पटना: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन है. आज तीनों वामपंथी दल माले, सीपीआई और सीपीएम के सदस्यों ने विधानसभा के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. वामपंथी दलों के सदस्यों ने शिक्षक नियोजन नियमावली के डोमिसाइल नीति का विरोध कर रहे हैं. साथ ही शिक्षक अभ्यर्थियों की गिरफ्तारी को लेकर भी नाराजगी जता रहे हैं.
शिक्षक नियोजन नीति के विरोध में वाम दल का प्रदर्शन: सीपीआई के संजय कुमार सिंह का कहना है कि, 'हम लोग शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ हैं. सरकार का भले ही समर्थन कर रहे हैं. लेकिन इस मुद्दे पर हम लोग सरकार के खिलाफ हैं.' वहीं सीपीआईएम के विधायक अजय कुमार का कहना है कि, 'डोमिसाइल नीति का हम लोग लगातार विरोध कर रहे हैं और सरकार से इस मामले में विचार करने का आग्रह करेंगे. इस मामले को सदन के अंदर भी हम लोग उठाएंगे.'
शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग: माले के विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा कि हम लोग शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ हैं और सभी वामपंथी दल इस मामले में सरकार के विरोध में है. इस मामले को सदन के अंदर भी उठाएंगे. सरकार पर भी दबाव डालेंगे. भाकपा माले के विधायक मनोज मंजिल ने भी सरकार से नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि वो सदन के अंदर जीरो आवर में सवाल उठाएंगे.
नई शिक्षक भर्ती नियमावली में है कई त्रुटि: भाकपा माले के विधायक मनोज मंजिल ने कहा कि राज्य सरकार जो नई शिक्षक भर्ती नियमावली बनाई है. उसमें कई त्रुटि है. ये बात शुरू से हम लोग कहते रहे हैं और इसमें बदलाव की जरूरत है. पहले से बहाल जो शिक्षक हैं. उन्हे परीक्षा देकर राज्य कर्मी बनना होगा, ये बात उचित नहीं है. उन्होंने कहा इसपर ध्यान देने की जरूरत है. इसमें जितना जल्द हो राज्य सरकार परिवर्तन करे. इसकी मांग हम लोग सदन में किए हैं और जब तक इस मुद्दे पर सरकार तैयार नहीं होगी, हमलोग इसको लेकर प्रदर्शन करते रहेंगे.
"जितना जल्द हो राज्य सरकार परिवर्तन करे. इसकी मांग हम लोग सदन में किए हैं और जब तक इस मुद्दे पर सरकार तैयार नहीं होगी, हमलोग इसको लेकर प्रदर्शन करते रहेंगे. सरकार में रहकर भी हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा. मुख्यमंत्री जी ठीक कह रहे थे बीजेपी बिहार में भी खरीद फरोख्त की राजनीति कर सकती है. उससे सतर्क रहने को जरूरत है."- मनोज मंजिल, विधायक, भाकपा माले