ETV Bharat / state

बिहार: धान नहीं खरीदने वाली समितियों पर होगी कार्रवाई, होंगे ब्लैक लिस्टेड - Primary Credit Cooperation Committee

बता दें कि बिहार सरकार ने राज्य में धान की खरीद की सीमा बढ़ा दी थी. सरकार रैयत किसानों से खरीद को अब मौजूदा 200 क्विंटल प्रति किसान से बढ़ाकर 250 क्विंटल प्रति किसान कर दिया है, जबकि गैर-रैयत किसानों से खरीद को मौजूदा 75 क्विंटल प्रति किसान से बढ़ाकर 100 क्विंटल प्रति किसान कर दिया है.

e
e
author img

By

Published : Dec 27, 2020, 10:20 AM IST

पटना: बिहार में अब किसानों से धान नहीं खरीदने वाली प्राथमिक साख सहयोग समितियों (पैक्सों) पर कार्रवाई करने का मन बना रही है. सरकार धान खरीदने में लापरवाह पैक्सों को 31 दिसंबर तक का समय देते हुए कहा कि धान नहीं खरीदने वाले पैक्सों और व्यापार मंडलों को काली सूची में डाला जाएगा.

सहकारिता विभाग ने राज्य के सभी जिलाधिकरियों को पत्र भेजकर ऐसे पैक्सों की पहचानकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. पत्र में सपष्ट कहा गया है कि धान की खरीद नहीं करने वाले पैक्स और व्यापार मंडलों को न केवल काली सूची में डाल दिया जाए, बल्कि भविष्य में भी उन्हें खरीद से अलग रखा जाए.

सूत्रों का कहना है कि राज्य में ऐसे कम से कम छह जिले ऐसे हैं, जहां कई पैक्स धान खरीदी में स्िरकय नजर नहीं आ रहे हैं. दरअसल, बिहार में एपीएमसी एक्ट साल 2006 में समाप्त हुआ और उसके बाद से सरकार ने अनाज खरीद के लिए पैक्स और व्यापार मंडल को मजबूत किया गया.

पैक्स बिहार में ग्राम पंचायत और प्रखंड स्तर पर काम करने वाला सहकारी संगठन है. राज्य में धान या अन्य अनाजों की खरीद करने वाली मुख्य एजेंसी यही है.

इधर, कई इलाकों से विभाग को शिकायत मिल रही है कि किसानों की उपज की खरीददारी प्रारंभ नहीं हुई है, जिस कारण किसानों के धान 1100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से व्यापारी खरीद रहे हैं.

पटना: बिहार में अब किसानों से धान नहीं खरीदने वाली प्राथमिक साख सहयोग समितियों (पैक्सों) पर कार्रवाई करने का मन बना रही है. सरकार धान खरीदने में लापरवाह पैक्सों को 31 दिसंबर तक का समय देते हुए कहा कि धान नहीं खरीदने वाले पैक्सों और व्यापार मंडलों को काली सूची में डाला जाएगा.

सहकारिता विभाग ने राज्य के सभी जिलाधिकरियों को पत्र भेजकर ऐसे पैक्सों की पहचानकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. पत्र में सपष्ट कहा गया है कि धान की खरीद नहीं करने वाले पैक्स और व्यापार मंडलों को न केवल काली सूची में डाल दिया जाए, बल्कि भविष्य में भी उन्हें खरीद से अलग रखा जाए.

सूत्रों का कहना है कि राज्य में ऐसे कम से कम छह जिले ऐसे हैं, जहां कई पैक्स धान खरीदी में स्िरकय नजर नहीं आ रहे हैं. दरअसल, बिहार में एपीएमसी एक्ट साल 2006 में समाप्त हुआ और उसके बाद से सरकार ने अनाज खरीद के लिए पैक्स और व्यापार मंडल को मजबूत किया गया.

पैक्स बिहार में ग्राम पंचायत और प्रखंड स्तर पर काम करने वाला सहकारी संगठन है. राज्य में धान या अन्य अनाजों की खरीद करने वाली मुख्य एजेंसी यही है.

इधर, कई इलाकों से विभाग को शिकायत मिल रही है कि किसानों की उपज की खरीददारी प्रारंभ नहीं हुई है, जिस कारण किसानों के धान 1100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से व्यापारी खरीद रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.