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भाजपा के 'सहयोग कार्यक्रम' में मंत्रियों का असहयोग! बड़े नेताओं ने भी बनाई दूरी

बिहार भाजपा ने पटना प्रदेश कार्यालय में सहयोग कार्यक्रम शुरू किया है लेकिन पार्टी के बड़े नेताओं का इसमें ना के बराबर सहयोग मिल रहा है. हालांकि पार्टी के प्रवक्ता का दावा है कि कार्यक्रम पूरी तरह से सफल है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Sep 5, 2021, 2:37 PM IST

पटना: बिहार भाजपा (BJP) ने पार्टी और सरकार के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए भाजपा दफ्तर में सहयोग कार्यक्रम की शुरुआत हुई. इस कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए जदयू दफ्तर में भी यह कार्यक्रम किया जाने लगा. लेकिन बिहार बीजेपी के कार्यक्रम को लेकर भाजपा कोटे के मंत्रियों में उदासीनता है. वे लगातार इस कार्यक्रम में पार्टी का सहयोग नहीं कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें : जातीय जनगणना पर LJP ने नहीं खोला पत्ता, 'वेट एंड वाच' में दिख रहे पशुपति पारस

भाजपा में सहयोग कार्यक्रम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की परिकल्पना थी. सहयोग कार्यक्रम की शुरुआत पहले केंद्रीय कार्यालय में हुई और फिर धीरे-धीरे प्रदेश स्तर के कार्यालय में भी आयोजित किया जाने लगा. खासतौर पर जहां भाजपा की सरकार है. उन राज्यों में कार्यक्रम को तवज्जो दी गई. दरअसल, पार्टी कार्यकर्ता समय-समय पर उपेक्षा का आरोप लगाते हैं. सरकार और पार्टी में सामंजस्य स्थापित करने के लिए सहयोग कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी.

शुरुआती दौर में सहयोग कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं की शिकायतों का निपटारा किया जाता था. बाद में आम लोग भी पहुंचने लगे. बिहार में भी कोरोना संक्रमण थमने के बाद अगस्त महीने के पहले सप्ताह से कार्यक्रम को फिर से शुरू किया गया. सप्ताह में 6 दिन मंत्रियों के लिए कार्यक्रम तय किया गया. उसी हिसाब से अपनी शिकायतों को लेकर कार्यकर्ता और आम लोग पार्टी दफ्तर पहुंचने लगे. आम लोगों के शिकायतों का निपटारा भी होने लगा. उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने सिर्फ एक बार सहयोग कार्यक्रम में लिया हिस्सा.

वहीं इस मसले पर भाजपा प्रवक्ता संजय टाइगर ने कहा है कि सहयोग कार्यक्रम के जरिए आम लोगों की शिकायतों का समाधान करते हैं. कार्यक्रम पूरी तरह सफल साबित हुआ है. कुछ मंत्री व्यस्तता की वजह से नियत समय पर नहीं पहुंच पाते हैं. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उप नेता नवल किशोर यादव का मानना है कि सहयोग कार्यक्रम अब तक सफल साबित हुआ है. प्रेरित होकर जदयू ने भी कार्यक्रम की शुरुआत की है. जहां तक मंत्रियों के मौजूद नहीं रहने का सवाल है तो मंत्रियों के पास जिम्मेदारी अधिक होती है. इसलिए वह सहयोग कार्यक्रम में कम उपस्थित हो पाते हैं.

देखें वीडियो

भाजपा के कार्यक्रम से उत्साहित होकर जदयू ने भी सहयोग कार्यक्रम की शुरुआत की. वहीं भाजपा कोटे के कुछ मंत्री तो तयशुदा कार्यक्रम के हिसाब से सहयोग कार्यक्रम में पहुंच रहे हैं लेकिन कद्दावर मंत्री यदा-कदा ही सहयोग कार्यक्रम में पहुंचते हैं. मंत्री प्रमोद कुमार, सम्राट चौधरी, सुभाष सिंह, नीरज बबलू, नारायण प्रसाद, आलोक रंजन झा , रामसूरत राय और अमरेंद्र प्रताप सिंह सहयोग कार्यक्रम में तयशुदा समय पर सहयोग कार्यक्रम में पहुंचते हैं.

