पटना: राजधानी में शुक्रवार को पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने एक बैठक की पशुपालन विभाग ने नेपाल में लगने वाले ऐतिहासिक गढ़ीमाई मेले में लोगों से पशु बलि नहीं देने की अपील की है. साथ ही पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि इसको लेकर नेपाल सीमा पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं. पीपुल फॉर एनिमल सोसाइटी के अध्यक्ष गौरी मौलेखी ने बताया इस बार भारत का कोई पशु नेपाल में लगने वाले घड़ी महोत्सव में नहीं जाएगा.
सालों से चल रही बलि देने की परंपरा
संवाददाता सम्मेलन में उपस्थित पशुपालन विभाग और एनजीओ के लोगों ने बताया कि इस मेले का आयोजन 5 सालों से किया जा रहा है. इस मेले में बीते साल लाखों पशुओं की बलि दी गई थी. यहां बलि देने की परंपरा सालों से चली आ रही है. पीपुल फॉर एनिमल सोसाइटी के अध्यक्ष गौरी मौलेखी ने कहा कि पशुओं की बलि देना सही नहीं है. नेपाल में यह परंपरा सालों से चल रही है, लेकिन अब धीरे-धीरे इसका रुझान बिहार में भी बढ़ता जा रहा है. बिहार के लोग भी चोरी से पशुओं की बलि देने नेपाल चले जाते हैं. वहीं इसको लेकर इस बार सीमा पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. जिससे भारत का कोई भी व्यक्ति या पशु नेपाल के इस मेले में नहीं जा सके.
'पशु बलि देने पर रोक लगाई जाएगी रोक'
बॉर्डर इलाके के सभी जिला अधिकारियों को इस बात पर नजर रखने के आदेश जारी किए गए हैं. जिससे कोई भी पशु भारत सीमा के रास्ते नेपाल में न पहुंचे. नेपाल सरकार भी इस बार पूरी तरह से इस मेले को लेकर चौकस है. वहीं नेपाल सरकार ने भी आश्वासन दिया है इस बार मेले में पशु बलि देने पर रोक लगाई जाएगी. खासकर के मेले के दौरान पशुओं की तस्करी न हो इसको लेकर जिला प्रशासन, एसएसबी और नेपाल सरकार को भी आगाह किया गया है. इसके साथ ही एक टीम का गठन किया गया है, जो इन सभी लोगों पर नजर रखेंगे. बता दें कि पशु बलि देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी रोक लगा दिया है.