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कृषि मंत्री ने लॉन्च किया 'ई-मापतौल' सॉफ्टवेयर, व्यवस्थाओं को पारदर्शी बनाना मकसद

बिहार में मापतौल व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए कृषि मंत्री (Agriculture Minister) अमरेन्द्र प्रताप सिंह (Amarendra Pratap Singh) ने आज नई पहल करते हुए ‘ई-मापतौल’ सॉफ्टवेयर की शुरुआत की. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jul 20, 2021, 8:21 PM IST

Updated : Jul 20, 2021, 11:04 PM IST

Minister of Agriculture
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पटना: राजधानी पटना के बामेति सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में कृषि मंत्री (Agriculture Minister) अमरेन्द्र प्रताप सिंह (Amarendra Pratap Singh) ने माप तौल विभाग (Weights And Measures Department ) द्वारा निर्मित सॉफ्टवेयर ‘ई-मापतौल’ (e-Maaptaul) का शुभारंभ किया. इस अवसर पर विभाग के प्रधान सचिव एन सरवन और निर्देशक आदेश तितरमारे सहित कई विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे.

यह भी पढ़ें - 'किसानों को फसल क्षतिपूर्ति राशि देने की हो चुकी है तैयारी, मुख्यमंत्री खुद कर रहे हैं इसकी निगरानी'

बता दें कि बिहार में उचित मूल्य देकर भी लोगों को डंडी मारे जाने का खौफ लगातार बना रहता था. ऐसे में उपभोक्ताओं का संरक्षण, कारोबारियों और दुकानदारों को इंस्पेक्टर के डंडे से बचाने, मापतौल प्रणाली में व्याप्त भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए बिहार के कृषि विभाग ‘ई-मापतौल’ सॉफ्टवेयर की शुरुआत की. जिसका शुभारंभ बिहार के कृषि मंत्री (Agriculture Minister) अमरेन्द्र प्रताप सिंह (Amarendra Pratap Singh) ने किया है.

देखें वीडियो

इस अवसर पर कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि माप तौल संभाग प्रदत सेवाओं में पारदर्शिता लाने और व्यापारियों को अनावश्यक परेशानी से मुक्त करने के उद्देश्य से ई-मापतौल की शुरुआत किया गया है. उन्होंने कहा कि बांट-माप उपकरणों के सिर्फ मुहर करने का कार्य छोड़कर सभी सेवाएं अब ऑनलाइन किया गया है.

"बांट माप उपकरणों का सत्यापन माप तौल उपकरणों के निर्माता हेतु नया लाइसेंस और लाइसेंस का नवीनीकरण से लेकर कई सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध होगी. पहले से लोगों के मन मे ये बात रहती थी कि माप तौल विभाग में काफी गड़बड़ी होती है. लेकिन अब ऑनलाइन होने से यह गड़बड़ियां भी दूर होगी."- अमरेन्द्र प्रताप सिंह, कृषि मंत्री, बिहार

साथ ही मंत्री ने राज्य के 423 प्रखंड मुख्यालय पर भी माप तौल जांच उपकरण को अधिष्ठापन किया. इस दौरान मंत्री ने कहा कि लोगों को व्यापारियों की गड़बड़ियां को नहीं भुगतना पड़े, इसको लेकर हम लोगों ने प्रखंड स्तर पर भी सामान तौलने का मशीन लगाया है. जिससे लोगों को काफी सुविधा मिलेगी.

कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि व्यापारियों को विभागीय कार्य होने में पहले काफी दिक्कतें होती थी. अब ऑनलाइन होने से संचिका पूरी तरह से गायब हो जाएगा और सारे कार्य विभाग के ऑनलाइन ही होंगे. व्यापारियों और ग्राहक को अब किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना होगा. साथ उन्होंने कहा कि अब छोटे-छोटे व्यापारी भी ऑनलाइन इस विभाग से रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे.

बता दें कि बिहार में आम बोलचाल की भाषा में ‘डंडी मारना’ शब्द का इस्तेमाल तब किया जाता है. जब दुकानदारों के द्वारा एक किलोग्राम सामान का दाम लेकर ग्राहकों को 900 ग्राम या उससे कम तौल कर देता है.

यह भी पढ़ें -

बड़ा फैसला: अन्य फसलों के साथ-साथ गन्ना की क्षति का भी आंकलन करेगा कृषि विभाग

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बता दें कि बिहार में उचित मूल्य देकर भी लोगों को डंडी मारे जाने का खौफ लगातार बना रहता था. ऐसे में उपभोक्ताओं का संरक्षण, कारोबारियों और दुकानदारों को इंस्पेक्टर के डंडे से बचाने, मापतौल प्रणाली में व्याप्त भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए बिहार के कृषि विभाग ‘ई-मापतौल’ सॉफ्टवेयर की शुरुआत की. जिसका शुभारंभ बिहार के कृषि मंत्री (Agriculture Minister) अमरेन्द्र प्रताप सिंह (Amarendra Pratap Singh) ने किया है.

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इस अवसर पर कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि माप तौल संभाग प्रदत सेवाओं में पारदर्शिता लाने और व्यापारियों को अनावश्यक परेशानी से मुक्त करने के उद्देश्य से ई-मापतौल की शुरुआत किया गया है. उन्होंने कहा कि बांट-माप उपकरणों के सिर्फ मुहर करने का कार्य छोड़कर सभी सेवाएं अब ऑनलाइन किया गया है.

"बांट माप उपकरणों का सत्यापन माप तौल उपकरणों के निर्माता हेतु नया लाइसेंस और लाइसेंस का नवीनीकरण से लेकर कई सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध होगी. पहले से लोगों के मन मे ये बात रहती थी कि माप तौल विभाग में काफी गड़बड़ी होती है. लेकिन अब ऑनलाइन होने से यह गड़बड़ियां भी दूर होगी."- अमरेन्द्र प्रताप सिंह, कृषि मंत्री, बिहार

साथ ही मंत्री ने राज्य के 423 प्रखंड मुख्यालय पर भी माप तौल जांच उपकरण को अधिष्ठापन किया. इस दौरान मंत्री ने कहा कि लोगों को व्यापारियों की गड़बड़ियां को नहीं भुगतना पड़े, इसको लेकर हम लोगों ने प्रखंड स्तर पर भी सामान तौलने का मशीन लगाया है. जिससे लोगों को काफी सुविधा मिलेगी.

कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि व्यापारियों को विभागीय कार्य होने में पहले काफी दिक्कतें होती थी. अब ऑनलाइन होने से संचिका पूरी तरह से गायब हो जाएगा और सारे कार्य विभाग के ऑनलाइन ही होंगे. व्यापारियों और ग्राहक को अब किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना होगा. साथ उन्होंने कहा कि अब छोटे-छोटे व्यापारी भी ऑनलाइन इस विभाग से रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे.

बता दें कि बिहार में आम बोलचाल की भाषा में ‘डंडी मारना’ शब्द का इस्तेमाल तब किया जाता है. जब दुकानदारों के द्वारा एक किलोग्राम सामान का दाम लेकर ग्राहकों को 900 ग्राम या उससे कम तौल कर देता है.

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Last Updated : Jul 20, 2021, 11:04 PM IST
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