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Patna News: 'बिहार में सरकार बदलने के बाद धार्मिक न्यास बोर्ड का पोर्टल नहीं हो पाया लॉन्च, कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा धार्मिक न्यास बोर्ड' - बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड

बिहार में सरकार बदले हुए एक साल से ज्यादा हो गया है लेकिन अबतक धार्मिक न्यास बोर्ड का पोर्टल लॉन्च नहीं किया गया है. बोर्ड में कई तरह की असुविधा है, जिसको लेकर सरकार ध्यान नहीं दे रही है. पढ़ें पूरी खबर..

बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड
बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड
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Published : Aug 22, 2023, 8:36 AM IST

Updated : Aug 22, 2023, 8:48 AM IST

बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड

पटना: बिहार में एनडीए की सरकार थी तो धार्मिक न्यास बोर्ड ने बिहार के उन तमाम मठ और मंदिरों का ब्यौरा पोर्टल पर रखने का ऐलान किया था. यानी कि तमाम मंदिर मठ के पास कितनी जमीन है, कितनी संपत्ती है, इनसब चीजों की जानकारी कोई भी व्यक्ति एक क्लिक पर देख सकते हैं. इसको लेकर काम किया गया था. लेकिन सरकार बदलने के बाद से अभी तक पोर्टल लॉन्च नहीं किया गया है.

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धार्मिक न्यास बोर्ड का पोर्टल नहीं हुआ लॉन्च: धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश जैन ने पिछले साल 2022 में कहा था कि पोर्टल को लॉन्च किया जाएगा. अभी वर्तमान में महागठबंधन की सरकार है और अभी तक धार्मिक न्यास बोर्ड पोर्टल को लॉन्च नहीं कर पाई है. धार्मिक न्यास बोर्ड में अभी भी कई रिक्त पद हैं. धार्मिक न्यास बोर्ड का भवन भी जर्जर हालत में चल रहा है. ऐसे कई सवालों के जवाब को लेकर हमने धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश जैन से बातचीत की.

बोर्ड में है कई पद रिक्त: अखिलेश जैन ने कहा कि धार्मिक न्यास बोर्ड में 11 मेंबर होते हैं. 11 मेंबर पूर्ण हैं. कर्मचारियों की कमी को लेकर उन्होंने कहा की कर्मचारियों की कमी है और कर्मचारियों की बहाली बोर्ड कर सकती है. हालांकि, नियुक्ति इंक्वायरी होती है. इसलिए धार्मिक न्यास बोर्ड के तरफ से पब्लिक सर्विस कमीशन, सामान्य प्रशासन विभाग को भी पत्र लिखा गया था कि आप अपने सोर्सेज के अनुसार रिक्त पदों की बहाली करें, लेकिन आज तक इस पर कोई अमल नहीं किया गया है.

जर्जर हालत में है बोर्ड का भवन: बता दें कि धार्मिक न्यास बोर्ड में 20 कर्मचारियों का रिक्त पद है. ऐसे में रिक्त पद होने के कारण एक कर्मचारी को दो-दो काम करना पड़ रहा है, जिससे कर्मचारी भी परेशान हैं लेकिन कैमरे के सामने बोलने से डर रहे हैं. धार्मिक न्यास बोर्ड के तरफ से सरकार से 10 करोड़ रुपए मांगे गए थे लेकिन सरकार के बजट से धार्मिक न्यास बोर्ड को 1 करोड़ रुपए दिया गया. जिस कारण से धार्मिक न्यास बोर्ड भवन का मेंटेनेंस नहीं हो पा रहा है और साथ ही साथ अगर 10 करोड रुपए सरकार के तरफ से धार्मिक न्यास बोर्ड को मिलता तो ऐतिहासिक मंदिर को भी जिनोर्धार किया जाता, जिससे की मंदिर की आय बढ़ती.

"हमारी कोशिश है कि बिहार के तमाम मंदिरों और मठ की परिसंपत्तियों की जानकारी इकट्ठा करके एक पोर्टल पर रखा जाए, जिससे कि किसी के द्वारा मंदिर मठ की जमीन पर कब्जा नहीं किया जा सके. पोर्टल विधि विभाग के द्वारा बनाया जाना है. राज्य के तमाम जिलाधिकारी के सहयोग से ही यह संभव हो पाएगा."- अखिलेश जैन, धार्मिक न्यास बोर्ड

सरकार को कई बार लिखा गया पत्र: अखिलेश जैन ने जिलाधिकारी पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि विधि विभाग और धार्मिक न्यास बोर्ड के तरफ से कई बार पत्र लिखा गया कि आप अपने क्षेत्र के तमाम मंदिरों का ब्यौरा धार्मिक न्यास बोर्ड को मुहैया कराए, लेकिन अभी तक मात्र 8 से 9 जिलों के जिलाधिकारी द्वारा डिटेल्स मुहैया कराया गया है. उन्होंने कहा कि इस पोर्टल को लॉन्च के लिए विधि विभाग के मंत्री के साथ बैठक की गई थी. 15 दिन बीत जाने के बावजूद भी अभी तक राज्य के तमाम जिलाधिकारी के द्वारा ब्यौरा मुहैया नहीं कराया जा रहा है.

बोर्ड अध्यक्ष ने सरकार पर उठाए सवाल: सरकार से जो राशि की मांग की गई थी उस में कटौती की गई. धार्मिक न्यास बोर्ड में जो कर्मियों की कमी है, नए कर्मियों की भर्ती नहीं की जा रही है. जर्जर भवन को ठीक कराने के लिए भवन निर्माण को भी पत्र लिखा गया लेकिन अभी तक सरकार के तरफ से कोई पहल नहीं की गई. मंदिर मठ की संपत्तियों की जानकारी जुटाना के लिए धार्मिक न्यास बोर्ड के तरफ से जो पहल की जा रही है, इस पर भी कोई पहल नहीं हुआ. नतीजा यह है कि धार्मिक न्यास बोर्ड से निबंधित 4500 से ज्यादा मठ मंदिर है, लेकिन दुर्भाग्य से 90% से ज्यादा मंदिरों की मठों की संपत्तियों का डिटेल धार्मिक न्यास के पास नहीं है.

Last Updated : Aug 22, 2023, 8:48 AM IST

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