ETV Bharat / state

डॉक्टरों की चेतावनी! 'छठ घाटों पर कोरोना गाइडलाइन की उड़ी है धज्जियां, बच्चों के सेहत का रखें विशेष ध्यान' - कोरोना संक्रमण का खतरा

छठ पूजा के दौरान जिस तरह से छठ घाटों पर लोगों की भीड़ जुटी और इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन नहीं कराया गया, उससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. आईजीआईएमएस के डॉ. ऋषभ कुमार ने कहा कि कोरोना के तीसरे लहर का बहुत बड़ा कारण बन सकता है और इससे बहुत लोगों की जान पर संकट आ सकता है. ऐसे में अभी आने वाले 15 से 20 दिन लोगों को बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है. पढ़ें पूरी खबर..

Bihar doctor advised on possibilities of corona third wave
Bihar doctor advised on possibilities of corona third wave
author img

By

Published : Nov 12, 2021, 8:40 PM IST

पटना: बिहार में कोरोना (Corona) का खतरा अभी टला नहीं है. गृह मंत्रालय ने भी 30 नवंबर तक कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन (Strictly Follow Corona Guidelines) कराने का निर्देश दिए हैं. कोरोना को लेकर गृह मंत्रालय ने 30 नवंबर तक अलर्ट पर सभी राज्यों को रखा है लेकिन छठ पूजा (Chhath Puja) में गंगा घाटों पर जिस प्रकार लोगों की बेतरतीब भीड़ बिना मास्क के नजर आई, इससे एक बार प्रदेश में फिर से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. सर्वाधिक खतरा उन लोगों पर ह, जो अब तक वैक्सीनेटेड नहीं है. खासकर 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों पर संक्रमण का खतरा काफी अधिक है.

यह भी पढ़ें - त्योहार खत्म... अब बिहार से पलायन शुरू, कैसे जाएं परदेस... रोजगार के लिए टिकट जरूरी

छठ के दौरान जिला प्रशासन की ओर से लगातार कोरोना गाइडलाइन के पालन की अपील की जाती रही. कोरोना को लेकर हर जगह गंभीरता का दावा भी किया गया, लेकिन सख्ती के नाम पर कुछ भी नजर नहीं आया. कोरोना गाइडलाइन पालन कराने के लिए दंडाधिकारियों, अधिकारियों, पुलिस बल आदि की पर्याप्त नियुक्ति की गई, लेकिन जब पालन कराने की बात आई तो घाट पर गाइडलाइन पालन कराते कोई नजर नहीं आया. घाट पर जब छठ घाट निर्माण की तैयारी शुरू हुई तो वरीय अधिकारी बीते 2 सप्ताह से सभी अधिकारियों को गाइडलाइन कैसे पालन करना है. इस बात की प्रतिदिन जानकारी देते थे. समीक्षा बैठक में अलग से कोरोना गाइडलाइंस को लेकर आधे से 1 घंटे तक चर्चा होती थी, लेकिन पटना शहर की बात करें तो दीघा से लेकर पटना सिटी तक कहीं कोरोना को लेकर गंभीरता नहीं दिखी.

देखें वीडियो

पटना शहर में कुल 96 घाट बनाए गए थे और जिले में कुल 550 घाट लेकिन हर जगह वही दृश्य नजर आया. लोग जिस प्रकार भीड़ में बिना चेहरे पर मास्क के दिखे हैं, उसके बाद चिकित्सक आने वाले दिनों के लिए चिंता जाहिर कर रहे हैं. चिकित्सकों का कहना है कि अगले 2 सप्ताह बेहद महत्वपूर्ण हैं खासकर बच्चों के दृष्टिकोण से. जो बच्चे छठ घाट पर बिना चेहरे पर मास्क के भीड़ में छठ इंजॉय करते नजर आए हैं, उनके अभिभावकों को उनके स्वास्थ्य पर 2 सप्ताह गंभीरता से नजर बनाए रखनी होगी. फ्लू और फीवर की शिकायत आने पर तुरंत चिकित्सकों से परामर्श करें और कोरोना जांच कराएं.

