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'आयुष्मान भव:' इलाज 2 हजार का और बिल 33 हजार का

बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में आयुष्मान योजना के लाभुकों से बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. जहां 2125 रुपये की MRI जांच के एवज में मरीज को 33 हजार रुपये का बिल थमा दिया. पढ़ें पूरी खबर..

पीएमसीएच में आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा
पीएमसीएच में आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा
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Published : Sep 1, 2021, 8:03 AM IST

Updated : Sep 1, 2021, 10:27 AM IST

पटना: गरीबों के मुफ्त इलाज के लिए शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Scheme) में एक और बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच (PMCH ) में इस योजना के नाम पर धांधली का खेल चल रहा है. दरअसल अस्पताल में नया कारनामा मंगलवार को सामने आया है. जहां आयुष्मान कार्ड धारक एक मरीज ने ₹2125 की एमआरआई (MRI) जांच करायी. वहीं अस्पताल प्रबंधन की तरफ ₹33000 का बिल थमा दिया गया. ये पूरा मामला एक पैर से दिव्यांग महिला सुमित्रा देवी से जुड़ा है.

ये भी पढ़ें : रियलिटी चेक: मरीजों का प्राइवेट अस्पताल में कराना है इलाज तो कैश रखें साथ, आयुष्मान भारत कार्ड यहां है बेकार

ईटीवी भारत से बातचीत में सुमित्रा देवी ने बताया कि वह समस्तीपुर जिले की रहने वाली है. उनका कोई नहीं है. ऐसे में वह पटना में लोगों से मांग कर और झाड़ू पोछा करके अपना जीवन यापन करती है. उन्होंने बताया कि उनके 14 वर्षीय बेटे गणपत कुमार को पिछले 1 साल से पीठ में काफी तकलीफ शुरू हो गई है. बच्चे को बचपन में बीच में एक गंभीर घाव हुआ था. जिसका इलाज होने के बाद बाद ठीक हो गया लेकिन वहां काफी दर्द फिर से शुरू हो गया है. बच्चे का दाहिना हाथ कई बार पूरी तरह से अकड़ जा रहा है और रीड की हड्डी में भी काफी तकलीफ है.

देखें वीडियो

'पीएमसीएच में कई बार पहुंची मगर किसी डॉक्टर मेरे बच्चे को सही नहीं देखा. जब अस्पताल अधीक्षक से मिली और बताया कि वह काफी लाचार हैं, तब जाकर अधीक्षक ने उनके बच्चे को राजेंद्र सर्जिकल के सेकंड फ्लोर पर वार्ड में भर्ती कराया. 15 दिन से वह वार्ड में हूं. मगर बच्चे को अभी तक कोई भी दवाई अस्पताल के तरफ से नहीं दी गई. अंत में डॉक्टर ने MRI करवाया और रिपोर्ट देखने के बाद बताया कि मामला ज्यादा गंभीर नहीं है. अब अस्पताल से डिस्चार्ज करने का निर्देश दे दिया है. कुछ दवाइयां भी लिखी गई है. सुमित्रा देवी ने बताया कि डॉक्टर ने कहा कि कुछ ही दवाइयां अस्पताल में मिलेगी. बाकी दवाइयां उन्हें अपने खर्चे से बाहर से लेना होगा.' :- सुमित्रा देवी, मरीज की मां

इसे भी पढ़ें : पटना: आयुष्मान योजना के लाभार्थियों की सूची में टॉप पर रहा PMCH

वहीं सुमित्रा देवी ने कहा कि जब वह अपने बच्चे को MRI कराने ले गई तो 2125 रुपए का जांच हुआ. लेकिन जांच के समय एक व्यक्ति ने मेरा आयुष्मान कार्ड का पूरा ब्योरा नोट कर लिया. जब वह MRI करा कर निकली तो ₹33000 का पुर्जे पर बिल बना दिया गया. अस्पताल के कर्मियों ने कहा कि आप सिर्फ इलाज से मतलब रखिए और पैसा का ब्योरा सरकार को दिया जा रहा है. इससे आपको कोई मतलब नहीं होना चाहिए और ना ही आपको इसकी कोई जानकारी दी जाएगी. लेकिन ₹33000 का बिल आने से हैरान हूं.

