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2024 Lok Sabha Elections: विपक्ष की एकजुटता की राह आसान नहीं, क्या नीतीश कुमार का सपना होगा पूरा?.. - Etv News

2024 लोकसभा चुनाव (2024 Lok Sabha Elections) को लेकर विपक्ष की एकजुटता की कवायत लगातार हो रही है. इसको लेकर हाल ही में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के जन्मदिन पर चेन्नई में समारोह का आयोजन किया गया और उसमें भी विपक्ष के नेताओं को जमवाड़ा हुआ. पढ़ें पूरी खबर..

सीएम नीतीश कुमार
सीएम नीतीश कुमार
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Published : Mar 2, 2023, 10:37 PM IST

Updated : Mar 2, 2023, 10:52 PM IST

2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी सभी पार्टियां

पटना: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (Tamil Nadu CM MK Stalin) के जन्मदिन पर चेन्नई में बिहार से उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी शामिल हुए थे. उत्तर प्रदेश से अखिलेश यादव जम्मू कश्मीर से फारूक अब्दुल्ला और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी शामिल हुए लेकिन कई चेहरे गायब भी रहे उससे पहले केसीआर ने भी कई कार्यक्रम किए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में महागठबंधन बनाने के बाद विपक्षी एकजुटता को लेकर विपक्ष के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की.

ये भी पढ़ें- Bihar politics: 'विपक्षी एकता का संदेश पूरे देश में गया, सभी लोग बिहार की तरफ देख रहे'- जगदानंद सिंह

विपक्षी एकता को लेकर कवायद जारी : नीतीश कुमार की अब तक विपक्षी एकजुटता का कोई भी प्रयास बहुत आगे नहीं बढ़ा है. इसको लेकर वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे का कहना है कि विपक्ष का एकजुट होना आसान नहीं है. क्योंकि पीएम पद के कई चेहरे और दावेदार हैं. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के जन्मदिन पर आयोजित समारोह में शामिल नेताओं ने एक बार फिर से विपक्ष की एकजुटता की कवायद की. ऐसे तो इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी आमंत्रित थे लेकिन बिहार से उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव गए इससे पहले केसीआर की ओर से कार्यक्रम में नीतीश कुमार नहीं गए थे.

2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी सभी पार्टियां : सीएम नीतीश कुमार कॉन्ग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा समापन कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए थे. हालांकि उससे पहले नीतीश कुमार जब महागठबंधन में शामिल हुए और बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाए तो विपक्ष के कई नेताओं से मुलाकात की थी. इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, शरद पवार, अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव, ओम प्रकाश चौटाला, डी राजा, दीपांकर भट्टाचार्य से एक-एक कर मुलाकात की लेकिन मुलाकात के बाद बात आगे नहीं बढ़ी.

स्टालिन के जन्मदिन पर जुटे थे विपक्ष के नेता : गौरतलब है कि ओम प्रकाश चौटाला की ओर से आयोजित कार्यक्रम में भी नीतीश कुमार सहित कई दिग्गज नेता शामिल हुए लेकिन विपक्षी एकजुटता का प्रयास अब तक बहुत आगे नहीं बढ़ा है. इसलिए वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे का कहना है कि- "तमिलनाडु में मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के जन्मदिन पर जो कार्यक्रम हुआ है उसमें भी नेताओं ने विपक्ष की एकजुटता की बात कही है लेकिन तीन राज्यों के चुनाव के रिजल्ट विपक्ष के लिए एक संदेश है. क्षेत्रीय दलों की अपनी महत्वाकांक्षा है और उनके बीच कई जगह मतभेद भी है. इसलिए विपक्ष के दूर-दूर तक एकजुट होने की संभावना नहीं दिख रही है और इसलिए बीजेपी की राह आसान होगी"

2024 लोकसभा चुनाव पर सबकी नजर : विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर जदयू मंत्री श्रवण कुमार का कहना है कि तमिलनाडु में कुछ दूसरे सवाल उठेंगे त्रिपुरा में कुछ दूसरे सवाल उठेंगे तो अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग सवाल उठेंगे. जिनके समर्थक है उनके तरफ से सवाल उठाए जाएंगे लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच है की बीजेपी के खिलाफ विचारधारा के जो लोग हैं उनको एक साथ लाया जाए और भाजपा से मुक्त देश को कराया जाए. इस मिशन में जब हम कामयाब हो जाएंगे तो उसके बाद कोई भी प्रधानमंत्री उसमें से बन जाएगा.

