पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) पूरे प्रदेश में सात निश्चय योजना के माध्यम से हर घर नल का जल महुैया कराने का दावा कर रहे हैं. वहीं, राजधानी पटना के ग्रामीण इलाकों (Rural Areas) में रहने वाले तकरीबन 500 से अधिक लोग पानी के लिए तरस रहे हैं. जोकि मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना सात निश्चय योजना के हर घर नल जल की योजना दम तोड़ती नजर आ रही है. जिससे मजबूरन लोगों को पानी की मांग को लेकर प्रदर्शन करना पड़ रहा है.
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बता दें कि मसौढ़ी का तारेगना क्षेत्र जोकि महान खगोलविद आर्यभट्ट की कर्मभूमि रही है. तारेगना जहां से कभी आर्यभट्ट तारों की गणना करते थे. वहां के तकरीबन 500 से अधिक लोग नल के जल के लिए तरस रहे हैं. नल जल के नाम पर इस इलाके में दो साल पहले पाइप तो बिछा दी गयी. लेकिन दो साल बीत जाने के बाद यहां के लोगों को नल का जल नसीब नहीं हुआ.
यहां के लोग तकरीबन 2 साल से लोग नल में पानी आने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन पानी नहीं मिलने पर लोगों को मजबूरन विरोध प्रदर्शन करना पड़ रहा है. लेकिन इनको कोई भी सुनने वाला नहीं है और लोग पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
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बता दें कि पूरे गांव में मात्र एक ही चापाकल है. यहां के एक चापाकल के सहारे सभी लोग पानी के लिए विवश हैं. जिससे लगातार लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और अब आंदोलन के मूड में नजर आ रहे हैं. लेकिन सवाल उठता है कि इतने सालों बाद भी नल जल अभी भी अधूरा है, तो कैसे हर घर जल नल का सपना साकार होगा.
इस पूरे मामले में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी जगन्नाथ यादव ने कहा है कि नल जल को बुडको कंपनी ने लिया है. कंपनी के एक्जीक्यूटिव ने एक हफ्ते का समय मांगा है और कहा है कि जल्द ही जल मुहैया करा दिया जाएगा.
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