पटना: पूरा बिहार इन दिनों दोहरे संकट की मार झेल रहा है. राज्य के लोग एक तरफ कोरोना से परेशान हैं तो दूसरी तरफ बाढ़. ऐसे में प्रदेश के अस्पतालों की अपनी एक अलग ही कहानी है. यहां की लचर व्यवस्था जनती की परेशानी को और बढ़ा देती है.
हम बात कर रहे हैं गुरु गोविंद सिंह अस्पताल की. यहां न तो अधीक्षक है और ना ही डॉक्टर. मरीज इलाज के लिए आते हैं और मायूस होकर लौट जाते हैं. लेकिन अभी तक सरकार का ध्यान इसकी और नहीं गया है. सूबे के स्वास्थ्य मंभी भले ही बेहतर की सुविधाओं के लाख दावें कर लें लेकिन यहां सच्चाई किसी से छिपी नहीं है.
अस्पताल के बाहर प्रदर्शन
इसे लेकर गुरुगोविंद सिंह अस्पताल सुधार समिति के दर्जनों कार्यकर्ताओ ने अस्पताल के मुख्य द्वार पर अस्पताल की बदहाली के खिलाफ प्रदर्शन किया. साथ ही सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि इस अस्पताल की व्यवस्था दुरूस्त करे, नहीं तो समिति की ओर से ये आंदोलन जारी रहेगा.
जिले लेवल के अस्पतालों की स्तिथि खराब
भले ही सरकार ने लगभग सभी मेडिकल कॉलेज को कोरोना अस्पताल घोषित कर दिया है, लेकिन जिले लेवल के अस्पतालों की स्तिथि काफी खराब है. यहां मरीज आते हैं और चले जाते हैं. लेकिन सरकार की तरफ से कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है.