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आर्थिक पैकेज में पिछड़े राज्यों के लिए हिस्सेदारी निर्धारित करे केंद्र सरकार- BIA - backward states

रामलाल खेतान ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत जो 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया है. यह पूरे भारत के लिए है. इसमें किसी के लिए कोई रोक-टोक नहीं है.

Patna
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Published : May 28, 2020, 8:07 PM IST

पटनाः केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के कोरोना राहत पैकेज की घोषणा की है. इसमें बिहार की हिस्सेदारी को लेकर उद्योग मंत्री श्याम रजक ने भारत सरकार के वित्त मंत्री को पत्र लिखा है. बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने कहा कि बिहार काफी पिछड़ा राज्य है. इसलिए उद्योग जगत के लिए हिस्सेदारी निर्धारित कर देनी चाहिए.

बैंकों का रवैया नकारात्मक
बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत जो 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया है. यह पूरे भारत के लिए है. इसमें किसी के लिए कोई रोक-टोक नहीं है. किसी भी राज्य के उद्योगपति इसका लाभ ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि बिहार एक पिछड़ा राज्य है और यहां के बैंकों का रवैया भी काफी नकारात्मक है.

देखें रिपोर्ट

पत्र लिखकर की मांग
बता दें कि बिहार के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर कोरोना राहत पैकेज में राज्यों की हिस्सेदारी निर्धारित करने की मांग की थी. पत्र में उन्होंने लिखा था कि ऐसा नहीं करने से बिहार जैसे राज्यों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाएगा और राज्य पिछड़ा रह जाएगा. साथ ही कोरोना के कारण बिहार को आर्थिक संकट और चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है. राज्य में बड़ी तदाद में प्रवासी मजदूर लौटे हैं. लिहाजा, केंद्र के पैकेज में बिहार के लिए अलग से कोष और हिस्सेदारी तय हो.

पटनाः केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के कोरोना राहत पैकेज की घोषणा की है. इसमें बिहार की हिस्सेदारी को लेकर उद्योग मंत्री श्याम रजक ने भारत सरकार के वित्त मंत्री को पत्र लिखा है. बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने कहा कि बिहार काफी पिछड़ा राज्य है. इसलिए उद्योग जगत के लिए हिस्सेदारी निर्धारित कर देनी चाहिए.

बैंकों का रवैया नकारात्मक
बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत जो 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया है. यह पूरे भारत के लिए है. इसमें किसी के लिए कोई रोक-टोक नहीं है. किसी भी राज्य के उद्योगपति इसका लाभ ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि बिहार एक पिछड़ा राज्य है और यहां के बैंकों का रवैया भी काफी नकारात्मक है.

देखें रिपोर्ट

पत्र लिखकर की मांग
बता दें कि बिहार के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर कोरोना राहत पैकेज में राज्यों की हिस्सेदारी निर्धारित करने की मांग की थी. पत्र में उन्होंने लिखा था कि ऐसा नहीं करने से बिहार जैसे राज्यों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाएगा और राज्य पिछड़ा रह जाएगा. साथ ही कोरोना के कारण बिहार को आर्थिक संकट और चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है. राज्य में बड़ी तदाद में प्रवासी मजदूर लौटे हैं. लिहाजा, केंद्र के पैकेज में बिहार के लिए अलग से कोष और हिस्सेदारी तय हो.

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