पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल रणनीति बनाने में जुट गए हैं. बिहार में इस बार चुनाव किस आधार पर होगा और इसपर भाजपा की क्या तैयारी चल रही है. इस मुद्दे पर बिहार भाजपा प्रभारी और राज्यसभा सांसद भूपेन्द्र यादव से ईटीवी भारत के रीजनल एडिटर ब्रज मोहन सिंह ने खास बातचीत की.
प्रश्न: बिहार में अभी जो हालात हैं, उसमें लोगों से संवाद को लेकर क्या रणनीति अपना रहे हैं?
भूपेन्द्र यादव: बिहार चुनाव को लेकर लोगों से संवाद चल रहा है, तकनीक काफी प्रभावी हुई है. ऐसे में कोरोना काल में वर्चुअल रैली काफी प्रभावी रही है. सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारी में जुटे हैं और हम भी लोगों के बीच जाने के लिए इस माध्यम का उपयोग कर रहे हैं.
प्रश्न: चुनाव आयोग जिस तरह से बिहार को लेकर तैयारी कर रहा है, क्या लगता है चुनाव समय पर होंगे?
भूपेन्द्र यादव: बिहार में चुनाव समय पर हो, हम इसका समर्थन करते हैं और जिस तरह से चुनाव आयोग चुनाव की तैयारी में जुटा है, उससे हम यह कह सकते हैं कि चुनाव समय पर ही होंगे.
प्रश्न: ग्रामीण भारत को लेकर जो आर्थिक संरचना होनी चाहिए, आप को क्या लगता है इस तरह की आधारभूत संरचना हमारे पास है?
बिहार बीजेपी प्रभारी: स्मार्ट फोन आ जाने के बाद अब बहुत कुछ बदल गया है. सड़क निर्माण में भी हम आगे बढ़े हैं. बिहार में नदियों का जाल है, ऐसे में पुल निर्माण पर भी हम तेजी से काम कर रहे हैं. नीतीश कुमार की एनडीए सरकार ने पूरे बिहार में बिजली की कमी को पूरा किया है. प्रदेश के हर क्षेत्र में बिजली पहुंचा दी गयी है. बिहार के दियारा इलाकों में भी अब बिजली पहुंच गयी है. आप देखेंगे तो बिहार के संरचनागत ढांचा विकास के लिए बहुत काम किया गया है.
प्रश्न: बिहार के राजनीतिक हालात में काफी बदलाव आया है. विपक्ष की भूमिका पर क्या राय है?
भूपेन्द्र यादव: बिहार में राजद कभी विपक्ष की भूमिका रही ही नहीं है. तेजस्वी यादव निजी आरोप पर ज्यादा काम करते हैं और बिहार के विकास पर कम काम करते हैं. तेजस्वी कभी भी निजी आरोप से बाहर निकले ही नहीं है. तेजस्वी को बिहार की बात करनी चाहिए, जनता की बात करनी चाहिए, जो वे नहीं करते हैं. बिहार में एनडीए को जनता का आर्शीवाद मिला हुआ हैं. महागठबंधन के लोग भी अब लालू परिवार के लोगों को सत्ता में आते हुए नहीं देखना चाह रहे हैं.
'सिद्धांत की नहीं, परिवार की राजनीति'
जवाब के क्रम में भूपेन्द्र यादव ने कहा, 'समाजिक आंदोलन को लेकर लोगों की अपनी अपनी प्रतिक्रिया रही है. राम मनोहर लोहिया, कर्पुरी ठाकुर, बाबा साहब भीम राव अंबेडकर, कोसी क्षेत्र में भूपेन्द्र नारायण मंडल और कपिल देव सिंह जैसे समाजवादी रहे. जेपी का सपना बिहार के लिए था. इनके सपनों को लेकर चले लोगों का संकल्प एक परिवार के तरफ चला जाय, यह लोकतांत्रिक मूल्य के तहत नहीं है.'
'एक परिवार के लिए होने वाली राजनीति को लोकतंत्र के तहत उचित नहीं कहा जा सकता. यह सामंतवाद की सियासत बन जाती है. राजद गठबंधन में जो हो रहा है, वह जनता की सियासत नहीं है. इसमें सभी लोग अपने-अपने हित की बात कर रहे हैं. यह समतामूलक राजनीति के तहत नहीं है.'
प्रश्न: तेजस्वी यादव का अरोप है कि सीएम घर से बाहर नहीं निकलते हैं?
भूपेन्द्र यादव: तेजस्वी जी आरोप लगा रहे हैं कि सीएम घर से नहीं निकल रहे हैं. लेकिन तेजस्वी यादव तो अपने घर में ही नहीं रहे. जिनकी कथनी और करनी में इतना अंतर है, उसपर क्या टिप्पणी की जाए.
