पटनाः कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर (Corona Third Wave In Bihar) की जद में बिहार भी आ चुका है. कोरोना के रोज मिलने वाले मरीजों की संख्या अब लगभग 6 हजार के करीब पहुंच चुकी है. वहीं, राजधानी पटना कोरोना का हॉटस्पॉट बना (Patna Corona Update) हुआ है. रोज मिलने वाले कुल मरीजों में आधे से ज्यादा संक्रमित अकेले पटना में मिल रहे हैं. ऐसे में चिंता काफी बढ़ गई है.
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बिहार में बीते 24 घंटे में कोरोना के 5908 नए संक्रमित मिले हैं, वहीं अकेले पटना में 2529 संक्रमितों की पहचान हुई है. पटना में मिलने वाले मरीजों में 86 फॉलोअप केस हैं. फॉलोअप केस कहने का मतलब है कि वैसे मरीज जो पहले से संक्रमित थे, उनकी कोविड की स्थिति जानने के लिए दोबारा जांच किया गया.
2529 मरीजों में 310 लोगों ने जांच पटना में कराई लेकिन वे पटना के बाहर के हैं. ऐसे में केवल पटना की बात करें तो 2136 मरीज मिले हैं. स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में काम कर रहा है. रेलवे स्टेशन से लेकर एयरपोर्ट तक सख्ती बढ़ा दी गई है. बाहर से आने वाले मरीजों की भी सघन जांच की जा रही है.
कोरोना की तीसरी लहर में बड़ी तादाद में बच्चे भी संक्रमित हो रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय ने सभी उम्र वर्ग में संक्रमण के अनुपात की जानकारी दी है.
- 0-9 वर्ष के 1.9% बच्चे संक्रमित हो रहे हैं.
- 10 से 19 वर्ष के युवाओं के संक्रमण का अनुपात 10.0% है.
- 20 से 29 वर्ष के युवा का अनुपात 20.0% है.
- 30 से 39 वर्ष के युवा का अनुपात 23.9% है.
- 40 से 49 उम्र के 15.2% व्यक्ति संक्रमित हो रहे हैं.
- 50 से 59 उम्र वाले 12.2% लोग संक्रमित हो रहे हैं.
- वहीं 60 वर्ष से ऊपर वाले 8.2% लोग संक्रमण का शिकार बन रहे हैं.
प्रदेश में 1 जनवरी से 10 जनवरी के बीच सामने आए संक्रमण के नए मामले में 66.9 फ़ीसदी पुरुष और 33.1 फीसदी महिलाएं संक्रमित हुई हैं.
स्वास्थ्य विभाग के ईडी ने बताया कि दोनों वैक्सीन का लगभग एक करोड़ डोज प्रदेश में उपलब्ध है. किसी तरह की कमी वैक्सीन में नहीं है. जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 15 से 17 साल उम्र ग्रुप में बच्चों का 19.70 लाख वैक्सीनेशन हुआ है.
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स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार कोविड गाइडलाइन को रिवाइज किया गया है. जिसमें पहले की तरह जांच नहीं की जाएगी. उन्होंने बताया कि लक्षण नही होने वाले लोगों को टेस्ट कराने की जरुरत नहीं है. अगर 60 साल से अधिक उम्र के लोग संक्रमितों के संपर्क में आए हैं, और वे डायबिटीज जैसी बीमारियों के शिकार हैं तो वे टेस्ट जरुर कराएं.
स्वास्थ्य विभाग के सचिव प्रत्यय अमृत ने डाटा जारी करते हुए बताया कि बिहार में 20 साल से 29 साल के बीच 28 फीसदी युवा कोरोना से संक्रमित हैं. जबकि 30 से 39 साल के 23 फीसदी युवा संक्रमित हुए हैं. 0 से 9 साल के बच्चों के संक्रमण की संख्या सबसे कम यानी 1.9 फीसदी है.
उन्होंने कहा कि टेस्टिंग आवश्यक होगी तभी की जाएगी. कोविड के इस लहर यानी तीसही लहर के बारे में सचिव ने बताया कि यह कम्युनिटी स्प्रेड है. लिहाजा अगर किसी की जांच में एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उसे आरटीपीसीआर जांच कराने की जरुरत नहीं है. वहीं, अगर एंटीजन रिपोर्ट निगेटिव है और लक्षण हैं तो वैसे लोगों को आरटीपीसीआर कराना जरुरी है.
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