 22 अक्टूबर को सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक मतदान होगा. जबकि, मतगणना के बाद 12 नवंबर को परिणाम जारी कर दिए जाएंगे.