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'हार के मंथन के बाद टीवी डिबेट में प्रवक्ताओं को भेजेगी कांग्रेस'

अखिलेश सिंह ने कहा कि लोकतंत्र में नेता और जनता के बीच का सबसे सशक्त माध्यम मीडिया है. इसलिए मीडिया से किसी तरह की दूरी नहीं बनाई जा सकती. कुछ समय के बाद हम फिर से डिबेट में शामिल होंगे.

अखिलेश सिंह, कांग्रेस नेता
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Published : Jun 4, 2019, 7:22 PM IST

पटना: लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पिछले कई दिनों से कांग्रेस के प्रवक्ताओं ने टीवी डिबेट में जाना बंद कर दिया है. सोमवार से राजद ने भी अपने नेताओं को टीवी डिबेट में जाने से रोक दिया. इस पर कांग्रेस सांसद अखिलेश सिंह ने कहा है कि हम अभी हार का मंथन कर रहे हैं. जनता ने इतना बड़ा जनादेश दिया है. कुछ समय के बाद फिर से कांग्रेस के प्रवक्ता टीवी डिबेट में शामिल होने लगेंगे.

चुनावों में हार के बाद ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने औपचारिक घोषणा कर प्रवक्ताओं को एक महीने के लिये डिबेट में जाने से रोका था. अखिलेश सिंह ने कहा कि लोकतंत्र में नेता और जनता के बीच का सबसे सशक्त माध्यम मीडिया है. इसलिए मीडिया से किसी तरह की दूरी नहीं बनाई जा सकती. कुछ समय के बाद हम फिर से डिबेट में शामिल होंगे.

अखिलेश सिंह, कांग्रेस नेता

'नेताओं के बयान से पार्टियों को हुआ नुकसान'

इस पर वरिष्ठ पत्रकार एस. ए. साद कहते हैं कि कांग्रेस के प्रवक्ता और नेता जमीनी हकीकत से दूर हो गए थे. टीवी डिबेट के दौरान प्रवक्ताओं की ओर से ऐसी बयानबाजी की जा रही थी जिससे पार्टी को फायदा कम, नुकसान ज्यादा हो रहा था. यही हाल राजद प्रवक्ताओं का भी होता दिख रहा था. उन्होंने कहा कि टीवी में खुद को ज्यादा प्रभावशाली बनाने के लिए कांग्रेस और राजद के प्रवक्ता पार्टी लाइन से अलग होकर बयानबाजी करने लगते थे. जिससे कई बार मुद्दा से हटकर डिबेट में बातें होने लगती थी.

मंथन कर रही हैं दोनों पार्टियां

वरिष्ठ पत्रकार ने ये भी कहा कि इन दोनों पार्टियों की तरफ से अपने प्रवक्ताओं को सही तरीके से गाइडलाइन भी नहीं दिया जा रहा था. जिस कारण वे सही तरीके से काउंटर भी नहीं कर पा रहे थे. वहीं बीजेपी और जेडीयू के प्रवक्ता हमेशा अपडेट रहते थे. वे डिबेट में पूरी तैयारी के साथ आते थे और अपनी बातों को सही ढ़ंग से रखते थे. शायद इन्हीं सब के मंथन के लिये कांग्रेस और राजद ने अपने प्रवक्ताओं को रोका है.

पटना: लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पिछले कई दिनों से कांग्रेस के प्रवक्ताओं ने टीवी डिबेट में जाना बंद कर दिया है. सोमवार से राजद ने भी अपने नेताओं को टीवी डिबेट में जाने से रोक दिया. इस पर कांग्रेस सांसद अखिलेश सिंह ने कहा है कि हम अभी हार का मंथन कर रहे हैं. जनता ने इतना बड़ा जनादेश दिया है. कुछ समय के बाद फिर से कांग्रेस के प्रवक्ता टीवी डिबेट में शामिल होने लगेंगे.

चुनावों में हार के बाद ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने औपचारिक घोषणा कर प्रवक्ताओं को एक महीने के लिये डिबेट में जाने से रोका था. अखिलेश सिंह ने कहा कि लोकतंत्र में नेता और जनता के बीच का सबसे सशक्त माध्यम मीडिया है. इसलिए मीडिया से किसी तरह की दूरी नहीं बनाई जा सकती. कुछ समय के बाद हम फिर से डिबेट में शामिल होंगे.

