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पटना: मूर्ति विसर्जन की तैयारी पूरी, गंगा किनारे बनाये गए कृत्रिम तालाब - गंगा नदी

प्रशासन की तरफ से गंगा नदी में मूर्तियों का विसर्जन करने पर रोक लगा दी गई है. जिसके बाद गंगा नदी के किनारे ही कृत्रिम तालाब का निर्माण कर मूर्तियों को विसर्जित किया जा रहा है.

मूर्ति विसर्जन की तैयारी पूरी
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Published : Oct 8, 2019, 8:51 PM IST

पटना: राजधानी में नवरात्रि के समापन के साथ ही पूजा पंडालों की मूर्तियों का विसर्जन होना शुरू हो गया है. वहीं प्रशासन ने गंगा नदी में मूर्ति विसर्जन पर रोक लगा दी है. जिसके बाद से गंगा नदी के किनारे ही कृत्रिम तालाब का निर्माण कर मूर्तियों को विसर्जित किया जा रहा है.

गंगा नदी के किनारे बना कृत्रिम तालाब
बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड और पर्यावरण विभाग ने गंगा नदी में मूर्ति को विसर्जित करने पर रोक लगा दी है. इसके बाद पटना जिला प्रशासन ने गंगा नदी के किनारे कृत्रिम तालाब बनाकर मूर्ति को विसर्जित करने को कहा है. बता दें कि मंगलवार का दिन होने के कारण अधिकांश पंडालों की मूर्तियां विसर्जित नहीं हुई है. अब बुधवार को विसर्जित की जाएंगी. मूर्ति विसर्जन में लोगों को कोई परेशानी न हो इसके लिए पटना जिला प्रशासन ने नाव की भी व्यवस्था की है.

मूर्ति विसर्जन के लिए गंगा किनारे बने हैं कृत्रिम तालाब
पटना में है 1200 से अधिक पंडालबता दें कि जो लोग इस नियम का उल्लंघन करेंगे और नदी में विसर्जन करने का प्रयास करेंगे. उन पर एफआईआर दर्ज कर 50 हजार रुपये जुर्माना राशि वसूली जायेगी. दंड की ये राशि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दी जायेगी. राजधानी की बात करें तो शहर में 12 सौ से अधिक पूजा पंडाल बनाए गए हैं. हालांकि पटना समेत अन्य शहरों में मूर्ति विसर्जित करने का दिन पूजा समितियों को लाइसेंस लेते समय ही बताना पड़ता है.

पटना: राजधानी में नवरात्रि के समापन के साथ ही पूजा पंडालों की मूर्तियों का विसर्जन होना शुरू हो गया है. वहीं प्रशासन ने गंगा नदी में मूर्ति विसर्जन पर रोक लगा दी है. जिसके बाद से गंगा नदी के किनारे ही कृत्रिम तालाब का निर्माण कर मूर्तियों को विसर्जित किया जा रहा है.

गंगा नदी के किनारे बना कृत्रिम तालाब
बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड और पर्यावरण विभाग ने गंगा नदी में मूर्ति को विसर्जित करने पर रोक लगा दी है. इसके बाद पटना जिला प्रशासन ने गंगा नदी के किनारे कृत्रिम तालाब बनाकर मूर्ति को विसर्जित करने को कहा है. बता दें कि मंगलवार का दिन होने के कारण अधिकांश पंडालों की मूर्तियां विसर्जित नहीं हुई है. अब बुधवार को विसर्जित की जाएंगी. मूर्ति विसर्जन में लोगों को कोई परेशानी न हो इसके लिए पटना जिला प्रशासन ने नाव की भी व्यवस्था की है.

मूर्ति विसर्जन के लिए गंगा किनारे बने हैं कृत्रिम तालाब
पटना में है 1200 से अधिक पंडालबता दें कि जो लोग इस नियम का उल्लंघन करेंगे और नदी में विसर्जन करने का प्रयास करेंगे. उन पर एफआईआर दर्ज कर 50 हजार रुपये जुर्माना राशि वसूली जायेगी. दंड की ये राशि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दी जायेगी. राजधानी की बात करें तो शहर में 12 सौ से अधिक पूजा पंडाल बनाए गए हैं. हालांकि पटना समेत अन्य शहरों में मूर्ति विसर्जित करने का दिन पूजा समितियों को लाइसेंस लेते समय ही बताना पड़ता है.
Intro:एंकर नवरात्रि के समापन के साथ ही आज से राजधानी पटना के पूजा पंडाल की मूर्तियों के जलप्रबाह शुरू हो गया है प्रसासन ने गंगा नदी में मूर्ति विसर्जन पर रोक लगा दी है लेकिन गंगा नदी के किनारे ही कृत्रिम तालाब का निर्माण कर मूर्तियों को जलप्रवाहित करवाया जा रहा है इसको लेकर पटना जिला प्रशासन ने नाव की भी व्यवस्था कर रखा है


Body:पहली बार गंगा नदी में मूर्तियों को जलप्रबाह बंद किया गया है बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड और पर्यावरण बिभाग ने पहले ही मूर्ति को गंगा नदी ने विसर्जित करने से मना किया था पटना जिला प्रसासन ने कृत्रिम तालाब बना गंगा नदी के किनारे कई जगहों पर मूर्ति को जलप्रवाह करवाया मंगलबार का दिन होने के कारण अधिकांश पंडाल की मूर्तियां आज विसर्जित नही हुई है कल बड़ी संख्या में पूजा पंडाल के मूर्ति विसर्जित किये जायेंगे मूर्ति विसर्जन के जायजा लिया हमारे संवाददाता कुन्दन कुमार ने





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