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अंगरक्षक हत्याकांड में स्पेशल पीपी बहाल करने पर राज्य सरकार से जवाब तलब, राजद विधायक हैं आरोपी - पटना हाईकोर्ट

Patna High Court बनियापुर से राजद विधायक केदार नाथ सिंह समेत भाई दीना नाथ सिंह और भतीजा सुधीर सिंह के खिलाफ अंगरक्षक हत्याकांड में चल रहे ट्रायल में स्पेशल पीपी की बहाली के सम्बन्ध में राज्य सरकार से जवाब तलब किया गया है. पटना हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 12 जनवरी को होगी. पढ़ें, विस्तार से.

Patna High Court
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 8, 2024, 9:08 PM IST

पटनाः पटना हाईकोर्ट ने अंगरक्षक के हत्या मामले में बनियापुर से राजद विधायक केदार नाथ सिंह समेत भाई दीना नाथ सिंह और भतीजा सुधीर सिंह के खिलाफ चल रहे ट्रायल में स्पेशल पीपी की बहाली के सम्बन्ध में जवाबतलब किया है. कोर्ट ने पूछा कि आखिर किन परिस्थितियों में राज्य सरकार स्पेशल पीपी की बहाली की है.

राज्य सरकार को हलफनामा दायर करने का निर्देशः जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने अन्नु देवी व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को 12 जनवरी तक जवाब देने का समय दिया है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अमित नारायण ने कोर्ट को बताया कि इस केस में वैसे स्पेशल एपीपी की बहाली की गई हैं, जिसकी नियुक्ति के पूर्व महाधिवक्ता से परामर्श तक नहीं ली गई. उनका कहना था कि स्पेशल पीपी बनाये गये वकील के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई कि उन्हें क्यों स्पेशल पीपी बनाया गया.

न्याय नहीं मिलने की जतायी आशंकाः उनका यह भी कहना था कि इस केस को छपरा सिविल कोर्ट से स्थान्तरण कर पटना सिविल कोर्ट में कर दिया जाये. कोर्ट ने इन दोनों बिंदुओं पर जवाबी हलफनामा दायर करने का आदेश राज्य सरकार को दिया. मामले में अगली सुनवाई की तारीख 12 जनवरी,2024 निर्धारित की गयी है. अधिवक्ता अमित नारायण ने कोर्ट को बताया कि इस केस के एपीपी अभियुक्तों के पक्ष में काम कर रहे हैं. इससे मृतक के परिजनों को न्याय मिलने की संभावना नहीं के बराबर है. अधिवक्ता अमित नारायण का कहना था कि विधायक, उनके भाई व भतीजा फरार घोषित हुये थे. जिसके खिलाफ छपरा जिला जज के यहां क्रिमिनल रिवीजन 83/2019 दायर किया गया. निचली अदालत ने ट्रायल का पूरा रिकॉर्ड अपने यहां मंगा लिया, तब से ट्रायल लंबित है.

क्या है घटनाः विधायक अपने सरकारी अंगरक्षक और निजी अंगरक्षकों के साथ उपस्थित थे. विधायक अंगरक्षकों के साथ सूचक के आदमी के साथ मारपीट करने लगे. जिसे देख दौड़े और मीटिंग हॉल से सभी को बाहर करने की मांग करने लगे. बैठक का बहिष्कार करने की उच्च अधिकारी से गुहार लगाने लगे. सभी हॉल से बाहर आ गये. विधायक दलबल के साथ चले गये. वापस आ कर दीना नाथ सिंह रायफल से गोली चला दी. अंगरक्षक मुन्ना सिंह बचाने के लिए आगे आ गये. गोली उसकी बांह में लगी, तभी केदार नाथ सिंह और सुधीर सिंह भी गोली मार दी.

इसे भी पढ़ेंः 'पैरेंटस की संपत्ति पर कब्जा करने वाला बेटा नहीं होगा बेदखल, लेकिन देना पड़ेगा किराया' : HC

पटनाः पटना हाईकोर्ट ने अंगरक्षक के हत्या मामले में बनियापुर से राजद विधायक केदार नाथ सिंह समेत भाई दीना नाथ सिंह और भतीजा सुधीर सिंह के खिलाफ चल रहे ट्रायल में स्पेशल पीपी की बहाली के सम्बन्ध में जवाबतलब किया है. कोर्ट ने पूछा कि आखिर किन परिस्थितियों में राज्य सरकार स्पेशल पीपी की बहाली की है.

राज्य सरकार को हलफनामा दायर करने का निर्देशः जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने अन्नु देवी व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को 12 जनवरी तक जवाब देने का समय दिया है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अमित नारायण ने कोर्ट को बताया कि इस केस में वैसे स्पेशल एपीपी की बहाली की गई हैं, जिसकी नियुक्ति के पूर्व महाधिवक्ता से परामर्श तक नहीं ली गई. उनका कहना था कि स्पेशल पीपी बनाये गये वकील के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई कि उन्हें क्यों स्पेशल पीपी बनाया गया.

न्याय नहीं मिलने की जतायी आशंकाः उनका यह भी कहना था कि इस केस को छपरा सिविल कोर्ट से स्थान्तरण कर पटना सिविल कोर्ट में कर दिया जाये. कोर्ट ने इन दोनों बिंदुओं पर जवाबी हलफनामा दायर करने का आदेश राज्य सरकार को दिया. मामले में अगली सुनवाई की तारीख 12 जनवरी,2024 निर्धारित की गयी है. अधिवक्ता अमित नारायण ने कोर्ट को बताया कि इस केस के एपीपी अभियुक्तों के पक्ष में काम कर रहे हैं. इससे मृतक के परिजनों को न्याय मिलने की संभावना नहीं के बराबर है. अधिवक्ता अमित नारायण का कहना था कि विधायक, उनके भाई व भतीजा फरार घोषित हुये थे. जिसके खिलाफ छपरा जिला जज के यहां क्रिमिनल रिवीजन 83/2019 दायर किया गया. निचली अदालत ने ट्रायल का पूरा रिकॉर्ड अपने यहां मंगा लिया, तब से ट्रायल लंबित है.

क्या है घटनाः विधायक अपने सरकारी अंगरक्षक और निजी अंगरक्षकों के साथ उपस्थित थे. विधायक अंगरक्षकों के साथ सूचक के आदमी के साथ मारपीट करने लगे. जिसे देख दौड़े और मीटिंग हॉल से सभी को बाहर करने की मांग करने लगे. बैठक का बहिष्कार करने की उच्च अधिकारी से गुहार लगाने लगे. सभी हॉल से बाहर आ गये. विधायक दलबल के साथ चले गये. वापस आ कर दीना नाथ सिंह रायफल से गोली चला दी. अंगरक्षक मुन्ना सिंह बचाने के लिए आगे आ गये. गोली उसकी बांह में लगी, तभी केदार नाथ सिंह और सुधीर सिंह भी गोली मार दी.

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