पटना : शक्ति सिंह गोहिल को कांग्रेस आलाकमान ने बिहार कांग्रेस प्रभारी के पद से मुक्त कर दिया है. उनकी जगह भक्त चरण दास को बिहार की जिम्मेदारी सौंपी गई है. पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, 'कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शक्ति सिंह गोहिल की गुजारिश को स्वीकार कर लिया है और उन्हें बिहार प्रभारी की जिम्मेदारी से मुक्त करते हुए भक्त चरण दास को ये दायित्व सौंपा है.'
गौरतलब है कि सोमवार को गुजरात से राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने ट्वीट करते हुए कांग्रेस आलाकमान से कहा था कि बिहार प्रभारी के पद से मुक्त कर दिया जाए और कोई हल्की जिम्मेदारी दी जाए.
तीसरे राज्य की जिम्मेदारी संभालेंगे दास
- कांग्रेस ने भक्त चरण दास को बिहार का प्रभारी बनाया है.
- दास इससे पहले मिजोरम और मणिपुर के लिए भी पार्टी के प्रभारी हैं.
- बिहार के साथ पूर्वोत्तर के इन दोनों राज्यों की जिम्मेदारी संभालेंगे.
बिहार में सियासत तेज
बिहार में कांग्रेस अपने अस्तित्व की तलाश में लगी है. लोकसभा चुनाव-2019 और बिहार विधानसभा चुनाव-2020 में कांग्रेस ने प्रदेश में कुछ खास छाप नहीं छोड़ी है. लोकसभा चुनाव में जहां पार्टी को सिर्फ किशनगंज से जीत मिल सकी. वहीं, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ सिर्फ 19 सीटों पर जीत दर्ज की. ऐसे में राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा तेज है कि इससे आहत होकर शक्ति सिंह गोहिल ने ये फैसला लिया. इस बाबत मंगलवार को विपक्षी पार्टियों से ऐसी प्रतिक्रिया सुनने को मिली.
कौन हैं भक्त चरण दास ?
- भक्त चरण दास कांग्रेस के दिग्गज नेता माने जाते हैं.
- दास में कालाहाड़ी लोकसभा सीट (उड़ीसा) से सांसद रह चुके हैं.
- 1977 में दास युवा छात्र संघर्ष वाहिनी के सदस्य रहे. छात्र संघर्ष वाहिनी जेपी आंदोलन का हिस्सा थी.
- पहली बार भक्त चरण दास ने 30 साल की उम्र में लोकसभा-1989 का चुनाव जनता पार्टी की टिकट पर लड़ा और जीत दर्ज की.
- आधुनिक उड़ीसा के निर्माता बीजू पटनायक भक्त चरण दास को अपना उत्तराधिकारी मानते थे.
- पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की कैबिनेट में उन्हें जगह दी गई.
- दास केंद्रीय मंत्रालय में उप मंत्री, खेल और युवा मामले बने.
- दास रेल राज्य मंत्री भी रह चुके हैं.
- भक्त चरण दास तीन बार 9वीं, 11वीं और 15वीं लोकसभा के लिए संसद तक का सफर तय कर चुके हैं.