पटनाः बिहार के 50 से अधिक विधानसभा सीट ऐसे हैं, जहां मुस्लिम आबादी अच्छी खासी है. डेढ़ दर्जन लोकसभा सीट को सीधे प्रभावित कर रहे हैं और उन सीटों पर एआईएमआईएम की नजर है (AIMIM targets Muslim majority seats in Bihar) और उसी के अनुरूप पार्टी ने बिहार में तैयारी शुरू कर दी है. बिहार में सीमांचल के 4 लोकसभा सीटों की बात करें तो मुस्लिम आबादी ही फैसला करती रही है, लेकिन उसके अलावा कई विधानसभा सीट है, जहां 15% से अधिक मुस्लिम आबादी है और जीत हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.
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दर्जन भर से ज्यादा लोकसभा सीटों पर मुस्लिम आबादी की निर्णायक भूमिकाः बिहार के लोकसभा सीट जो मुस्लिम आबादी के दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, उसमें किशनगंज 65%, कटिहार 38%, अररिया 32%, पूर्णिया 30%, मधुबनी 24%, दरभंगा 20%, सीतामढ़ी 21%, पश्चिम चंपारण 21 प्रतिशत, पूर्वी चंपारण 20 प्रतिशत, सिवान 15%, शिवहर 15%, भागलपुर 15%, सुपौल 15%, मधेपुरा 15%, औरंगाबाद 15%, पटना 15%, गया 15%, मुस्लिम आबादी है. किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में ठाकुरगंज, बहादुरगंज, कोचाधामन, किशनगंज, बनमनखी, बायसी सभी विधानसभा में मुस्लिम आबादी निर्णायक है और इसीलिए किशनगंज से हमेशा मुस्लिम उम्मीदवार ही लोकसभा का चुनाव जीते रहे हैं.
2019 में एक लोकसभा सीट पर AIMIM ने आजमाई थी किस्मतः 2019 में इसी सीट से एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने भाग्य आजमाया था और 300000 से अधिक वोट प्राप्त किया था. हालांकि चुनाव हार गए, लेकिन इस बार पार्टी यहां से ताकत लगाने वाली है. क्योंकि किशनगंज ही एकमात्र सीट है जहां से उस समय महागठबंधन खेमे से कांग्रेस को जीत मिली थी. इसके अलावा सभी 39 सीट एनडीए के पाले में गया था. मुस्लिम बहुल आबादी की दृष्टि से कटिहार लोकसभा सीट महत्वपूर्ण है. यहां बलरामपुर, प्राणपुर मनिहारी, बरारी और कदुवा विधानसभा मुस्लिम आबादी के दृष्टि से निर्णायक है. अररिया लोकसभा सीट में नरपतगंज, रानीगंज जोकि विधानसभा सीट निर्णायक माना जाता है. वहीं पूर्णिया में कसबा धमधाहा, कोढा विधानसभा सीट मुस्लिम आबादी के दृष्टि से महत्वपूर्ण है.
मधुबनी और दरभंगा में भी अच्छी-खासी मुस्लिम आबादीः मधुबनी लोकसभा सीट की बात करें तो विस्पी, जाले मुस्लिम आबादी के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है. वहीं दरभंगा लोकसभा क्षेत्र में दरभंगा ग्रामीण, दरभंगा शहरी विधानसभा में मुस्लिम की बड़ी आबादी है और जीत हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है. पूर्वी चंपारण में नरकटियागंज, ढाका में बड़ी मुस्लिम आबादी रहती है और यहां भी जीत हार का फैसला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. सिवान लोकसभा सीट में सिवान, रघुनाथपुर में अच्छी खासी मुस्लिम आबादी है. भागलपुर लोकसभा सीट में भागलपुर, नाथनगर, कहलगांव और पीरपैंती विधानसभा सीट महत्वपूर्ण माना जाता है. औरंगाबाद में इमामगंज, रफीगंज जैसे विधानसभा सीट जीत हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यहां मुस्लिम आबादी अच्छी खासी है.
2024 को लेकर तैयारी में जुटी पार्टीः गया में शेरघाटी वजीरगंज बेला और गया विधानसभा क्षेत्र मुस्लिम आबादी की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. वहीं जमुई में शेखपुरा तो समस्तीपुर में मोहद्दीनगर, समस्तीपुर शहर, उजियारपुर जैसे विधानसभा क्षेत्र में अच्छी खासी मुस्लिम आबादी है. बेगूसराय में साहेबपुर कमाल तेघड़ा और मुंगेर लोकसभा में तारापुर, जमालपुर और मुंगेर टाउन, तो वहीं नालंदा में इस्लामपुर, हिलसा, बिहार शरीफ और राजगीर में अच्छी खासी मुस्लिम आबादी है. जबकि पाटलिपुत्र में मनेर, दानापुर, फुलवारीशरीफ और पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र में पटना साहिब और बाकीपुर में अच्छी खासी मुस्लिम आबादी है और इन सब सीटों पर एआईएमआईएम की नजर है. हालांकि अभी कितने सीटों पर एआईएमआईएम 2024 लोकसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारेगी इस पर फैसला नहीं हुआ है, लेकिन उसकी तैयारी शुरू हो गई है.
