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बिहार: LJP-JDU 'अनबन' और मांझी के जदयू 'प्रेम' से नए समीकरण के आसार

बिहार चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ रही है. 15 अगस्त से अब तक बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. जदयू के बड़े नेता श्याम रजक ने जहां आरजेडी ज्वाइन की, तो वहीं आरजेडी के पूर्व तीन विधायकों ने जदयू. इससे पहले स्वतंत्रता दिवस के दिन एलजेपी चीफ ने एक बैठक की.

बिहार चुनाव
बिहार चुनाव
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Published : Aug 17, 2020, 4:40 PM IST

पटना: बिहार में इस साल होने वाले संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर अब राजनीतिक पार्टियां और उनके नेता अपने नए साथी की तलाश में हैं. इसके लिए वे जहां अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर नफा-नुकसान में जुट गए हैं. वहीं, राज्य में नए समीकरण को भी बल मिलते दिखाई दे रहा है.

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दल जेडीयू और एलजेपी के बीच जहां दिनों दिन तल्खी बढ़ती दिख रही है, वहीं विपक्षी दल के महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) की नजदीकी भी जेडीयू से बढ़ती जा रही है. वैसे, बीजेपी ने अभी इसे लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं.

लगातार चुनाव टालने की मांग कर रहे चिराग
लगातार चुनाव टालने की मांग कर रहे चिराग

सभी दल चुनावी तैयारी में जुटे
बिहार में हालांकि बीजेपी और जेडीयू को छोड़कर कोई भी दल इस कोरोना काल में चुनाव कराने के पक्ष में नहीं दिख रहा है, लेकिन चुनाव आयोग की चुनाव कराने की तैयारी को देखते हुए सभी दलों ने चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. यही कारण है कि राजनीतिक दल और नेता अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए नए ठिकाने की तलाश में जुटे हुए हैं.

एलजेपी के तेवर तल्ख
एलजेपी के प्रमुख चिराग पासवान लगातार बिहार सरकार में कमियों को सार्वजनिक मंचों से उठाकर जेडीयू से अपनी दूरी को मतदाताओं के बीच ले आ चुके हैं. चुनाव की आहट सुनकर चिराग स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अचानक पटना पहुंचे और अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर आगे की रणनीति बना ली है. कहा जा रहा है कि ही जल्द ही एलजेपी संसदीय दल की बैठक होनी है, जिसमें भविष्य को लेकर कुछ आधिकारिक घोषणा की जा सकती है.

राज्यपाल कोटे से MLC सीट की मांग पर तकरार
राज्यपाल कोटे से MLC सीट की मांग पर तकरार

वैसे, चिराग बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा से भी मिलकर अपनी बात रख चुके हैं. एलजेपी के नेता कहते भी हैं, 'उनका गठबंधन बीजेपी से है. जेडीयू तो गठबंधन में बाद में शामिल हुआ है.'

सम्मानजनक सीट की चाह
सूत्र बताते हैं कि जेडीयू की तरफ से एलजेपी को नजरअंदाज किया जा रहा है, जिस कारण एलजेपी नाराज है. कहा जा रहा है कि राजग में होने के बावजूद जेडीयू की तरफ से विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे में एलजेपी की अनदेखी की जा रही है. सूत्रों का कहना है कि एलजेपी चाहती है कि हर हाल में 2015 के विधानसभा चुनाव या 2019 के लोकसभा चुनाव के आधार पर सम्मानजनक सीटें मिलें.

चिराग इस बीच जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव से भी मिल चुके हैं. जबकि पप्पू यादव किसी दलित को बिहार के मुख्यमंत्री बनाने को लेकर अभियान चला रहे हैं.

नहीं बनी को-ऑर्डिनेशन कमेटी
नहीं बनी को-ऑर्डिनेशन कमेटी

श्याम रजक ने थामा आरजेडी का दामन
वैसे, सूत्र यह भी कहते हैं कि जेडीयू केंद्रीय मंत्री रामविलास पासावन की पार्टी एलजेपी को नाराज नहीं करना चाहती है. पासवान की पहचान बिहार की सियासत में एक दलित नेता की रही है. इधर, जेडीयू से नाराजगी के बाद मंत्री रहे श्याम रजक ने भी आरजेडी का दामन थाम लिया है.

जेडीयू हालांकि इस समीकरण को दुरूस्त करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को अपने पाले में लाने को लेकर व्यग्र दिख रही है. मांझी भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते नजर आ रहे हैं.

