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पटना: जेल मे बंद कैदियों के बीच चलाया गया AIDS के प्रति जागरूकता अभियान

इस जागरूकता को लेकर विभिन्न जिलों में बिहार राज्य स्वास्थ्य एड्स कंट्रोल समिति द्वारा डॉक्टरों की टीम गठित कर विजिट करवाया जा रहा है. जहां डॉक्टर प्रत्येक सप्ताह में एक दिन जेल में जाकर कैदियों को एड्स के प्रति जागरूक कर रहे हैं. उन्हें बता रहे हैं कि एड्स की बीमारी कैसे होती है और इससे बचाव कैसे किया जा सकता है.

जेल मे बंद कैदियों के बीच एड्स के प्रति जागरूकता अभियान
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Published : Jun 27, 2019, 4:57 AM IST

पटना: सूबे के विभिन्न जेलों में बंद कैदियों के बीच स्वास्थ्य विभाग एवं गृह मंत्रालय द्वारा एचआईवी एड्स और टीवी के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसकी शुरुआत हाजीपुर जेल से हुई थी. उसके बाद विभिन्न अनुमंडल स्तरीय और जिला मुख्यालय के जेलों में बंद कैदियों के बीच एड्स के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. वहीं टीवी के प्रति कैदियों को जागरूक किया जा रहा है.

कैदियों को एड्स के प्रति जागरूक करते जेल सुपरीटेंडेंट

इस जागरूकता को लेकर विभिन्न जिलों में बिहार राज्य स्वास्थ्य एड्स कंट्रोल समिति द्वारा डॉक्टरों की टीम गठित कर विजिट करवाया जा रहा है. जहां डॉक्टर प्रत्येक सप्ताह में एक दिन जेल में जाकर कैदियों को एड्स के प्रति जागरूक कर रहे हैं. उन्हें बता रहे हैं कि एड्स की बीमारी कैसे होती है और इससे बचाव कैसे किया जा सकता है.

एचआईवी एड्स और टीबी के प्रति किया जा रहा जागरूक

बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति के निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि यह बिहार के विभिन्न जिलों में एक अभियान के तहत कैदियों के बीच एचआईवी एड्स एवं टीबी के प्रति जागरूक किया जा रहा है. क्योंकि जेल में बंद कई ऐसे अपराधी होते हैं जो साक्षर नहीं होते हैं और कई गलत संगत में पड़कर अपना जान गवां बैठते हैं. ऐसे में उन लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. वहीं, जेल से रिहा होने के बाद उन्हें अपने समाज में भी इसको प्रचार-प्रसार करने कि सलाह दी जा रही है.

पटना: सूबे के विभिन्न जेलों में बंद कैदियों के बीच स्वास्थ्य विभाग एवं गृह मंत्रालय द्वारा एचआईवी एड्स और टीवी के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसकी शुरुआत हाजीपुर जेल से हुई थी. उसके बाद विभिन्न अनुमंडल स्तरीय और जिला मुख्यालय के जेलों में बंद कैदियों के बीच एड्स के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. वहीं टीवी के प्रति कैदियों को जागरूक किया जा रहा है.

कैदियों को एड्स के प्रति जागरूक करते जेल सुपरीटेंडेंट

इस जागरूकता को लेकर विभिन्न जिलों में बिहार राज्य स्वास्थ्य एड्स कंट्रोल समिति द्वारा डॉक्टरों की टीम गठित कर विजिट करवाया जा रहा है. जहां डॉक्टर प्रत्येक सप्ताह में एक दिन जेल में जाकर कैदियों को एड्स के प्रति जागरूक कर रहे हैं. उन्हें बता रहे हैं कि एड्स की बीमारी कैसे होती है और इससे बचाव कैसे किया जा सकता है.

एचआईवी एड्स और टीबी के प्रति किया जा रहा जागरूक

बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति के निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि यह बिहार के विभिन्न जिलों में एक अभियान के तहत कैदियों के बीच एचआईवी एड्स एवं टीबी के प्रति जागरूक किया जा रहा है. क्योंकि जेल में बंद कई ऐसे अपराधी होते हैं जो साक्षर नहीं होते हैं और कई गलत संगत में पड़कर अपना जान गवां बैठते हैं. ऐसे में उन लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. वहीं, जेल से रिहा होने के बाद उन्हें अपने समाज में भी इसको प्रचार-प्रसार करने कि सलाह दी जा रही है.

Intro:जेल में बंद कैदियों के बीच चलाया जा रहा है एचआईवी एड्स एवं टीबी के प्रति जागरूकता अभियान.. पटना से खास रिपोर्ट:--


Body:बिहार के विभिन्न जेलों में बंद कैदियों के बीच स्वास्थ्य विभाग एवं गृह मंत्रालय द्वारा एचआईवी ऐड्स एवं टीवी के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है जिसकी शुरुआत हाजीपुर जेल से हुई है उसके बाद विभिन्न अनुमंडल स्तरीय एवं जिला मुख्यालय के जेलों में बंद कैदियों के बीच एड्स के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है वहीं टीवी के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है इसको लेकर विभिन्न जिलों में बिहार राज्य स्वास्थ्य एड्स कंट्रोल समिति द्वारा डॉक्टरों की टीम गठित कर विजिट करवाया जा रहा है जहां प्रत्येक सप्ताह में एक दिन जेल में जाकर कैदियों के बीच एड्स के प्रति जागरूक कर रहे हैं उन्हें बता रहे हैं कि एड्स की बीमारी कैसे होती है और इसके बचाओ कैसे किया जा सकता है


Conclusion:बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति के निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि यह बिहार के विभिन्न जिलों में एक अभियान के तहत कैदियों के बीच एचआईवी ऐड्स एवं टीबी के प्रति जागरूक किया जा रहा है, क्योंकि जेल में बंद कई ऐसे अपराधी होते हैं जो साक्षर नहीं होते हैं और कई गलत संगत में पड़कर अपना जान गवां बैठते हैं, ऐसे में उन लोगों के बीच जागरूकता करने का अभियान चलाया जा रहा है वहीं जेल से रिहा होने के बाद उन्हे अपने समाज में भी इसको प्रचार प्रसार करने कि सलाह दी जा रही है बाईट:-जेल सुपरीटेंडेंट(कैदियों को जानकारी देते हुए) बाईट:--मनोज कुमार निदेशक बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार नोट:--यह विडीयो जेल के अंदर की है,जेल अधीक्षक ने जेल का नाम नहीं लिखने और अपने सिपाहियों द्वारा हमारे मोबाइल से विडियो बना कर हमे दि गई है
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