अखिलेश सिंह, कांग्रेस नेता

'नेताओं के बयान से पार्टियों को हुआ नुकसान'

इस पर वरिष्ठ पत्रकार एस. ए. साद कहते हैं कि कांग्रेस के प्रवक्ता और नेता जमीनी हकीकत से दूर हो गए थे. टीवी डिबेट के दौरान प्रवक्ताओं की ओर से ऐसी बयानबाजी की जा रही थी जिससे पार्टी को फायदा कम, नुकसान ज्यादा हो रहा था. यही हाल राजद प्रवक्ताओं का भी होता दिख रहा था. उन्होंने कहा कि टीवी में खुद को ज्यादा प्रभावशाली बनाने के लिए कांग्रेस और राजद के प्रवक्ता पार्टी लाइन से अलग होकर बयानबाजी करने लगते थे. जिससे कई बार मुद्दा से हटकर डिबेट में बातें होने लगती थी.

मंथन कर रही हैं दोनों पार्टियां

वरिष्ठ पत्रकार ने ये भी कहा कि इन दोनों पार्टियों की तरफ से अपने प्रवक्ताओं को सही तरीके से गाइडलाइन भी नहीं दिया जा रहा था. जिस कारण वे सही तरीके से काउंटर भी नहीं कर पा रहे थे. वहीं बीजेपी और जेडीयू के प्रवक्ता हमेशा अपडेट रहते थे. वे डिबेट में पूरी तैयारी के साथ आते थे और अपनी बातों को सही ढ़ंग से रखते थे. शायद इन्हीं सब के मंथन के लिये कांग्रेस और राजद ने अपने प्रवक्ताओं को रोका है.

Intro:लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पिछले कई दिनों से कांग्रेस के प्रवक्ता टीवी डिबेट में जाना बंद कर दिए हैं । इसकी औपचारिक घोषणा ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के द्वारा की गई थी । इसके बाद सोमवार को राजद ने भी अपने प्रवक्ताओं और नेताओं को टीवी डिबेट में जाने पर रोक लगा दिया है।
राज सभा सांसद अखिलेश सिंह कहते हैं कि हार के बाद मंथन जारी है । क्योंकि जनता ने हमें बुरी तरह पराजित कर दिया इसलिए थोड़े वक्त के लिए टीवी डिबेट से दूरी बनाने का निर्देश दिया गया है । हार के मंथन होने के बाद फिर से कांग्रेस के प्रवक्ता टीवी डिबेट में शामिल होंगे।


Body:वे कहते हैं लोकतंत्र में नेता और जनता के बीच का सबसे सशक्त माध्यम मीडिया है । इसलिए मीडिया से किसी तरह की दूरी नहीं बनाई जा सकती।
वही इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार एस ए साद कहते हैं की कांग्रेस के प्रवक्ता और नेता जमीनी हकीकत से दूर हो गए थे। टीवी में डिबेट के दौरान प्रवक्ताओं द्वारा ऐसे बयान बाजी किए जा रहे थे जिससे पार्टी को फायदा नहीं हो रहा था।


Conclusion:वरिष्ठ पत्रकार साद कहते हैं कि यही हाल राजद के प्रवक्ताओं का भी होता दिख रहा था। क्योंकि टीवी में खुद को ज्यादा प्रभावशाली बनाने के लिए कांग्रेस और राजद के प्रवक्ता पार्टी लाइन से अलग होकर बयानबाजी करने लगते थे। जिससे कई बार मुद्दा से हटकर डिबेट में बातें होने लगती थी । वे कहते हैं कि कांग्रेस या राजद में प्रवक्ताओं को सही तरीके से गाइडलाइन नहीं दिया जा रहा था । जिसके कारण डिबेट के दौरान वे सही तरीके से आक्रमण या खुद की सुरक्षा नहीं कर पा रहे थे।
वहीं एनडीए के बीजेपी या जेडीयू में प्रवक्ताओं पर सीधे नजर रखी जा रही थी। एस. ए. शाद की माने तो जेडीयू और बीजेपी अपने प्रवक्ताओं को हमेशा अपडेट रखती है । जबकि कांग्रेस और राजद में ऐसा नहीं हो रहा था। शायद इन्हीं सब चीजों को सही करने के लिए डिबेट पड़ जाने से कांग्रेस और राजद के प्रवक्ताओं को रोका गया है। ।
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