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पीयूष गोयल को पत्र लिखकर कैट ने की चीनी सामानों पर ड्यूटी बढ़ाने की मांग - Bihar Cait wrote letter

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को भेजे गए एक पत्र में कैट ने चीन से आयात होने वाले विभिन्न सामानों पर कस्टम ड्यूटी में बढ़ोतरी करने का आग्रह किया है.

पटना
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Published : Aug 24, 2020, 10:45 PM IST

पटना: कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) बिहार ने इस साल की दिवाली को हिंदुस्तानी दिवाली के रूप में मनाने के लिए सरकार से समर्थन मांगा है. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को भेजे गए एक पत्र में कैट ने चीन से आयात होने वाले विभिन्न सामानों पर कस्टम ड्यूटी में बढ़ोतरी करने का आग्रह किया है. वहीं चीन द्वारा अपने उत्पादों को भारत में भेजने हेतु वैकल्पिक मार्ग को बंद करने, विभिन्न ई-पोर्टल पर प्रत्येक वस्तु के साथ निर्माता देश का अनिवार्य उल्लेख को 1 सितंबर 2020 से लागू करने, देश की सुरक्षा के लिए खतरा 30 अन्य चीनी ऐप्सों पर प्रतिबन्ध लगाने, भारत में 5G नेटवर्क में चीनी कम्पनी हुवावे और जेडटीई कारपोरेशन पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग की है.

कैट बिहार चैप्टर के चेयरमैन कमल नोपानी व कैट अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने कहा कि आगामी त्योहारों का मौसम जिसमें दिवाली भी शामिल है. निर्विवाद रूप से भारत का सबसे बड़ा त्योहारी उत्सव है. सितंबर से शुरू होने वाले अगले चार महीने प्रतिवर्ष देश में क्रय महीने के रूप में जाने जाते हैं. इसलिए चीनी सामानों की खपत को कम करने और भारतीय सामानों की खरीद को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत को पूरा करने की दिशा में स्थानीय सामान के उपयोग को महत्व देना आवश्यक है.

पटना
बिहार कैट का पत्र

'खुदरा व्यापार के सामानों पर कस्टम ड्यूटी में वृद्धि आवश्यक'
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को लिखे अपने पत्र में कैट ने सुझाव दिया कि भगवान की मूर्तियां और प्रतिमाएं, इलेक्ट्रिक गुड्स जैसे सजावटी इलेक्ट्रिक बल्ब श्रृंखला, सजावटी सामान, खिलौने, वस्त्र, घरेलू उपकरण, वस्त्र, इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स कैमरा जैसे उत्पादों पर आयात शुल्क में तार्किक वृद्धि बेहद आवश्यक है. वहीं सौर ऊर्जा मॉड्यूल, बैटरी और सैल, इनवर्टर, सफाई उपकरण, फर्निशिंग फैब्रिक, फर्नीचर, एल्यूमीनियम के बर्तन और अन्य एल्यूमीनियम के सामान, कागज और स्टेशनरी, सौंदर्य उत्पाद, एफएम-सीजी सामान, उपभोक्ता वस्तुएं और खुदरा व्यापार के अन्य सामानों पर कस्टम ड्यूटी में वृद्धि आवश्यक है.

पटना
कैट अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा

'आवश्यक कदम उठाने की तत्काल आवश्यकता'
कैट बिहार वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुकेश नन्दन ने आगे कहा कि चूंकि केंद्र सरकार ने बुनियादी ढांचा, राजमार्ग, रेलवे आदि सहित कई प्रमुख क्षेत्रों में चीनी कंपनियों की भागीदारी को प्रतिबंधित करने के लिए कई असाधारण और अनुकरणीय कदम उठाए हैं. जो चीन के लिए एक बड़ा संकेत हैं. हम मानते हैं कि चीन सीधे भारत को माल निर्यात नहीं करने की एक और रणनीति अपना कर आसियान और सार्क देशों के माध्यम से चीनी सामान भारत में भेज सकता है. इसलिए ऐसे मार्गों से भारत में चीनी वस्तुओं के आयात को रोकने के लिए भी आवश्यक कदम उठाने की तत्काल आवश्यकता है.

पटना
कैट बिहार चैप्टर के चेयरमैन कमल नोपानी

'निर्माण देश का उल्लेख करना अनिवार्य'
कैट बिहार ई कामर्स प्रभारी जितेन्द्र कुमार और पटना प्रमण्ल अध्यक्ष प्रिंस कुमार राजू ने कहा कि यह एक सर्वविदित तथ्य है कि भारत में व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करने वाली अधिकांश प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियां उपभोक्ताओं की जानकारी के बिना चीनी सामान बेच रही हैं. वहीं उपभोक्ता को यह मालूम ही नहीं है, की वो किस देश का सामान खरीद रहे हैं. सरकार द्वारा हाल ही में ई-पोर्टल पर बिकने वाले प्रत्येक सामान पर निर्माण देश का उल्लेख करना अनिवार्य किया गया है. चूंकि अगले चार महीने हर साल खरीद के लिए बड़े अवसर होते हैं. इस दृष्टि से सरकार निर्माण देश का नाम लिखने के प्रावधान को 1 सितंबर 2020 से ई-पोर्टल पर लिखने के प्रावधान को लागू किया जाए.