50 सीटों पर एआईएमआईएम उतारेगी उम्मीदवारः प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने बातचीत में कहा कि असदुद्दीन ओवैसी इस बात से बहुत दुखी हैं कि जिस गठबंधन को बिना शर्त समर्थन लालू जी के कहने पर हम लोगों ने समर्थन दिया. ऐसे में हमारी पार्टी को नहीं तोड़ना चाहिए था, तो उसका तो रिएक्शन होगा ही. इसलिए हमारे सुप्रीमो ने कहा है इस सीमित क्षेत्र में लड़ते हैं तो हमको जीने नहीं देंगे. इसलिए जीने के लिए हमें और राहत तलाशनी होगी और पूरे बिहार में उसके लिए हम तैयारी कर रहे हैं. सीमांचल में 24 विधानसभा सीट है तो आगे की क्या रणनीति होगी. इस पर अख्तरुल इमान का कहना है कि हमारे सुप्रीमो ने 50 सीटों पर तैयारी करने के लिए कहा है और उस पर हम तैयारी कर रहे हैं.
लोकसभा चुनाव में भी दर्जन भर सीट पर पार्टी लड़ेगी चुनावः अख्तरूल इमान ने कहा कि उससे अधिक सीट भी हो सकती है. सीमांचल को लेकर क्या रणनीति होगी तो सीमांचल में भी हम एक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेंगे क्या मुस्लिम बहुल इलाकों में ही एआईएमआईएम चुनाव लड़ेगा. इस पर अख्तरुल इमान का कहना है कि नहीं हम सभी इलाकों में चुनाव लड़ेंगे, जहां दूसरी जाति के लोग भी अधिक संख्या में हैं चाहे वह यादव हो, दलित हो या कुशवाहा हो. लोकसभा चुनाव को लेकर अख्तरुल इमान ने साफ कहा कि 2019 में हम एक सीट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन 2024 में यह तय है कि दर्जन भर से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.
बीजेपी को बिहार में नीतीश कुमार ने मजबूत कियाः किस को चुनौती देंगे? इस पर अख्तरुल इमान का कहना है यदि मेरे चिराग जलाने से किसी को परेशानी होती है तो हो. महागठबंधन दलों के आरोप पर की बीजेपी की बी टीम है. एआईएमआईएम और महागठबंधन से घबराकर बीजेपी ने एआईएमआईएम को उतारा है. इस पर अख्तरुल इमान का कहना है कि बीजेपी को बिहार में मजबूत करने वाले नीतीश कुमार ही हैं. बीजेपी को हम लोगों ने कभी मजबूत नहीं किया है. असदुद्दीन ओवैसी के आगे भी यात्रा होगी. इस पर अख्तरुल इमान का कहना है कि निश्चित रूप से उनकी आगे भी यात्रा होगी. अख्तरुल इमान की माने तो बिहार में सीमांचल के अलावा उन सभी लोकसभा और विधानसभा सीटों पर काम शुरू कर दिया गया है और आने वाले दिनों में एआईएमआईएम के सुप्रीमो ओवैसी बिहार में कई कार्यक्रम करेंगे और उन सभी सीटों को अंतिम रूप दिया जाएगा और उम्मीदवारों का भी चयन होगा जहां से पार्टी चुनाव लड़ेगी.
"असदुद्दीन ओवैसी इस बात से बहुत दुखी हैं कि जिस गठबंधन को बिना शर्त समर्थन लालू जी के कहने पर हम लोगों ने समर्थन दिया. ऐसे में हमारी पार्टी को नहीं तोड़ना चाहिए था, तो उसका तो रिएक्शन होगा ही. इसलिए हमारे सुप्रीमो ने कहा है इस सीमित क्षेत्र में लड़ते हैं तो हमको जीने नहीं देंगे. इसलिए जीने के लिए हमें और राहत तलाशनी होगी और पूरे बिहार में उसके लिए हम तैयारी कर रहे हैं" - अख्तरुल इमान, प्रदेश अध्यक्ष, एआईएमआईएम