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कृषि मंत्री ने सदन में दिया बयान- 'मिथिला मखाना के नाम से ही मिलेगा जीआई टैग'

बिहार के मखाना को नई पहचान मिलेगी (Makhana Will Get A New Identity). दुनिया भर में बिहार के मखाना को मिथिला मखाना के नाम से जाना जाएगा. ये बात बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन कृषि मंत्री ने विधान परिषद में दिया. दरअसल कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने ध्यानाकर्षण में मखाना को लेकर सवाल किया था. जिसका जवाब मंत्री ने दिया. पढ़ें पूरी खबर..

कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा
कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा
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Published : Dec 2, 2021, 6:03 PM IST

पटना: बिहार के मखाना को मिलेगी नई पहचान(Makhana Will Get A New Identity). दुनिया भर में 'मिथिला मखाना' के नाम से ही जाना जाएगा. बिहार विधान परिषद में ध्यानाकर्षण में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने यह आश्वासन दिया है. बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र (Winter Session Of Bihar Legislature) चल रहा है. गुरुवार को बिहार विधान परिषद (Bihar Legislative Council) में ध्यानाकर्षण में कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा (Congress MLC Premchandra Mishra) ने मिथिला के मखाना को लेकर एक सवाल पूछा, जिसका कृषि मंत्री ने जवाब दिया.

ये भी पढ़ें:सीएम नीतीश से मुलाकात के बाद बोले तेजस्वी यादव- 'बिहार में होने जा रही है जातिगत जनगणना'

बिहार विधान परिषद में कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्र ने सरकार से यह सवाल किया था कि बिहार का मखाना को जल्द ही जीआई टैग मिलने वाला है लेकिन इसे मिथिला मखाना के रूप में ही मान्यता मिलनी चाहिए. उन्होंने अपने सवाल में कहा कि 12 नवंबर को यह जानकारी मिली कि बिहार के मखाना को जल्द ही वैश्विक पहचान जीआई टैग मिलने का रास्ता साफ हो गया है और इस संबंध में केंद्र सरकार के कंसलटेंटिंग समूह ने पटना में बैठक कर मखाना की विशेषता और उत्पाद के स्रोत से अवगत होते हुए अपनी सहमति दी है कि अब मखाना उत्पाद को बिहार का मखाना के रूप में जीआइ टैग मिल जाएगा.

मिथिलांचल के मखाना को मिथिला मखाना के नाम से जाना जाएगा

कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य के मिथिला क्षेत्र के इलाकों में मखाना का उत्पादन लगभग 6 हजार टन होता है. जो पूरे विश्व के उत्पादन का लगभग 90 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि मखाना की भौगोलिक पहचान और मान्यता मिथिला का मखाना के रूप में प्रख्यात है. इसलिए उसका जीआई टैग मिथिला का मखाना के तौर पर करना पूरी तरह उचित और न्यायोचित होगा.

प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि मिथिलांचल के आम लोगों खासकर मखाना उत्पादकों की भावना भी जीआई टैग में बदलाव से आहत होगी. इसलिए सरकार को इस बारे में स्पष्ट वक्तव्य भी देना चाहिए कि जीआई टैग में इसे किस नाम से जाना जाएगा. विधान परिषद में ध्यानाकर्षण में प्रेमचंद्र मिश्र के पूछे गए सवाल के जवाब में कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने आश्वासन दिया कि जी आई टैग में बिहार के मखाना को मिथिला मखाना के नाम से ही जाना जाएगा. कृषि मंत्री के जवाब के बाद कांग्रेस नेता ने इस जवाब के लिए कृषि मंत्री को बधाई दी और धन्यवाद भी दिया.

ये भी पढ़ें:जातीय जनगणना पर CM नीतीश और तेजस्वी यादव की मुलाकात, वाम और कांग्रेस के सदस्य भी रहे मौजूद

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पटना: बिहार के मखाना को मिलेगी नई पहचान(Makhana Will Get A New Identity). दुनिया भर में 'मिथिला मखाना' के नाम से ही जाना जाएगा. बिहार विधान परिषद में ध्यानाकर्षण में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने यह आश्वासन दिया है. बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र (Winter Session Of Bihar Legislature) चल रहा है. गुरुवार को बिहार विधान परिषद (Bihar Legislative Council) में ध्यानाकर्षण में कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा (Congress MLC Premchandra Mishra) ने मिथिला के मखाना को लेकर एक सवाल पूछा, जिसका कृषि मंत्री ने जवाब दिया.

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बिहार विधान परिषद में कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्र ने सरकार से यह सवाल किया था कि बिहार का मखाना को जल्द ही जीआई टैग मिलने वाला है लेकिन इसे मिथिला मखाना के रूप में ही मान्यता मिलनी चाहिए. उन्होंने अपने सवाल में कहा कि 12 नवंबर को यह जानकारी मिली कि बिहार के मखाना को जल्द ही वैश्विक पहचान जीआई टैग मिलने का रास्ता साफ हो गया है और इस संबंध में केंद्र सरकार के कंसलटेंटिंग समूह ने पटना में बैठक कर मखाना की विशेषता और उत्पाद के स्रोत से अवगत होते हुए अपनी सहमति दी है कि अब मखाना उत्पाद को बिहार का मखाना के रूप में जीआइ टैग मिल जाएगा.

मिथिलांचल के मखाना को मिथिला मखाना के नाम से जाना जाएगा

कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य के मिथिला क्षेत्र के इलाकों में मखाना का उत्पादन लगभग 6 हजार टन होता है. जो पूरे विश्व के उत्पादन का लगभग 90 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि मखाना की भौगोलिक पहचान और मान्यता मिथिला का मखाना के रूप में प्रख्यात है. इसलिए उसका जीआई टैग मिथिला का मखाना के तौर पर करना पूरी तरह उचित और न्यायोचित होगा.

प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि मिथिलांचल के आम लोगों खासकर मखाना उत्पादकों की भावना भी जीआई टैग में बदलाव से आहत होगी. इसलिए सरकार को इस बारे में स्पष्ट वक्तव्य भी देना चाहिए कि जीआई टैग में इसे किस नाम से जाना जाएगा. विधान परिषद में ध्यानाकर्षण में प्रेमचंद्र मिश्र के पूछे गए सवाल के जवाब में कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने आश्वासन दिया कि जी आई टैग में बिहार के मखाना को मिथिला मखाना के नाम से ही जाना जाएगा. कृषि मंत्री के जवाब के बाद कांग्रेस नेता ने इस जवाब के लिए कृषि मंत्री को बधाई दी और धन्यवाद भी दिया.

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