पटना: बिहार में एक दर्जन प्रखंड विकास पदाधिकारी (Block Development Officer) के खिलाफ एक्शन लिया गया है. ग्रामीण विकास विभाग (Rural Development Department) ने प्रदेश के 12 बीडीओ के खिलाफ बड़ी कार्रवाई (Action against BDO) की है. जिन 12 बीडीओ के खिलाफ एक्शन लिया है, उनमें भोजपुर जिले के बड़हरा के बीडीओ और पटना जिले के पुनपुन के तत्कालीन बीडीओ भी शामिल हैं.
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ग्रामीण विकास विभाग ने योजनाओं में गड़बड़ी (Negligence in Development Plans) का आरोप है. विभाग ने रोहतास (Rohtas) जिले अकोढ़ीगोला के तत्कालीन बीडीओ सुशील कुमार के दो वेतन वृद्धि पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. उन पर लोहिया स्वच्छ बिहार मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, नल जल एवं नाली गली योजना को समय पर पूरा न करने का आरोप लगा था.
मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) के साहेबगंज के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी मो. युनूस सलीम को सजा इसलिए दी गई है, क्योंकि उन्होंने दो ऐसे लोगों को आवास दे दिया, जो इसके हकदार नहीं थे. मुजफ्फरपुर के औराई प्रखंड के बीडीओ सत्येंद्र प्रसाद यादव चंपारण के पिपरा कोठी के वीडियो रितेश कुमार को चेतावनी की सजा दी गई है और इंदिरा आवास को जल्द पूरा करने का आदेश दिया गया है. उसके साथ-साथ पटना जिला के पुनपुन के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी अजीत कुमार प्रसाद को भी चेतावनी दी गई है, उन पर इंदिरा आवास प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी के अलावा सामाजिक सुरक्षा पेंशन से जुड़ी अन्य योजना पर घोर लापरवाही बरतने का आरोप है.
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वहीं, दरभंगा (Darbhanga) जिले के बेनीपुर की तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी पुष्पा लाल ने 43 लोगों को इंदिरा आवास की दो-दो इकाइयां दे दीं. पुष्पा फिलहाल समस्तीपुर में महिला प्रसार पदाधिकारी के पद पर हैं. उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है.
आपको बताएं कि ग्रामीण विकास विभाग की कई योजनाओं में बड़ी गड़बड़ी की बात सामने आती रही हैं. पिछले दिनों शौचालयों के नाम पर भी बड़ी गड़बड़ियां पकड़ी गई थीं. विभाग मंत्री श्रवण कुमार (Rural Development Minister Shravan Kumar) ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि राज्य में अब तक 14 लाख शौचालयों के नाम पर गड़बड़ियां की पकड़ी गयी हैं. इसमें जो भी संलिप्त होंगे, उन अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा.