पटनाः कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर (Corona Third Wave) के बीच नए साल में कोरोना ने बिहार में 6 महीने का रिकॉर्ड तोड़ (Corona Infection In Bihar) दिया है. बीते साल 30 जून को प्रदेश में कोरोना के 260 मामले मिले थे, लेकिन उसके बाद पहली बार एक जनवरी 2022 को प्रदेश में उससे अधिक मामले सामने आए. नए साल में कोरोना के रिकॉर्ड 281 नए संक्रमितों की पहचान के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है.
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साल के पहले दिन कोरोना इस कदर कहर बनकर टूटा कि एनएमसीएच और पटना एम्स के कई डॉक्टर कोरोना संक्रमित हो गए. एनएमसीएच के 16 जूनियर डॉक्टर और एम्स के दो डॉक्टर कोरोना से संक्रमित (Doctors of Nmch Patna Found Corona Positive) पाए गए. संक्रमित सभी डॉक्टरों को आइसोलेट किया गया है.
मिली जानकारी के मुताबिक संक्रमित हुए ये डॉक्टर पटना में बीते दिनों हुए आईएमए के सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे थे. 75 डॉक्टरों की एक साथ आरटीपीसीआर जांच हुई, जिसमें 16 डॉक्टर कोरोना संक्रमित मिले. एनएमसीएच अस्पताल के अधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह ने जूनियर डॉक्टरों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि करते हुए कहा कि इन सभी का दोबारा सैपल जांच के लिए भेजा गया है. रिपोर्ट आने के बाद अस्पताल प्रशासन आगे का कदम उठाएगा.
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बिहार में कोरोना के मामले बीते कुछ दिनों में लगातार बढ़ रहे हैं. 27 दिसंबर को प्रदेश में जहां कोरोना के 26 मामले सामने आए थे. वहीं 28 दिसंबर को यह संख्या बढ़कर 47 हो गई. 29 दिसंबर को यह संख्या 77 हो गई और 30 दिसंबर को 132 नए मरीज मिले. वहीं 31 दिसंबर को 158 नए मामले सामने आए.
बीते 24 घंटे में राज्य में 281 पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद कुल संक्रमितों का आंकड़ा 749 पहुंच गया है. बिहार के 34 जिले कोरोना संक्रमण की चपेट में हैं.
कोरोना के मामले बढ़ने के कारण पटना हॉटस्पॉट बन गया है. राजधानी में एक्टिव मामलों की संख्या 390 हो गई है. हालांकि, 90 फीसदी मरीज हल्के लक्षण के हैं और घर में होम आइसोलेशन में है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से प्रतिदिन मरीजों के हेल्थ का अपडेट लिया जाता है और चिकित्सकों द्वारा फोन पर जरूरी परामर्श भी दिया जा रहा है.
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