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पटना: पीपुल फॉर एनिमल सोसाइटी की लोगों से अपील- गढ़ीमाई मेले में न दें पशुओं की बलि - पशुओं की बलि

पशुओं की बलि देने की परंपरा नेपाल में सालों से चल रही है. लेकिन अब धीरे-धीरे इसका रुझान बिहार में भी बढ़ता जा रहा है.

गढ़ीमाई मेले में नहीं दी जाएगी पशुओं की बलि
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Published : Nov 22, 2019, 7:37 PM IST

पटना: राजधानी में शुक्रवार को पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने एक बैठक की पशुपालन विभाग ने नेपाल में लगने वाले ऐतिहासिक गढ़ीमाई मेले में लोगों से पशु बलि नहीं देने की अपील की है. साथ ही पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि इसको लेकर नेपाल सीमा पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं. पीपुल फॉर एनिमल सोसाइटी के अध्यक्ष गौरी मौलेखी ने बताया इस बार भारत का कोई पशु नेपाल में लगने वाले घड़ी महोत्सव में नहीं जाएगा.

सालों से चल रही बलि देने की परंपरा
संवाददाता सम्मेलन में उपस्थित पशुपालन विभाग और एनजीओ के लोगों ने बताया कि इस मेले का आयोजन 5 सालों से किया जा रहा है. इस मेले में बीते साल लाखों पशुओं की बलि दी गई थी. यहां बलि देने की परंपरा सालों से चली आ रही है. पीपुल फॉर एनिमल सोसाइटी के अध्यक्ष गौरी मौलेखी ने कहा कि पशुओं की बलि देना सही नहीं है. नेपाल में यह परंपरा सालों से चल रही है, लेकिन अब धीरे-धीरे इसका रुझान बिहार में भी बढ़ता जा रहा है. बिहार के लोग भी चोरी से पशुओं की बलि देने नेपाल चले जाते हैं. वहीं इसको लेकर इस बार सीमा पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. जिससे भारत का कोई भी व्यक्ति या पशु नेपाल के इस मेले में नहीं जा सके.

गढ़ीमाई मेले में नहीं दी जाएगी पशुओं की बलि

'पशु बलि देने पर रोक लगाई जाएगी रोक'
बॉर्डर इलाके के सभी जिला अधिकारियों को इस बात पर नजर रखने के आदेश जारी किए गए हैं. जिससे कोई भी पशु भारत सीमा के रास्ते नेपाल में न पहुंचे. नेपाल सरकार भी इस बार पूरी तरह से इस मेले को लेकर चौकस है. वहीं नेपाल सरकार ने भी आश्वासन दिया है इस बार मेले में पशु बलि देने पर रोक लगाई जाएगी. खासकर के मेले के दौरान पशुओं की तस्करी न हो इसको लेकर जिला प्रशासन, एसएसबी और नेपाल सरकार को भी आगाह किया गया है. इसके साथ ही एक टीम का गठन किया गया है, जो इन सभी लोगों पर नजर रखेंगे. बता दें कि पशु बलि देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी रोक लगा दिया है.

पटना: राजधानी में शुक्रवार को पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने एक बैठक की पशुपालन विभाग ने नेपाल में लगने वाले ऐतिहासिक गढ़ीमाई मेले में लोगों से पशु बलि नहीं देने की अपील की है. साथ ही पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि इसको लेकर नेपाल सीमा पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं. पीपुल फॉर एनिमल सोसाइटी के अध्यक्ष गौरी मौलेखी ने बताया इस बार भारत का कोई पशु नेपाल में लगने वाले घड़ी महोत्सव में नहीं जाएगा.