वहीं बिहार भाजपा के कुछ मंत्री सहयोग कार्यक्रम में कोरम पूरा कर रहे हैं. उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने सहयोग कार्यक्रम में सिर्फ एक दिन हिस्सा लिया. इसके अलावा उपमुख्यमंत्री रेणु देवी 2 दिन, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे 2 दिन, उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन 2 दिन, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने 2 दिन सहयोग कार्यक्रम में हिस्सा लिया.

ये भी पढ़ें- जातीय जनगणना के जरिये OBC वोट बैंक को साधने की कवायद!

पटना: बिहार भाजपा (BJP) ने पार्टी और सरकार के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए भाजपा दफ्तर में सहयोग कार्यक्रम की शुरुआत हुई. इस कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए जदयू दफ्तर में भी यह कार्यक्रम किया जाने लगा. लेकिन बिहार बीजेपी के कार्यक्रम को लेकर भाजपा कोटे के मंत्रियों में उदासीनता है. वे लगातार इस कार्यक्रम में पार्टी का सहयोग नहीं कर रहे हैं.

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भाजपा में सहयोग कार्यक्रम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की परिकल्पना थी. सहयोग कार्यक्रम की शुरुआत पहले केंद्रीय कार्यालय में हुई और फिर धीरे-धीरे प्रदेश स्तर के कार्यालय में भी आयोजित किया जाने लगा. खासतौर पर जहां भाजपा की सरकार है. उन राज्यों में कार्यक्रम को तवज्जो दी गई. दरअसल, पार्टी कार्यकर्ता समय-समय पर उपेक्षा का आरोप लगाते हैं. सरकार और पार्टी में सामंजस्य स्थापित करने के लिए सहयोग कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी.

शुरुआती दौर में सहयोग कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं की शिकायतों का निपटारा किया जाता था. बाद में आम लोग भी पहुंचने लगे. बिहार में भी कोरोना संक्रमण थमने के बाद अगस्त महीने के पहले सप्ताह से कार्यक्रम को फिर से शुरू किया गया. सप्ताह में 6 दिन मंत्रियों के लिए कार्यक्रम तय किया गया. उसी हिसाब से अपनी शिकायतों को लेकर कार्यकर्ता और आम लोग पार्टी दफ्तर पहुंचने लगे. आम लोगों के शिकायतों का निपटारा भी होने लगा. उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने सिर्फ एक बार सहयोग कार्यक्रम में लिया हिस्सा.

वहीं इस मसले पर भाजपा प्रवक्ता संजय टाइगर ने कहा है कि सहयोग कार्यक्रम के जरिए आम लोगों की शिकायतों का समाधान करते हैं. कार्यक्रम पूरी तरह सफल साबित हुआ है. कुछ मंत्री व्यस्तता की वजह से नियत समय पर नहीं पहुंच पाते हैं. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उप नेता नवल किशोर यादव का मानना है कि सहयोग कार्यक्रम अब तक सफल साबित हुआ है. प्रेरित होकर जदयू ने भी कार्यक्रम की शुरुआत की है. जहां तक मंत्रियों के मौजूद नहीं रहने का सवाल है तो मंत्रियों के पास जिम्मेदारी अधिक होती है. इसलिए वह सहयोग कार्यक्रम में कम उपस्थित हो पाते हैं.

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भाजपा के कार्यक्रम से उत्साहित होकर जदयू ने भी सहयोग कार्यक्रम की शुरुआत की. वहीं भाजपा कोटे के कुछ मंत्री तो तयशुदा कार्यक्रम के हिसाब से सहयोग कार्यक्रम में पहुंच रहे हैं लेकिन कद्दावर मंत्री यदा-कदा ही सहयोग कार्यक्रम में पहुंचते हैं. मंत्री प्रमोद कुमार, सम्राट चौधरी, सुभाष सिंह, नीरज बबलू, नारायण प्रसाद, आलोक रंजन झा , रामसूरत राय और अमरेंद्र प्रताप सिंह सहयोग कार्यक्रम में तयशुदा समय पर सहयोग कार्यक्रम में पहुंचते हैं.

वहीं बिहार भाजपा के कुछ मंत्री सहयोग कार्यक्रम में कोरम पूरा कर रहे हैं. उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने सहयोग कार्यक्रम में सिर्फ एक दिन हिस्सा लिया. इसके अलावा उपमुख्यमंत्री रेणु देवी 2 दिन, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे 2 दिन, उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन 2 दिन, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने 2 दिन सहयोग कार्यक्रम में हिस्सा लिया.

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