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पद्मभूषण शारदा सिन्हा समेत 16 रीडर की सेवा और पेंशन अवैध करार देने वाला सरकारी आदेश रद्द, पटना HC का फैसला

सुप्रसिद्ध लोकगायिका पद्मभूषण शारदा सिन्हा समेत 16 रीडर की सेवा को अवैध घोषित करके पेंशन एवं अन्य बकाया राशि के पेमेंट नहीं देने के उस सरकारी आदेश को पटना हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है.

पद्मभूषण शारदा सिन्हा,  पटना हाई कोर्ट
पद्मभूषण शारदा सिन्हा, पटना हाई कोर्ट
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 12, 2024, 8:32 PM IST

Updated : Jan 12, 2024, 9:02 PM IST

पटना : बिहार की पटना हाई कोर्ट ने सुप्रसिद्ध लोकगायिका पद्मभूषण शारदा सिन्हा सहित 15 अन्य रीडरों की सेवा को अवैध करार देने और पेंशन एवं अन्य बकाये राशि के भुगतान नहीं देने के सरकारी आदेश को रद्द कर दिया है. जस्टिस हरीश कुमार ने शारदा सिन्हा और डॉ उदय चंद्र मिश्रा की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद रद्द किया है.

पद्मभूषण शारदा सिन्हा समेत 16 रीडर को राहत : अधिवक्ता शशि भूषण सिंह ने कोर्ट को बताया कि सहायक प्रोफेसर के पद पर बहाल आवेदकों को रीडर के पद पर प्रोन्नति दी गई थी. उनका कहना था कि एलएन मिश्रा विश्वविद्यालय ने आवेदकों सहित 16 का नियमितिकरण नहीं किया गया, जिसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई. हाई कोर्ट ने पूर्णपीठ के आदेश के आलोक में कार्रवाई करने का आदेश दिया. जिसके बाद विश्वविद्यालय ने तय कमेटी का गठन कर पूरी प्रक्रिया अपना छूटे हुए 16 रीडरों की सेवा नियमितीकरण कर दिया. बाद में सभी अपने-अपने पदों से सेवानिवृत्त हुये.

हाई कोर्ट ने रद्द किया सरकारी आदेश : उनका कहना था कि उच्च शिक्षा के निदेशक ने 20 फरवरी 2023 को तार्किक आदेश जारी कर कहा कि बिना पदसृजन और नियुक्ति के पूर्व समुचित विज्ञापन का प्रकाशन नहीं किया गया. स्थानीय विज्ञापन प्रकाशित किया गया, जिसे समुचित विज्ञापन नहीं माना जा सकता. विभाग ने नियुक्ति को अवैध मान सभी 16 शिक्षकों को किसी तरह का लाभ नहीं देने का आदेश दिया. सरकारी आदेश की वैधता को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई. कोर्ट ने सभी पक्षों की ओर से प्रस्तुत पक्षों को सुनने के बाद सरकारी आदेश को निरस्त कर दिया.

ये भी पढ़ें- Patna High Court: शारदा सिन्हा को पेंशन नहीं मिलने के मामले पर सुनवाई, कोर्ट ने LNMU को किया जवाब तलब

पटना : बिहार की पटना हाई कोर्ट ने सुप्रसिद्ध लोकगायिका पद्मभूषण शारदा सिन्हा सहित 15 अन्य रीडरों की सेवा को अवैध करार देने और पेंशन एवं अन्य बकाये राशि के भुगतान नहीं देने के सरकारी आदेश को रद्द कर दिया है. जस्टिस हरीश कुमार ने शारदा सिन्हा और डॉ उदय चंद्र मिश्रा की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद रद्द किया है.

पद्मभूषण शारदा सिन्हा समेत 16 रीडर को राहत : अधिवक्ता शशि भूषण सिंह ने कोर्ट को बताया कि सहायक प्रोफेसर के पद पर बहाल आवेदकों को रीडर के पद पर प्रोन्नति दी गई थी. उनका कहना था कि एलएन मिश्रा विश्वविद्यालय ने आवेदकों सहित 16 का नियमितिकरण नहीं किया गया, जिसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई. हाई कोर्ट ने पूर्णपीठ के आदेश के आलोक में कार्रवाई करने का आदेश दिया. जिसके बाद विश्वविद्यालय ने तय कमेटी का गठन कर पूरी प्रक्रिया अपना छूटे हुए 16 रीडरों की सेवा नियमितीकरण कर दिया. बाद में सभी अपने-अपने पदों से सेवानिवृत्त हुये.

हाई कोर्ट ने रद्द किया सरकारी आदेश : उनका कहना था कि उच्च शिक्षा के निदेशक ने 20 फरवरी 2023 को तार्किक आदेश जारी कर कहा कि बिना पदसृजन और नियुक्ति के पूर्व समुचित विज्ञापन का प्रकाशन नहीं किया गया. स्थानीय विज्ञापन प्रकाशित किया गया, जिसे समुचित विज्ञापन नहीं माना जा सकता. विभाग ने नियुक्ति को अवैध मान सभी 16 शिक्षकों को किसी तरह का लाभ नहीं देने का आदेश दिया. सरकारी आदेश की वैधता को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई. कोर्ट ने सभी पक्षों की ओर से प्रस्तुत पक्षों को सुनने के बाद सरकारी आदेश को निरस्त कर दिया.

ये भी पढ़ें- Patna High Court: शारदा सिन्हा को पेंशन नहीं मिलने के मामले पर सुनवाई, कोर्ट ने LNMU को किया जवाब तलब

Last Updated : Jan 12, 2024, 9:02 PM IST
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