पटना: नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र (RJD MLA Bhai Virendra) ने कहा कि नीतीश सरकार सभी मोर्चे पर फेल है. इस बार बजट सत्र में आरजेडी अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने शराबबंदी कानून लाने से पहले भी कहा था कि कानून ऐसा ना हो जिससे लोगों को परेशानी हो, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं माने और ऐसा शराबबंदी कानून लागू किया.
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''नीतीश कुमार के शराबबंदी कानून से लगातार गरीबों को जेल भेजा जा रहा है. अमीर आराम से अपने घर में शराब मंगाकर पी रहे हैं. उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. इससे स्पष्ट है कि शराबबंदी कानून जनता के हक में नहीं है और अब इसको लेकर संशोधन की बात हो रही है. संशोधन तो जरूरी है, लेकिन किस तरह संशोधन सरकार कर रही है, ये देखने के बाद ही पता चलेगा.''- भाई वीरेंद्र, आरजेडी विधायक
शराबबंदी कानून में संशोधन पर भाई वीरेंद्र (Bhai Virendra on Amendment in Bihar Liquor Ban Law) ने कहा कि पहले हम लोग इस संशोधन को देखेंगे, फिर इस पर रणनीति तय होगी. इस बार बजट सत्र में हम लोग सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाएंगे. उनसे जब पूछा गया कि क्या लगता है शराबबंदी कानून को लेकर जो संशोधन की बात सरकार कर रही है, अगर वो आपके मन मुताबिक नहीं हुआ और अगर आप विरोध करेंगे, तो सत्तापक्ष आपका साथ देगा. इस पर उन्होंने कहा कि ये तो समय बतायेगा लेकिन ये साफ है कि शराबबंदी कानून सरकार से संभल नहीं रहा है. यही कारण है कि शराबबंदी कानून के बावजूद जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हो रही है. सत्ता के संरक्षण में शराब बिक रहा है और सरकार मौन है.
बिहार सरकार जल्द ही शराबबंदी कानून में संशोधन कर सकती है. मद्य निषेध और उत्पाद विभाग ने इसे लेकर संशोधन प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है, जिसे गृह विभाग को भेजा है. जिसमें सजा के प्रावधानों को लेकर संशोधन की तैयारी हो रही है. अपराध की गंभीरता के आधार पर केवल जुर्माना या जेल या फिर दोनों का दंड मिल सकता है. साधारण मामलों में राहत देने पर भी विचार चल रहा है. गृह विभाग से सहमति मिलने के बाद इसे लॉ विभाग से सलाह और मुख्यमंत्री की सहमति के बाद कैबिनेट में भी ले जाया जाएगा. मतलब साफ है कि नीतीश सरकार शराबबंदी कानून में पकड़े गए लोगों को राहत देने पर विचार कर रही है.
बता दें कि साल 2016 में बिहार में शराबबंदी कानून लागू किया गया था. तब तमाम दलों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था लेकिन 5 साल बाद भी जहरीली शराब से मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. ऐसे में आज स्थिति ये है कि शराबबंदी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) अकेले पड़ गए हैं. विपक्ष के साथ-साथ सहयोगी भी इस मुद्दे पर साथ देते नहीं दिख रहे हैं.
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