सालों से चल रही बलि देने की परंपरा
संवाददाता सम्मेलन में उपस्थित पशुपालन विभाग और एनजीओ के लोगों ने बताया कि इस मेले का आयोजन 5 सालों से किया जा रहा है. इस मेले में बीते साल लाखों पशुओं की बलि दी गई थी. यहां बलि देने की परंपरा सालों से चली आ रही है. पीपुल फॉर एनिमल सोसाइटी के अध्यक्ष गौरी मौलेखी ने कहा कि पशुओं की बलि देना सही नहीं है. नेपाल में यह परंपरा सालों से चल रही है, लेकिन अब धीरे-धीरे इसका रुझान बिहार में भी बढ़ता जा रहा है. बिहार के लोग भी चोरी से पशुओं की बलि देने नेपाल चले जाते हैं. वहीं इसको लेकर इस बार सीमा पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. जिससे भारत का कोई भी व्यक्ति या पशु नेपाल के इस मेले में नहीं जा सके.

गढ़ीमाई मेले में नहीं दी जाएगी पशुओं की बलि

'पशु बलि देने पर रोक लगाई जाएगी रोक'
बॉर्डर इलाके के सभी जिला अधिकारियों को इस बात पर नजर रखने के आदेश जारी किए गए हैं. जिससे कोई भी पशु भारत सीमा के रास्ते नेपाल में न पहुंचे. नेपाल सरकार भी इस बार पूरी तरह से इस मेले को लेकर चौकस है. वहीं नेपाल सरकार ने भी आश्वासन दिया है इस बार मेले में पशु बलि देने पर रोक लगाई जाएगी. खासकर के मेले के दौरान पशुओं की तस्करी न हो इसको लेकर जिला प्रशासन, एसएसबी और नेपाल सरकार को भी आगाह किया गया है. इसके साथ ही एक टीम का गठन किया गया है, जो इन सभी लोगों पर नजर रखेंगे. बता दें कि पशु बलि देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी रोक लगा दिया है.

Intro:5 साल ऊपर एक बार नेपाल में लगने वाला नेपाल का ऐतिहासिक घड़ी माई मेला इस बार पशुओं की बलि देने की परंपरा खत्म होने वाली है और इसको लेकर पशुपालन विभाग बैठक कर आम लोगों से इस मेले में पशु बलि नहीं देने की अपील की है साथ ही पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने बताया है की इसको लेकर नेपाल सीमा पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं इसकी जानकारी देते हुए पीपुल फ़ॉर एनिमल सोसाइटी के अध्यक्षा गौरी मौलेखी और सुचिता ने बताया इस बार भारत का कोई पशु नेपाल में लगने वाले गड़ी महोत्सव मैं पशु बलि देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी रोक लगा दी है....


Body:इस संवाददाता सम्मेलन में उपस्थित पशुपालन विभाग और एनजीओ के लोगों ने बताया कि यह मेला 5 सालों में लगने वाले इस मेले मैं पिछली बार लाखों पशुओं की बलि दी गई थी और बलि देने की परंपरा जो वर्षों से चली आ रही है वह कहीं से भी सही नहीं है और नेपाल में यह परंपरा वर्षों से रही है और धीरे-धीरे इसका रुझान बिहार में भी बढ़ता जा रहा है और बिहार के लोग भी चोरी चुपके पशुओं की बलि देने नेपाल पहुंच जाते हैं और इसको लेकर इस बार सीमा पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं जिससे भारत का कोई भी पशु नेपाल के इस मेले में नहीं पहुंचे


Conclusion:बॉर्डर इलाके के सभी जिला अधिकारियों को इस बात पर नजर रखने की आदेश जारी किए गए हैं कि कोई भी पशु भारत सीमा के रास्ते नेपाल में पहुंचे नेपाल सरकार भी इस बार पूरी तरह से इस मेले को लेकर चौकस है और नेपाल सरकार ने भी आश्वासन दिया है इस बार होने वाले मेले में पशु बलि देने पर रोक लगाई जाएगी, खासकर के मेले के दौरान पशुओं की तस्करी ना हो इसको लेकर जिला प्रशासन एसएसबी और नेपाल सरकार को भी आगाह किया गया है और इसके साथ ही एक इकाई का गठन किया गया है जो इन सब चीजों पर नजर रखेगी ।।

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