वहीं इस पूरे मसले पर जब ईटीवी भारत की टीम ने पीएमसीएच अधीक्षक का पक्ष जानने की कोशिश की तो उनके तरफ से मीटिंग में होने का हवाला देकर मिलने का समय नहीं दिया गया. साथ ही फोन करने पर उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

ये भी पढ़ें : हाल-ए-पीएमसीएच! मरीजों के परिजनों को वॉशरूम के लिए जाना पड़ता है बाहर

बता दें कि केंद्र सरकार नेगरीबों के मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान भारत योजना को शुरू किया था. इस योजना के द्वारा करीब 10 करोड़ गरीब और कमजोर परिवारों को निशुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी. आयुष्मान भारत योजना वास्तव में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है. जिसके तहत गरीब लोगों को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये तक के इलाज के लिए कैशलेश कवरेज प्रदान किया जाता है.

पटना: गरीबों के मुफ्त इलाज के लिए शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Scheme) में एक और बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच (PMCH ) में इस योजना के नाम पर धांधली का खेल चल रहा है. दरअसल अस्पताल में नया कारनामा मंगलवार को सामने आया है. जहां आयुष्मान कार्ड धारक एक मरीज ने ₹2125 की एमआरआई (MRI) जांच करायी. वहीं अस्पताल प्रबंधन की तरफ ₹33000 का बिल थमा दिया गया. ये पूरा मामला एक पैर से दिव्यांग महिला सुमित्रा देवी से जुड़ा है.

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ईटीवी भारत से बातचीत में सुमित्रा देवी ने बताया कि वह समस्तीपुर जिले की रहने वाली है. उनका कोई नहीं है. ऐसे में वह पटना में लोगों से मांग कर और झाड़ू पोछा करके अपना जीवन यापन करती है. उन्होंने बताया कि उनके 14 वर्षीय बेटे गणपत कुमार को पिछले 1 साल से पीठ में काफी तकलीफ शुरू हो गई है. बच्चे को बचपन में बीच में एक गंभीर घाव हुआ था. जिसका इलाज होने के बाद बाद ठीक हो गया लेकिन वहां काफी दर्द फिर से शुरू हो गया है. बच्चे का दाहिना हाथ कई बार पूरी तरह से अकड़ जा रहा है और रीड की हड्डी में भी काफी तकलीफ है.

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'पीएमसीएच में कई बार पहुंची मगर किसी डॉक्टर मेरे बच्चे को सही नहीं देखा. जब अस्पताल अधीक्षक से मिली और बताया कि वह काफी लाचार हैं, तब जाकर अधीक्षक ने उनके बच्चे को राजेंद्र सर्जिकल के सेकंड फ्लोर पर वार्ड में भर्ती कराया. 15 दिन से वह वार्ड में हूं. मगर बच्चे को अभी तक कोई भी दवाई अस्पताल के तरफ से नहीं दी गई. अंत में डॉक्टर ने MRI करवाया और रिपोर्ट देखने के बाद बताया कि मामला ज्यादा गंभीर नहीं है. अब अस्पताल से डिस्चार्ज करने का निर्देश दे दिया है. कुछ दवाइयां भी लिखी गई है. सुमित्रा देवी ने बताया कि डॉक्टर ने कहा कि कुछ ही दवाइयां अस्पताल में मिलेगी. बाकी दवाइयां उन्हें अपने खर्चे से बाहर से लेना होगा.' :- सुमित्रा देवी, मरीज की मां

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वहीं सुमित्रा देवी ने कहा कि जब वह अपने बच्चे को MRI कराने ले गई तो 2125 रुपए का जांच हुआ. लेकिन जांच के समय एक व्यक्ति ने मेरा आयुष्मान कार्ड का पूरा ब्योरा नोट कर लिया. जब वह MRI करा कर निकली तो ₹33000 का पुर्जे पर बिल बना दिया गया. अस्पताल के कर्मियों ने कहा कि आप सिर्फ इलाज से मतलब रखिए और पैसा का ब्योरा सरकार को दिया जा रहा है. इससे आपको कोई मतलब नहीं होना चाहिए और ना ही आपको इसकी कोई जानकारी दी जाएगी. लेकिन ₹33000 का बिल आने से हैरान हूं.

वहीं इस पूरे मसले पर जब ईटीवी भारत की टीम ने पीएमसीएच अधीक्षक का पक्ष जानने की कोशिश की तो उनके तरफ से मीटिंग में होने का हवाला देकर मिलने का समय नहीं दिया गया. साथ ही फोन करने पर उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

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बता दें कि केंद्र सरकार नेगरीबों के मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान भारत योजना को शुरू किया था. इस योजना के द्वारा करीब 10 करोड़ गरीब और कमजोर परिवारों को निशुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी. आयुष्मान भारत योजना वास्तव में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है. जिसके तहत गरीब लोगों को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये तक के इलाज के लिए कैशलेश कवरेज प्रदान किया जाता है.

Last Updated : Sep 1, 2021, 10:27 AM IST
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