सबकी अपनी डफली अपना राग : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के जन्मदिन के समारोह में बिहार से तेजस्वी यादव भी शामिल हुए थे और तेजस्वी यादव भी विपक्षी एकजुटता का प्रयास कर रहे हैं. बिहार में महागठबंधन का उदाहरण भी दे रहे हैं लेकिन पीएम पद के कई दावेदार हैं और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता भाई बिरेंद्र का कहना है कि प्रधानमंत्री स्टालिन हो या कोई और यह पार्टी के वरिष्ठ नेता ही तय करेंगे. वहीं बीजेपी विधायक इंजीनियर शैलेंद्र का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इतने डरे हुए हैं कि अलग अलग विचारधारा के लोग भी एकजुटता की बात करने लगे हैं.

विपक्षी एकता की कवायद : 2024 लोकसभा चुनाव में अब लगभग 1 साल का समय रह गया है लेकिन विपक्षी एकजुटता का अब तक कोई भी प्रयास बहुत आगे नहीं बढ़ पाया. इसका सबसे बड़ा कारण पीएम पद के कई दावेदार हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ऐसे तो पीएम रेस से अपने आप को बाहर बता रहे हैं लेकिन उनके पार्टी के नेता उन्हें पीएम के बड़े दावेदारों में बताते रहे हैं. उसके अलावा राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, केसीआर और स्टालिन भी दावेदारों में शामिल हैं. एक तरफ बिना कांग्रेस और बिना बीजेपी के गठबंधन की बात कही जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के साथ गठबंधन बनाए जाने की वकालत की जा रही है. कुल मिलाकर देखें तो विपक्ष बीजेपी को सत्ता से बाहर करने की बात तो जरूर कह रहा है लेकिन विपक्षी एकजुटता की क्या तस्वीर होगी वह अब तक स्पष्ट नहीं है?.

2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी सभी पार्टियां

पटना: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (Tamil Nadu CM MK Stalin) के जन्मदिन पर चेन्नई में बिहार से उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी शामिल हुए थे. उत्तर प्रदेश से अखिलेश यादव जम्मू कश्मीर से फारूक अब्दुल्ला और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी शामिल हुए लेकिन कई चेहरे गायब भी रहे उससे पहले केसीआर ने भी कई कार्यक्रम किए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में महागठबंधन बनाने के बाद विपक्षी एकजुटता को लेकर विपक्ष के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की.

ये भी पढ़ें- Bihar politics: 'विपक्षी एकता का संदेश पूरे देश में गया, सभी लोग बिहार की तरफ देख रहे'- जगदानंद सिंह

विपक्षी एकता को लेकर कवायद जारी : नीतीश कुमार की अब तक विपक्षी एकजुटता का कोई भी प्रयास बहुत आगे नहीं बढ़ा है. इसको लेकर वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे का कहना है कि विपक्ष का एकजुट होना आसान नहीं है. क्योंकि पीएम पद के कई चेहरे और दावेदार हैं. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के जन्मदिन पर आयोजित समारोह में शामिल नेताओं ने एक बार फिर से विपक्ष की एकजुटता की कवायद की. ऐसे तो इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी आमंत्रित थे लेकिन बिहार से उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव गए इससे पहले केसीआर की ओर से कार्यक्रम में नीतीश कुमार नहीं गए थे.

