पटनाः उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) की तारीखों के ऐलान से पहले ही भाजपा पूरी ताकत झोंक दी है. बीजेपी ने बिहार प्रदेश के नेताओं को भी चुनाव प्रचार में लगाया है. पार्टी ने बिहार के सांसदों और विधायकों के अलावा बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की फौज (Bihar BJP Leaders Role In UP Assembly Election) भी यूपी में उतार दी है. इस दौरान जातिगत समीकरण का खास ध्यान रखा गया है.
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लोकसभा चुनाव से पूर्व उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए लिटमस टेस्ट की तरह है. भाजपा उत्तर प्रदेश को हर हाल में फतह करना चाहती है. लिहाजा प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश में पूरी ताकत झोंक रखी है. उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच बेटी-रोटी का संबंध है. ऐसे में बिहार के नेताओं और कार्यकर्ताों की इस चुनाव में अहम भूमिका मानी जा रही है.
बिहार भाजपा के 205 शीर्ष नेताओं की सूची अब तक जारी की जा चुकी है. उत्तर प्रदेश में भाजपा ने पूर्वांचल को दो प्रांत में बांटा है. गोरखपुर और काशी प्रांत में बड़ी संख्या में बिहार भाजपा के नेताओं की भूमिका तय की गई है. गोरखपुर बस्ती और आजमगढ़ मंडल के 10 जिलों में विधानसभा की 62 सीटें हैं. लिहाजा सांसदों और विधयाकों की जिम्मेदारी सुनिश्चित की गई है.
बिहार के 15 सांसदों की भूमिका उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए तय की जा चुकी है. रामा देवी, अशोक कुमार यादव, प्रदीप सिंह, गोपाल जी ठाकुर, अजय निषाद, जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, राजीव प्रताप रूडी, रामकृपाल यादव, सुशील कुमार सिंह, गोपाल नारायण सिंह, राकेश सिंहा, सुशील कुमार मोदी, रविशंकर प्रसाद, गोपाल नारायण सिंह, सतीश चंद्र दुबे के नाम सूची में शामिल हैं.
8 विधान पार्षदों को भी मैदान में उतारा गया है. इनमें नवल किशोर यादव, राजेंद्र गुप्ता, अर्जुन सहनी, देवेश कुमार, प्रमोद कुमार, निवेदिता सिंह, घनश्याम ठाकुर, सर्वेश कुमार सिंह शामिल हैं. वहीं, इनके अलावा 47 विधायकों की सूची भी यूपी भेजी जा रही है. इनका काम हर विधानसभा क्षेत्र में स्थानयी नेताओं के साथ सामंजस्य बिठाकर काम करने का होगा.
कुल मिलाकर 101 नेताओं की सूची तैयार कर ली गई है. जिसमें सांसद, विधायक, विधान पार्षद, पूर्व विधायक और पूर्व सांसदों के नाम शामिल हैं. राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह को सिराथू विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई है. उनके साथ जय शंकर शर्मा सहयोगी की भूमिका में है. वहीं, सुशील कुमार सिंह को भदोही विधानसभा की जिम्मेदारी दी गई है. उनके साथ राजवंश सिंह सहयोगी होंगे.
सांसद रामकृपाल यादव को शिवपुर विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई है. वे रामकुमार सिंह के साथ काम करेंगे. पार्टी की ओर से हर जिले में 2 प्रवासी कार्यकर्ता नियुक्त किए गए हैं, जिसे जिला प्रवासी का नाम दिया गया है. एक प्रवासी कार्यकर्ता संगठन का काम देखेगा तो दूसरा प्रवासी कार्यकर्ता राजनैतिक कार्यों को देखेगा. हर विधानसभा में यही व्यवस्था कायम की गई है. विधानसभावार दो नेताओं को लगाया गया है.
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अशोक भट्ट को काशी प्रांत के मीडिया इंचार्ज की भूमिका दी गई है. अशोक भट्ट ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि हम उत्तर प्रदेश में नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के कार्यों को जन-जन तक पहुंचाएंगे. उन्होंने जीत का भी दावा किया. बता दें कि यूपी चुनाव में उत्तर प्रदेश से सटे गोपालगंज जिले के पूर्व विधायक और पार्टी के उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी भी काफी सक्रिय हैं
मिथिलेश तिवारी ने कहा है कि कुछ राष्ट्र विरोधी ताकतें पश्चिम बंगाल की तरह उत्तर प्रदेश में भी पहुंच चुके हैं. लेकिन इस बार वहां उनकी दाल गलने वाली नहीं है. हम पीएम मोदी और योगी आदित्यनाथ के काम पर चुनाव में जीत हासिल करेंगे.
यूपी चुनाव में बीजेपी के द्वारा बिहार के नेताओं की फौज उतारने को लेकर राजनैतिक मामलों के जानकार डॉ. संजय जायसवाल का मानना है कि यह चुनाव बीजेपी के लिए काफी अहम है. लोकसभा चुनाव के पहले पार्टी के लिए यह बड़ी चुनौती है. पार्टी किसी भी स्तर पर कमी नहीं रखना चाहती है, लिहाजा बड़ी संख्या में बिहार के नेताओं को मैदान में उतारा गया है.
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