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काम में लापरवाही के आरोप में DSP पर बड़ी कार्रवाई - etv bharat news

बिहार के पूर्णिया जिले के धमदाहा के तत्कालीन एसडीपीओ और वर्तमान में बीएमपी-4 में डीएसपी के पद पर तैनात संजीव कुमार प्रभात पर कार्रवाई की गई है. जानें क्या है पूरा मामला...

बिहार पुलिस मुख्यालय
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Published : Nov 18, 2021, 7:06 PM IST

पटनाः बिहार के एक डीएसपी पर गड़बड़ी को लेकर कार्रवाई (Action On DSP) की गई है. पूर्णिया जिले के धमदाहा के तत्कालीन अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी संजीव कुमार प्रभात को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के मामले में दो वेतन वृद्धि रोकने और निंदन की सजा दी गई है.

इसे भी पढ़ें-शराब कारोबारियों पर सहरसा पुलिस की सख्ती, एसपी ने दिए कार्रवाई के आदेश

वर्तमान में डीएसपी संजीव कुमार प्रभात बीएमपी-4 में डीएसपी के पद पर तैनात हैं. कार्रवाई को लेकर बिहार सरकार के गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है. बता दें कि संजीव कुमार प्रभात के खिलाफ 2014 में ही डीजीपी ने एसटीएफ के डीआईजी से जांच कराई थी.

प्रभात पर आरोप था कि वे घटनास्थल पर बिना गए ही रिपोर्ट बना दिया था. जिसके बाद डीआईजी से जांच कराई गई थी और जांच में कई तरह की गड़बड़ी मिली थी. डीआईजी की जांच रिपोर्ट पर पुलिस मुख्यालय ने पाया कि पूरे मामले में एसडीपीओ की लापरवाही एवं कर्तव्यहीनता पाया गया है. जिसके बाद पुलिस मुख्यालय ने 14 नवंबर 2020 को विभागीय कार्रवाई शुरू किया था.

इसे भी पढ़ें- ट्रांसफर के बावजूद एक ही स्थान पर जमे बिहार पुलिसकर्मियों पर होगी कार्रवाई

दरअसल, विभागीय जांच में आरोपी डीएसपी के खिलाफ तीन आरोप प्रमाणित हुआ है. जिसके फलस्वरूप निंदन और दो वेतन वृद्धि के साथ ही असंचयात्मक प्रभाव से दो वेतन वृद्धि रोकने का दंड दिया गया है.

पटनाः बिहार के एक डीएसपी पर गड़बड़ी को लेकर कार्रवाई (Action On DSP) की गई है. पूर्णिया जिले के धमदाहा के तत्कालीन अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी संजीव कुमार प्रभात को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के मामले में दो वेतन वृद्धि रोकने और निंदन की सजा दी गई है.

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वर्तमान में डीएसपी संजीव कुमार प्रभात बीएमपी-4 में डीएसपी के पद पर तैनात हैं. कार्रवाई को लेकर बिहार सरकार के गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है. बता दें कि संजीव कुमार प्रभात के खिलाफ 2014 में ही डीजीपी ने एसटीएफ के डीआईजी से जांच कराई थी.

प्रभात पर आरोप था कि वे घटनास्थल पर बिना गए ही रिपोर्ट बना दिया था. जिसके बाद डीआईजी से जांच कराई गई थी और जांच में कई तरह की गड़बड़ी मिली थी. डीआईजी की जांच रिपोर्ट पर पुलिस मुख्यालय ने पाया कि पूरे मामले में एसडीपीओ की लापरवाही एवं कर्तव्यहीनता पाया गया है. जिसके बाद पुलिस मुख्यालय ने 14 नवंबर 2020 को विभागीय कार्रवाई शुरू किया था.

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दरअसल, विभागीय जांच में आरोपी डीएसपी के खिलाफ तीन आरोप प्रमाणित हुआ है. जिसके फलस्वरूप निंदन और दो वेतन वृद्धि के साथ ही असंचयात्मक प्रभाव से दो वेतन वृद्धि रोकने का दंड दिया गया है.

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