बीजेपी नहीं खोले अपने पत्ते
वैसे, बीजेपी अभी तक 'वेट एंड वाच' की स्थिति में है. बीजेपी किसी भी घटक दल को फिलहाल नाराज नहीं करना चाहती है. बीजेपी के नेता हालांकि खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हैं, लेकिन इतना जरूर कह रहे हैं कि राजग एकजुट है और सभी दल चुनाव की तैयारी में जुटे हैं.

पटना: बिहार में इस साल होने वाले संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर अब राजनीतिक पार्टियां और उनके नेता अपने नए साथी की तलाश में हैं. इसके लिए वे जहां अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर नफा-नुकसान में जुट गए हैं. वहीं, राज्य में नए समीकरण को भी बल मिलते दिखाई दे रहा है.

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दल जेडीयू और एलजेपी के बीच जहां दिनों दिन तल्खी बढ़ती दिख रही है, वहीं विपक्षी दल के महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) की नजदीकी भी जेडीयू से बढ़ती जा रही है. वैसे, बीजेपी ने अभी इसे लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं.

लगातार चुनाव टालने की मांग कर रहे चिराग
लगातार चुनाव टालने की मांग कर रहे चिराग

सभी दल चुनावी तैयारी में जुटे
बिहार में हालांकि बीजेपी और जेडीयू को छोड़कर कोई भी दल इस कोरोना काल में चुनाव कराने के पक्ष में नहीं दिख रहा है, लेकिन चुनाव आयोग की चुनाव कराने की तैयारी को देखते हुए सभी दलों ने चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. यही कारण है कि राजनीतिक दल और नेता अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए नए ठिकाने की तलाश में जुटे हुए हैं.

एलजेपी के तेवर तल्ख
एलजेपी के प्रमुख चिराग पासवान लगातार बिहार सरकार में कमियों को सार्वजनिक मंचों से उठाकर जेडीयू से अपनी दूरी को मतदाताओं के बीच ले आ चुके हैं. चुनाव की आहट सुनकर चिराग स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अचानक पटना पहुंचे और अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर आगे की रणनीति बना ली है. कहा जा रहा है कि ही जल्द ही एलजेपी संसदीय दल की बैठक होनी है, जिसमें भविष्य को लेकर कुछ आधिकारिक घोषणा की जा सकती है.

राज्यपाल कोटे से MLC सीट की मांग पर तकरार
राज्यपाल कोटे से MLC सीट की मांग पर तकरार

वैसे, चिराग बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा से भी मिलकर अपनी बात रख चुके हैं. एलजेपी के नेता कहते भी हैं, 'उनका गठबंधन बीजेपी से है. जेडीयू तो गठबंधन में बाद में शामिल हुआ है.'

सम्मानजनक सीट की चाह
सूत्र बताते हैं कि जेडीयू की तरफ से एलजेपी को नजरअंदाज किया जा रहा है, जिस कारण एलजेपी नाराज है. कहा जा रहा है कि राजग में होने के बावजूद जेडीयू की तरफ से विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे में एलजेपी की अनदेखी की जा रही है. सूत्रों का कहना है कि एलजेपी चाहती है कि हर हाल में 2015 के विधानसभा चुनाव या 2019 के लोकसभा चुनाव के आधार पर सम्मानजनक सीटें मिलें.

चिराग इस बीच जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव से भी मिल चुके हैं. जबकि पप्पू यादव किसी दलित को बिहार के मुख्यमंत्री बनाने को लेकर अभियान चला रहे हैं.

नहीं बनी को-ऑर्डिनेशन कमेटी
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श्याम रजक ने थामा आरजेडी का दामन
वैसे, सूत्र यह भी कहते हैं कि जेडीयू केंद्रीय मंत्री रामविलास पासावन की पार्टी एलजेपी को नाराज नहीं करना चाहती है. पासवान की पहचान बिहार की सियासत में एक दलित नेता की रही है. इधर, जेडीयू से नाराजगी के बाद मंत्री रहे श्याम रजक ने भी आरजेडी का दामन थाम लिया है.

जेडीयू हालांकि इस समीकरण को दुरूस्त करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को अपने पाले में लाने को लेकर व्यग्र दिख रही है. मांझी भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते नजर आ रहे हैं.

बीजेपी नहीं खोले अपने पत्ते
वैसे, बीजेपी अभी तक 'वेट एंड वाच' की स्थिति में है. बीजेपी किसी भी घटक दल को फिलहाल नाराज नहीं करना चाहती है. बीजेपी के नेता हालांकि खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हैं, लेकिन इतना जरूर कह रहे हैं कि राजग एकजुट है और सभी दल चुनाव की तैयारी में जुटे हैं.

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