2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी सभी पार्टियां : सीएम नीतीश कुमार कॉन्ग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा समापन कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए थे. हालांकि उससे पहले नीतीश कुमार जब महागठबंधन में शामिल हुए और बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाए तो विपक्ष के कई नेताओं से मुलाकात की थी. इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, शरद पवार, अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव, ओम प्रकाश चौटाला, डी राजा, दीपांकर भट्टाचार्य से एक-एक कर मुलाकात की लेकिन मुलाकात के बाद बात आगे नहीं बढ़ी.

स्टालिन के जन्मदिन पर जुटे थे विपक्ष के नेता : गौरतलब है कि ओम प्रकाश चौटाला की ओर से आयोजित कार्यक्रम में भी नीतीश कुमार सहित कई दिग्गज नेता शामिल हुए लेकिन विपक्षी एकजुटता का प्रयास अब तक बहुत आगे नहीं बढ़ा है. इसलिए वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे का कहना है कि- "तमिलनाडु में मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के जन्मदिन पर जो कार्यक्रम हुआ है उसमें भी नेताओं ने विपक्ष की एकजुटता की बात कही है लेकिन तीन राज्यों के चुनाव के रिजल्ट विपक्ष के लिए एक संदेश है. क्षेत्रीय दलों की अपनी महत्वाकांक्षा है और उनके बीच कई जगह मतभेद भी है. इसलिए विपक्ष के दूर-दूर तक एकजुट होने की संभावना नहीं दिख रही है और इसलिए बीजेपी की राह आसान होगी"

2024 लोकसभा चुनाव पर सबकी नजर : विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर जदयू मंत्री श्रवण कुमार का कहना है कि तमिलनाडु में कुछ दूसरे सवाल उठेंगे त्रिपुरा में कुछ दूसरे सवाल उठेंगे तो अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग सवाल उठेंगे. जिनके समर्थक है उनके तरफ से सवाल उठाए जाएंगे लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच है की बीजेपी के खिलाफ विचारधारा के जो लोग हैं उनको एक साथ लाया जाए और भाजपा से मुक्त देश को कराया जाए. इस मिशन में जब हम कामयाब हो जाएंगे तो उसके बाद कोई भी प्रधानमंत्री उसमें से बन जाएगा.

सबकी अपनी डफली अपना राग : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के जन्मदिन के समारोह में बिहार से तेजस्वी यादव भी शामिल हुए थे और तेजस्वी यादव भी विपक्षी एकजुटता का प्रयास कर रहे हैं. बिहार में महागठबंधन का उदाहरण भी दे रहे हैं लेकिन पीएम पद के कई दावेदार हैं और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता भाई बिरेंद्र का कहना है कि प्रधानमंत्री स्टालिन हो या कोई और यह पार्टी के वरिष्ठ नेता ही तय करेंगे. वहीं बीजेपी विधायक इंजीनियर शैलेंद्र का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इतने डरे हुए हैं कि अलग अलग विचारधारा के लोग भी एकजुटता की बात करने लगे हैं.

विपक्षी एकता की कवायद : 2024 लोकसभा चुनाव में अब लगभग 1 साल का समय रह गया है लेकिन विपक्षी एकजुटता का अब तक कोई भी प्रयास बहुत आगे नहीं बढ़ पाया. इसका सबसे बड़ा कारण पीएम पद के कई दावेदार हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ऐसे तो पीएम रेस से अपने आप को बाहर बता रहे हैं लेकिन उनके पार्टी के नेता उन्हें पीएम के बड़े दावेदारों में बताते रहे हैं. उसके अलावा राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, केसीआर और स्टालिन भी दावेदारों में शामिल हैं. एक तरफ बिना कांग्रेस और बिना बीजेपी के गठबंधन की बात कही जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के साथ गठबंधन बनाए जाने की वकालत की जा रही है. कुल मिलाकर देखें तो विपक्ष बीजेपी को सत्ता से बाहर करने की बात तो जरूर कह रहा है लेकिन विपक्षी एकजुटता की क्या तस्वीर होगी वह अब तक स्पष्ट नहीं है?.

Last Updated : Mar 2, 2023, 10:52 PM IST
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