पटना: बिहार विधानसभा बजट सत्र में बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने पहली बार बजट पेश किया और बिहार को 2 लाख 18 हजार 303 करोड़ का बजट दिया. अर्थशास्त्री विद्यार्थी विकास ने बताया कि पिछले बार की अगर बात करें तो बिहार को तो 2 लाख 11 हजार करोड़ का बजट दिया गया था. जो पिछली बार के मुकाबले 3 प्रतिशत अधिक है, लेकिन महंगाई 9.8 प्रतिशत बढ़ गई है. जिस कारण 3 प्रतिशत बढ़ोतरी होने के बाद भी लोगों को बजट से कोई खास मदद नहीं मिलेगी.
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बिहार सरकार की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं बजट
जब भी केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया जाता है तो केंद्रीय बजट के भाषण के बाद उसे तत्काल वेबसाइट पर अपलोड किया जाता है. ताकि देश, दुनिया और राज्य के लोग बजट को देख सकें, उसे पढ़ सकें और उसे जान सकें. लेकिन बिहार में ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला. सरकार ने बजट पेश किया, लेकिन उसे वित्त विभाग की वेबसाइट या बिहार सरकार की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं कराया गया. जिससे लोगों को बजट के बारे में जानने और समझने में काफी समस्या हो रही है.
कई विभाग के बजट में बढ़ोतरी
हालांकि, इस बार के बजट में ये जरूर देखने को मिला कि कई चीजों में बजट में बढ़ोतरी की गई है. तो कहीं-कहीं उसे घटाने की भी कोशिश की गई है. एग्रीकल्चर बजट की बात की जाए, तो उसमें थोड़ी सी बढ़ोतरी हुई है. 3152 करोड़ से बढ़कर 3335 किया गया है. वहीं, अगर लघु जल संसाधन विभाग का बजट देखा जाए तो पिछली बार के मुकाबले उसे कम किया गया है. 1199 करोड़ से 1009 करोड़ किया गया.
बजट को बैलेंस रखने की सरकार की कोशिश
अगर बात करें बिहार की तो सिंचाई पर बजट बढ़ाए जाने की जरूरत थी. सरकार ने वह नहीं किया है. बिहार में युवाओं को लेकर के काफी घोषणा की गई. जबकि बजट देखा जाए तो उसे घटा दिया गया है. 169 करोड़ से घटाकर 165 करोड़ कला संस्कृति विभाग का बजट कर दिया गया है. हालांकि बजट को बैलेंस रखने की सरकार ने पूरी कोशिश की है, लेकिन वह फुल फील होता नहीं दिख रहा है.
किसान को हो रहा नुकसान
बिहार के मोकामा टाल में 1,00,000 हेक्टेयर जमीन पर दाल की खेती होती है, वहां के किसानों का कहना है कि उन्हें उचित वाटर मैनेजमेंट की सुविधा उपलब्ध कराई जाए तो वह इतनी पैदावार करेंगे कि पूरे देश के विभिन्न राज्यों को अकेले दाल खिला सकते हैं. लेकिन इस पर भी सरकार ने फोकस नहीं किया. किसानों की फसल एमएसपी रेट पर नहीं बिक्री होने के कारण उन्हें काफी नुकसान हो रहा है.
- किसान मक्का 900 से 1100 प्रति क्विंटल बेच रहे हैं, जबकि एमएसपी 1800 से लेकर 1850 है.
- कृषि प्रधान राज्य होने के बावजूद बिहार में किसानों को काफी नुकसान हो रहा है.
- बिहार में 2012 13 की रिपोर्ट के मुताबिक प्रति व्यक्ति आय 1715 रुपए प्रति महीने है.
- वर्तमान में राष्ट्रीय स्तर पर बिहार के लोगों की आय 9% है. 2005 में बिहार में लोगों की आय 31% थी.
- स्थिर कीमतों पर देखा जाए तो बिहार में प्रति व्यक्ति आय 30,287 रुपए है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर 94,954 रुपए है.
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सरकार को ऐसा लगता है कि पिछले साल के बजट की अपेक्षा इस बार 3% की वृद्धि हुई है. लेकिन महंगाई करीब 10% के आसपास बढ़ी है. ऐसे में 3% बजट बढ़ने से बिहार के लोगों को कुछ खास लाभ नहीं मिल पाएगा. इसलिए सरकार को चाहिए कि सरकार अभी भी सभी पहलुओं को देखते हुए बजट का प्रावधान करें और बजट की राशि को उसी प्रकार इस्तेमाल करें.