आईजीआईएमएस पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. ऋषभ कुमार ने कहा कि, "कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है. छठ पूजा के दौरान घाटों पर लोगों ने कोरोना गाइडलाइंस का पूरा उल्लंघन किया है और प्रशासन की तरफ से भी इसको पालन कराने के लिए कोई पहल होता हुआ नजर नहीं आया. यह कोरोना के तीसरे लहर का बहुत बड़ा कारण बन सकता है और इससे बहुत लोगों की जान पर संकट आ सकता है. ऐसे में अभी आने वाले 15 से 20 दिन लोगों को बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है."

डॉ. ऋषभ कुमार ने कहा कि पहले जो गलती हुई है अब इसे दोहराने की आवश्यकता नहीं है. घर से बाहर निकले तो चेहरे पर मास्क का प्रयोग करें, भीड़ भाड़ वाली जगह पर बिना चेहरे पर मास्क के ना जाएं. उन्होंने कहा कि भले ही कुछ समय के लिए अभी कोरोना के मामले कम हुए हैं लेकिन यह अभी खत्म नहीं हुआ है.


"अभी के समय कोरोना को लेकर हाई रिस्क जोन पर बच्चे हैं जो अब तक वैक्सीनेशन के दायरे से बाहर हैं. इसलिए अभी के समय बच्चों को लेकर विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है. घर के बड़े सदस्य भले ही दोनों डोज का वैक्सीनेशन ले लिए हो, लेकिन वह एक साइलेंट कैरियर बन सकते हैं. छठ पूजा में बाहर उन प्रदेशों से भी लोग पहुंचे, जहां कोरोना के एक्टिव मामले काफी अधिक हैं और जब वह प्रदेश पहुंचे तो यहां पर सही तरीके से उनका जांच भी नहीं हुआ है. बाहर से आए काफी अधिक लोगों का कोरोना जांच नहीं हो पाया, जो कि एक कटु सत्य है. इनमें अगर कोई माइल्ड सिम्टम्स से संक्रमित हो वह काफी लोगों को कोरोना से संक्रमित कर सकता है. छठ पूजा मनाने घाट पर ऐसे लोग भी पहुंचे और वहां बिना चेहरे पर मास्क लगाए बच्चे भी मौजूद रहे."- डॉ. ऋषभ कुमार, आईजीआईएमएस

डॉक्टर ऋषभ ने कहा कि कोई भी फ्लू सामान्य तौर पर अपना लक्षण 3 से 4 दिनों बाद ही दिखाता है तो यह कोरोना के लिए भी लागू होता है. ऐसे में आने वाले 15 दिन तक बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष नजर बनाए रखें. अभी के समय जनरल फ्लू भी काफी फैलता है लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं करें. सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर कोरोना जांच की प्रक्रिया चाहे आरटीपीसीआर हो या एंटीजन कीट के माध्यम से हो पूरी तरह से निशुल्क है. ऐसे में फ्लू के लक्षण दिखने पर बच्चों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाकर कोरोना का जांच कराएं.

"कोरोना के समय लोगों को कुछ दवाइयां याद हो गई जैसे कि अजित्रोमायकिन, लिवो सिट्रीज़ीन, मोंटेक एलसी इत्यादि. अभी के समय यह देखने को मिल रहा है कि अगर घर में किसी भी सदस्य को चाहे वह बच्चे ही क्यों ना हो किसी को फ्लू के सिस्टम दिख रहे हैं तो घरवाले इन्हीं दवाइयों का सेवन शुरू करा दे रहे हैं जो सरासर गलत है. यह बच्चों के स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बहुत अधिक घातक है. बच्चों को अगर फ्लूक्षके सिम्टम्स दिखते हैं तो उन्हें लेकर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर से कंसल्ट करें और बिना डॉक्टर के परामर्श के कोई भी दवाइयां ना खिलाए."- डॉ. ऋषभ कुमार, आईजीआईएमएस