प्रश्न: बिहार एनडीए में जिस तरह से चिराग पासवान के सुर बदले हैं उससे एनडीए की एकजुटता को लेकर सवाल है?
भूपेन्द्र यादव: एनडीए पूरी तरह से एकजुट है. रामविलास पासवान हमारे एनडीए गठबंधन के वरिष्ठ नेता हैं. हमें कहीं से नहीं लग रहा है कि एनडीए में किसी तरह की कोई दिक्कत है.
प्रश्न: आप चुनाव के बड़े रणनीतिकार माने जाते हैं. आप को क्या लगता है कि इसबार बिहार में क्या हालात रहेंगे?
भूपेन्द्र यादव: बिहार में हम मजबूत हैं और तीन चौथाई बहुमत से सरकार बनाएंगे. इसमें किसी तरह की चुनौती नहीं है, क्योंकि हमने बिहार में विकास के साथ बदलाव की बात की और करते दिखाया. इसलिए हमारे पास चुनौती जैसा कुछ भी नहीं है.
प्रश्न: कोसी क्षेत्र में बाढ़ के हालात हैं, वहां पर पार्टी और सरकार की क्या योजना है?
भूपेन्द्र यादव: बिहार में बाढ़ की स्थिति को लेकर हम सजग हैं. हमारी सरकार वहां की जनता के साथ खड़ी हैं और हर हाल में हम उन्हें मदद पहुंचाएंगे.
प्रश्न: इस बार के चुनाव में क्या मुद्दा रहेगा?
भूपेन्द्र यादव: विकास की निरंतरता हमारा मुद्दा रहेगा. बिहार विकास की राह पर चलता रहे, आगे बढ़ता रहे...यही हमारा मुद्दा रहेगा.
प्रश्न: बिहार में अब लालू यादव के 15 साल और नीतीश के 15 साल की तुलना हो रही है.
भूपेन्द्र यादव: बिहार के विकास की कुल बात करें, तो खेती हो या रोजगार या फिर गांव-गांव तक बिजली पहुंचाने की बात, हम आर्थिक विकास की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. हमने बिहार को रसातल से बाहर निकाल कर विकास की डगर पर लाने का काम किया है.
प्रश्न: बिहार में चीनी, चमड़ा और कपास में काफी काम होता था, लेकिन आज सब बंद हैं.
भूपेन्द्र यादव: बिहार को आगे ले जाने में आत्मनिर्भर भारत के तहत हम काम कर रहे हैं. कृषि, मखाना, मछली उत्पादन को लेकर आगे भी बहुत काम करने की योजना है. गन्ना को लेकर कई जिलों के किसानो से हमने बात की है. पिछली सरकार में हमने किसानों को एमएसपी दिया है. किसानों को उनके उत्पादन का उचित दाम मिले तो हम बहुत हद तक चीजों को सुधार पाएंगे. किसानों को हमने किसान सम्मान निधि से जोड़ा है. उन्हें आधुनिक तकनीक से जोड़ना सरकार की प्राथमिकता में है.
प्रश्न: मक्का, बिहार में किसानों को रोजगार का बड़ा अवसर दे सकता है, लेकिन इसपर सरकार की नजर नहीं है?
भूपेन्द्र यादव: सरकार की मक्का के फूड प्रोसेसिंग को लेकर काम की पूरी योजना है. यह सरकार की नजर में है और हम काम भी कर रहे हैं. मक्का से बहुत किसान जुडे़ हैं और वह वहां के किसानों की ताकत है.
प्रश्न: बिहार में भाजपा के नाराज नेताओं को लेकर क्या रणनीति है?
भूपेन्द्र यादव: बिहार भाजपा में कोई भी नेता नाराज नहीं है, हमे जानकारी भी नहीं है.
प्रश्न: क्या बिहार में उद्योग काफी पिछड़ रहा है?
भूपेन्द्र यादव: 1947 के दौर से बिहार में उद्योग की संरचना ठीक थी. बिहार में टाटा आटोमाबाइल, लोहे की माइनिंग, बरौनी रिफाइनरी, बोकारों स्टील प्लांट, सिंदरी बरौनी खाद कारखाना था. उसमें हम आगे बढ़े हैं. निश्चित ही बिहार में लूम और दूसरे उद्योगों को व्यापक आधार पर खड़ा किया जा सकता है. हमने सड़क और बिजली को गांव-गांव तक पहुंचाया है और अब उघोग को लेकर हम काम कर रहे हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्योग संरचना को लेकर टास्क फोर्स का गठन किया है और हम इसमें आगे बढ़ रहे हैं.