पटना: बिहार में पिछले 1 महीने के अंदर पशुओं के चारे काफी महंगे (Animal Feed Becomes Expensive) हो गए हैं. 20 दिन के अंदर भूसा पर 3 से 5 कीमत बढ़ा है तो कुट्टी पर 2 से 2.5 प्रतिकिलो दाम में बढ़ोत्तरी हुई है. 50 किलो चोकर पर 200 से 250 रुपये का इजाफा किया गया. कपिला, खली, और पशुओं के लिए अन्य खाद समाग्री पर प्रति 50 किलो 200 रुपये बढ़ गए हैं. ऐसे में पशुपालकों के लिए पशुओं को भरपेट भोजन कराना मुश्किल हो गया है. पशुपालकों का कहना है कि 20 जुलाई के बाद से चारे के दाम लगातार बढ़ रहे हैं.
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दूध के व्यापार में हो रहा घाटा: पुश चारा के दाम में बढ़ोत्तरी से पशुपालक परेशान हैं. पशुपालक ओम प्रकाश ने बताया कि अब पशु पालना और दूध का व्यापार करना घाटे का सौदा हो गया है. भूसा ₹7 प्रति किलो से बढ़कर 10 से ₹12 प्रति किलो हो गया है. चोकर का बोरा भी प्रति 50 किलो ₹200 तक बढ़ गया है. पशुओं के चारे की महंगाई के कारण अब पशुओं को भरपेट चारा खिलाने में मुश्किल हो रहा है. उन्होंने कहा कि दूध की कीमत वह बढ़ाएंगे तो ग्राहक टूट जाएंगे. ऐसे में पशुओं को भरपेट चारा खिलाने के लिए नुकसान उठना पड़ रहा है.
सुखाड़-बाढ़ से चोकर के दाम बढ़े: बिहार के एक हिस्से में बाढ़ (Flood in Bihar) है तो दूसरे हिस्से में सुखाड़ की स्थिति है. ऐमें चोकर और कुट्टी के लिए रॉ मेटेरियल की भारी कमी है. जिस कारण कुट्टी और चोकर के दाम काफी बढ़ गए हैं. कुट्टी बेचने वाले व्यापारी रामानुज कुमार ने बताया कि सुखाड़ के कारण कुट्टी के दाम काफी बढ़ गए हैं. 15 दिन पहले ₹6 प्रति किलो कुट्टी बेचते थे और आज ₹9 प्रति किलो का भाव हो गया है. भाव के बढ़ने और चारे में कमी के कारण किसान और पशुपालक काफी चिंतित हैं कि दम में कमी होगी भी या नहीं.
पशुओं के चारा खाने पर आफत: ग्वाला वीरेंद्र कुमार बताते कि उन लोगों के लिए पशुओं को भरपेट चारा खिला पाना मुश्किल हो गया है. एक गाय को एक बार में 8 से 10 किलो चारा खाने को दिया जाता है. इसमें 3 किलो भूसा, 2 किलो चोकर और 5 किलो अन्य कुट्टी और दाना दिया जाता है. ऐसे में एक बार में गाय को भरपेट चारा खिलाने में 220 से ₹250 तक का खर्च बन रहा है, क्योंकि चोकर भी ₹25 प्रति किलो है. उन्होंने बताया कि गाय 7 से 8 लीटर एक बार में दूध देती है. ग्राहक ₹45 से ₹48 प्रति लीटर की दर से दूख खरीदते हैं.
पशुओं के चारे के साथ-साथ उनके पास कुछ ऐसी गाय भी रहती हैं जो गर्भवती होती है. ऐसे में वह दूध नहीं देती है. इसके अलावा बछड़े भी होते हैं. इन सबको दूध के पैसे से मैनेज कर पाना काफी मुश्किल हो गया है.
GST केटगरी से मुक्त पशुओं का चारा: पशुओं के लिए दाना बेचने वाले दुकानदार रविशंकर ने कहा कि पशुओं का चारा जैसे कि चोकर, कपिला, चना- मसूर आदि शामिल है. ये सभी जीएसटी से मुक्त है लेकिन बावजूद इसके बीते 1 महीने में इसकी कीमतों में काफी बढ़ोतरी हुई है. उनके पास जो भी पशुपालक आते हैं, वह महंगाई का रोना रोते हैं. उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में पशुओं के चारे काफी महंगे हो गए हैं और इसकाअसर निश्चित रूप से पशुपालकों पर हुआ है. पशुपालकों की आर्थिक हालत कमजोर हुयी है.