यह भी पढ़ें -

कोरोना के लिहाज से फेस्टिवल सीजन को लेकर बिहार कितना है तैयार? जानें एक्सपर्ट की राय

यात्रीगण कृपया ध्यान दें! इन स्पेशल ट्रेनों में कनफर्म टिकट मिलने का चांस, परिचालन आज से शुरू

पटना: बिहार में कोरोना (Corona) का खतरा अभी टला नहीं है. गृह मंत्रालय ने भी 30 नवंबर तक कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन (Strictly Follow Corona Guidelines) कराने का निर्देश दिए हैं. कोरोना को लेकर गृह मंत्रालय ने 30 नवंबर तक अलर्ट पर सभी राज्यों को रखा है लेकिन छठ पूजा (Chhath Puja) में गंगा घाटों पर जिस प्रकार लोगों की बेतरतीब भीड़ बिना मास्क के नजर आई, इससे एक बार प्रदेश में फिर से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. सर्वाधिक खतरा उन लोगों पर ह, जो अब तक वैक्सीनेटेड नहीं है. खासकर 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों पर संक्रमण का खतरा काफी अधिक है.

यह भी पढ़ें - त्योहार खत्म... अब बिहार से पलायन शुरू, कैसे जाएं परदेस... रोजगार के लिए टिकट जरूरी

छठ के दौरान जिला प्रशासन की ओर से लगातार कोरोना गाइडलाइन के पालन की अपील की जाती रही. कोरोना को लेकर हर जगह गंभीरता का दावा भी किया गया, लेकिन सख्ती के नाम पर कुछ भी नजर नहीं आया. कोरोना गाइडलाइन पालन कराने के लिए दंडाधिकारियों, अधिकारियों, पुलिस बल आदि की पर्याप्त नियुक्ति की गई, लेकिन जब पालन कराने की बात आई तो घाट पर गाइडलाइन पालन कराते कोई नजर नहीं आया. घाट पर जब छठ घाट निर्माण की तैयारी शुरू हुई तो वरीय अधिकारी बीते 2 सप्ताह से सभी अधिकारियों को गाइडलाइन कैसे पालन करना है. इस बात की प्रतिदिन जानकारी देते थे. समीक्षा बैठक में अलग से कोरोना गाइडलाइंस को लेकर आधे से 1 घंटे तक चर्चा होती थी, लेकिन पटना शहर की बात करें तो दीघा से लेकर पटना सिटी तक कहीं कोरोना को लेकर गंभीरता नहीं दिखी.

देखें वीडियो

पटना शहर में कुल 96 घाट बनाए गए थे और जिले में कुल 550 घाट लेकिन हर जगह वही दृश्य नजर आया. लोग जिस प्रकार भीड़ में बिना चेहरे पर मास्क के दिखे हैं, उसके बाद चिकित्सक आने वाले दिनों के लिए चिंता जाहिर कर रहे हैं. चिकित्सकों का कहना है कि अगले 2 सप्ताह बेहद महत्वपूर्ण हैं खासकर बच्चों के दृष्टिकोण से. जो बच्चे छठ घाट पर बिना चेहरे पर मास्क के भीड़ में छठ इंजॉय करते नजर आए हैं, उनके अभिभावकों को उनके स्वास्थ्य पर 2 सप्ताह गंभीरता से नजर बनाए रखनी होगी. फ्लू और फीवर की शिकायत आने पर तुरंत चिकित्सकों से परामर्श करें और कोरोना जांच कराएं.

आईजीआईएमएस पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. ऋषभ कुमार ने कहा कि, "कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है. छठ पूजा के दौरान घाटों पर लोगों ने कोरोना गाइडलाइंस का पूरा उल्लंघन किया है और प्रशासन की तरफ से भी इसको पालन कराने के लिए कोई पहल होता हुआ नजर नहीं आया. यह कोरोना के तीसरे लहर का बहुत बड़ा कारण बन सकता है और इससे बहुत लोगों की जान पर संकट आ सकता है. ऐसे में अभी आने वाले 15 से 20 दिन लोगों को बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है."