पटना: कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) बिहार ने इस साल की दिवाली को हिंदुस्तानी दिवाली के रूप में मनाने के लिए सरकार से समर्थन मांगा है. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को भेजे गए एक पत्र में कैट ने चीन से आयात होने वाले विभिन्न सामानों पर कस्टम ड्यूटी में बढ़ोतरी करने का आग्रह किया है. वहीं चीन द्वारा अपने उत्पादों को भारत में भेजने हेतु वैकल्पिक मार्ग को बंद करने, विभिन्न ई-पोर्टल पर प्रत्येक वस्तु के साथ निर्माता देश का अनिवार्य उल्लेख को 1 सितंबर 2020 से लागू करने, देश की सुरक्षा के लिए खतरा 30 अन्य चीनी ऐप्सों पर प्रतिबन्ध लगाने, भारत में 5G नेटवर्क में चीनी कम्पनी हुवावे और जेडटीई कारपोरेशन पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग की है.

कैट बिहार चैप्टर के चेयरमैन कमल नोपानी व कैट अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने कहा कि आगामी त्योहारों का मौसम जिसमें दिवाली भी शामिल है. निर्विवाद रूप से भारत का सबसे बड़ा त्योहारी उत्सव है. सितंबर से शुरू होने वाले अगले चार महीने प्रतिवर्ष देश में क्रय महीने के रूप में जाने जाते हैं. इसलिए चीनी सामानों की खपत को कम करने और भारतीय सामानों की खरीद को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत को पूरा करने की दिशा में स्थानीय सामान के उपयोग को महत्व देना आवश्यक है.

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बिहार कैट का पत्र

'खुदरा व्यापार के सामानों पर कस्टम ड्यूटी में वृद्धि आवश्यक'
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को लिखे अपने पत्र में कैट ने सुझाव दिया कि भगवान की मूर्तियां और प्रतिमाएं, इलेक्ट्रिक गुड्स जैसे सजावटी इलेक्ट्रिक बल्ब श्रृंखला, सजावटी सामान, खिलौने, वस्त्र, घरेलू उपकरण, वस्त्र, इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स कैमरा जैसे उत्पादों पर आयात शुल्क में तार्किक वृद्धि बेहद आवश्यक है. वहीं सौर ऊर्जा मॉड्यूल, बैटरी और सैल, इनवर्टर, सफाई उपकरण, फर्निशिंग फैब्रिक, फर्नीचर, एल्यूमीनियम के बर्तन और अन्य एल्यूमीनियम के सामान, कागज और स्टेशनरी, सौंदर्य उत्पाद, एफएम-सीजी सामान, उपभोक्ता वस्तुएं और खुदरा व्यापार के अन्य सामानों पर कस्टम ड्यूटी में वृद्धि आवश्यक है.

पटना
कैट अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा

'आवश्यक कदम उठाने की तत्काल आवश्यकता'
कैट बिहार वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुकेश नन्दन ने आगे कहा कि चूंकि केंद्र सरकार ने बुनियादी ढांचा, राजमार्ग, रेलवे आदि सहित कई प्रमुख क्षेत्रों में चीनी कंपनियों की भागीदारी को प्रतिबंधित करने के लिए कई असाधारण और अनुकरणीय कदम उठाए हैं. जो चीन के लिए एक बड़ा संकेत हैं. हम मानते हैं कि चीन सीधे भारत को माल निर्यात नहीं करने की एक और रणनीति अपना कर आसियान और सार्क देशों के माध्यम से चीनी सामान भारत में भेज सकता है. इसलिए ऐसे मार्गों से भारत में चीनी वस्तुओं के आयात को रोकने के लिए भी आवश्यक कदम उठाने की तत्काल आवश्यकता है.

पटना
कैट बिहार चैप्टर के चेयरमैन कमल नोपानी

'निर्माण देश का उल्लेख करना अनिवार्य'
कैट बिहार ई कामर्स प्रभारी जितेन्द्र कुमार और पटना प्रमण्ल अध्यक्ष प्रिंस कुमार राजू ने कहा कि यह एक सर्वविदित तथ्य है कि भारत में व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करने वाली अधिकांश प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियां उपभोक्ताओं की जानकारी के बिना चीनी सामान बेच रही हैं. वहीं उपभोक्ता को यह मालूम ही नहीं है, की वो किस देश का सामान खरीद रहे हैं. सरकार द्वारा हाल ही में ई-पोर्टल पर बिकने वाले प्रत्येक सामान पर निर्माण देश का उल्लेख करना अनिवार्य किया गया है. चूंकि अगले चार महीने हर साल खरीद के लिए बड़े अवसर होते हैं. इस दृष्टि से सरकार निर्माण देश का नाम लिखने के प्रावधान को 1 सितंबर 2020 से ई-पोर्टल पर लिखने के प्रावधान को लागू किया जाए.

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