डॉ. ऋषभ कुमार ने कहा कि पहले जो गलती हुई है अब इसे दोहराने की आवश्यकता नहीं है. घर से बाहर निकले तो चेहरे पर मास्क का प्रयोग करें, भीड़ भाड़ वाली जगह पर बिना चेहरे पर मास्क के ना जाएं. उन्होंने कहा कि भले ही कुछ समय के लिए अभी कोरोना के मामले कम हुए हैं लेकिन यह अभी खत्म नहीं हुआ है.


"अभी के समय कोरोना को लेकर हाई रिस्क जोन पर बच्चे हैं जो अब तक वैक्सीनेशन के दायरे से बाहर हैं. इसलिए अभी के समय बच्चों को लेकर विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है. घर के बड़े सदस्य भले ही दोनों डोज का वैक्सीनेशन ले लिए हो, लेकिन वह एक साइलेंट कैरियर बन सकते हैं. छठ पूजा में बाहर उन प्रदेशों से भी लोग पहुंचे, जहां कोरोना के एक्टिव मामले काफी अधिक हैं और जब वह प्रदेश पहुंचे तो यहां पर सही तरीके से उनका जांच भी नहीं हुआ है. बाहर से आए काफी अधिक लोगों का कोरोना जांच नहीं हो पाया, जो कि एक कटु सत्य है. इनमें अगर कोई माइल्ड सिम्टम्स से संक्रमित हो वह काफी लोगों को कोरोना से संक्रमित कर सकता है. छठ पूजा मनाने घाट पर ऐसे लोग भी पहुंचे और वहां बिना चेहरे पर मास्क लगाए बच्चे भी मौजूद रहे."- डॉ. ऋषभ कुमार, आईजीआईएमएस

डॉक्टर ऋषभ ने कहा कि कोई भी फ्लू सामान्य तौर पर अपना लक्षण 3 से 4 दिनों बाद ही दिखाता है तो यह कोरोना के लिए भी लागू होता है. ऐसे में आने वाले 15 दिन तक बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष नजर बनाए रखें. अभी के समय जनरल फ्लू भी काफी फैलता है लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं करें. सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर कोरोना जांच की प्रक्रिया चाहे आरटीपीसीआर हो या एंटीजन कीट के माध्यम से हो पूरी तरह से निशुल्क है. ऐसे में फ्लू के लक्षण दिखने पर बच्चों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाकर कोरोना का जांच कराएं.

"कोरोना के समय लोगों को कुछ दवाइयां याद हो गई जैसे कि अजित्रोमायकिन, लिवो सिट्रीज़ीन, मोंटेक एलसी इत्यादि. अभी के समय यह देखने को मिल रहा है कि अगर घर में किसी भी सदस्य को चाहे वह बच्चे ही क्यों ना हो किसी को फ्लू के सिस्टम दिख रहे हैं तो घरवाले इन्हीं दवाइयों का सेवन शुरू करा दे रहे हैं जो सरासर गलत है. यह बच्चों के स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बहुत अधिक घातक है. बच्चों को अगर फ्लूक्षके सिम्टम्स दिखते हैं तो उन्हें लेकर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर से कंसल्ट करें और बिना डॉक्टर के परामर्श के कोई भी दवाइयां ना खिलाए."- डॉ. ऋषभ कुमार, आईजीआईएमएस

यह भी पढ़ें -

कोरोना के लिहाज से फेस्टिवल सीजन को लेकर बिहार कितना है तैयार? जानें एक्सपर्ट की राय

यात्रीगण कृपया ध्यान दें! इन स्पेशल ट्रेनों में कनफर्म टिकट मिलने का चांस, परिचालन आज से शुरू

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.