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बिहार के 9 लाख राशन कार्ड पर विभाग की टेढ़ी नजर, कहीं आपका कार्ड भी तो इसमें शामिल नहीं !

राज्य के राशन कार्ड को लेकर यह स्क्रूटनी सुरक्षा के लिहाज से किया जा रहा है. ताकि सब्सिडाइज अनाजों का उठाव वैसे लोग ना कर सकें जो गरीब या निम्न वर्ग के नहीं है. इन विसंगतियों को रोकने के पीछे सरकार का एक ही मकसद है कि सही पात्रता रखने वाले परिवारों की हकमारी ना हो.

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Published : Mar 27, 2021, 1:16 PM IST

Updated : Apr 6, 2021, 1:54 PM IST

राशन कार्ड पर विभाग की टेढी नजर
राशन कार्ड पर विभाग की टेढी नजर

पटना: जन वितरण प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं. राशन कार्ड से जुड़ी तमाम गड़बड़ियों और त्रुटियों को दुरुस्त करने के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग ने जिलों के अधिकारियों और एसडीओ को कई निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें- बेगूसराय: टास्क फोर्स की बैठक में डीएम ने अधिकारियों को दिए निर्देश, पात्र राशन कार्ड धारियों दें अनाज

मिली जानकारी के अनुसार खाद्य आपूर्ति विभाग तकरीबन 9 लाख राशन कार्ड को चिह्नित कर उसकी जांच करा रहा है. विभाग के सचिव विनय कुमार ने बताया कि 8 लाख राशन कार्ड में नाम के साथ कुछ ऐसे अक्षर लिखे हैं जो बेतुका (एब्सर्ड) हैं. जैसे कई कार्डो में डॉलर, स्टार और अन्य सिंबल के साइन नाम के बगल में अंकित हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

''इसके अलावा तकरीबन 80 हजार राशन कार्ड में अधिक संख्या में परिवार के सदस्यों के नाम को दर्ज देखा गया है. बड़ी साइज की फैमिली वाले जो प्रथम दृष्टया में गलत लग रहा है, उन्हें तत्काल प्रभाव से अनाज उठाव पर रोक लगा दी गई है. कई राशन कार्ड में तो दो अलग-अलग धर्म के लोगों को एक ही परिवार का सदस्य दिखाया गया है. इसके अलावा एक नाम की कई बार पुनरावृत्ति की गई है. इस तरह के तमाम कार्डो की जांच कर एक माह के भीतर रिपोर्ट मुख्यालय को भेजने का निर्देश सभी संबंधित अधिकारियों को दिया गया है.'' - विनय कुमार, सचिव, खाद्य आपूर्ति विभाग

ईटीवी भारत GFX
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ये भी पढ़ें- देशभर में तीन करोड़ से अधिक राशन कार्ड रद्द किए गए : मनोज झा

''कई राशन कार्ड पर अनाज उठाव को लेकर मुख्यालय स्तर से ही रोक लगा दी गई है. जांच के उपरांत जो रिपोर्ट आएगी उसके बाद ही तय किया जाएगा कि उस कार्ड को जारी रखना है या खत्म कर देना है.''- विनय कुमार, सचिव, खाद्य आपूर्ति विभाग

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राज्य के राशन कार्ड को लेकर स्क्रूटनी
राज्य के राशन कार्ड को लेकर यह स्क्रूटनी सुरक्षा के लिहाज से किया जा रहा है. ताकि सब्सिडाइज अनाजों का उठाव वैसे लोग ना कर सकें जो गरीब या निम्न वर्ग के नहीं है. इन विसंगतियों को रोकने के पीछे सरकार का एक ही मकसद है कि सही पात्रता रखने वाले परिवारों की हकमारी ना हो. ऐसे लगों तक सरकार द्वारा राशन उपलब्ध कराए जाने की योजना त्रुटिपूर्ण पहुंच सके.

ईटीवी भारत GFX
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बिहार में कुल 48154 जन वितरण प्रणाली की दुकानें
बता दें कि पिछले साल राज्य में तकरीबन 12 लाख राशन कार्ड रद्द किए गए हैं. उनसे जुड़ी हुई शिकायतें भी विभाग ले रहा है और उसकी भी जांच करा रहा. राज्य में राशन कार्ड और जन वितरण प्रणाली दुकानों की वर्तमान स्थिति की बात करें तो बिहार में 1 करोड़ 76 लाख 90145 राशन कार्ड हैं. बिहार में एक करोड़ 29 लाख 50176 राशन कार्ड से अनाज उठाव हो रहा है. बिहार में कुल 48154 जन वितरण प्रणाली की दुकानें हैं. राज्यभर में 4 लाख 25 हजार मीट्रिक अनाज का वितरण प्रतिमाह किया जा रहा है.

पटना: जन वितरण प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं. राशन कार्ड से जुड़ी तमाम गड़बड़ियों और त्रुटियों को दुरुस्त करने के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग ने जिलों के अधिकारियों और एसडीओ को कई निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें- बेगूसराय: टास्क फोर्स की बैठक में डीएम ने अधिकारियों को दिए निर्देश, पात्र राशन कार्ड धारियों दें अनाज

मिली जानकारी के अनुसार खाद्य आपूर्ति विभाग तकरीबन 9 लाख राशन कार्ड को चिह्नित कर उसकी जांच करा रहा है. विभाग के सचिव विनय कुमार ने बताया कि 8 लाख राशन कार्ड में नाम के साथ कुछ ऐसे अक्षर लिखे हैं जो बेतुका (एब्सर्ड) हैं. जैसे कई कार्डो में डॉलर, स्टार और अन्य सिंबल के साइन नाम के बगल में अंकित हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

''इसके अलावा तकरीबन 80 हजार राशन कार्ड में अधिक संख्या में परिवार के सदस्यों के नाम को दर्ज देखा गया है. बड़ी साइज की फैमिली वाले जो प्रथम दृष्टया में गलत लग रहा है, उन्हें तत्काल प्रभाव से अनाज उठाव पर रोक लगा दी गई है. कई राशन कार्ड में तो दो अलग-अलग धर्म के लोगों को एक ही परिवार का सदस्य दिखाया गया है. इसके अलावा एक नाम की कई बार पुनरावृत्ति की गई है. इस तरह के तमाम कार्डो की जांच कर एक माह के भीतर रिपोर्ट मुख्यालय को भेजने का निर्देश सभी संबंधित अधिकारियों को दिया गया है.'' - विनय कुमार, सचिव, खाद्य आपूर्ति विभाग

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ये भी पढ़ें- देशभर में तीन करोड़ से अधिक राशन कार्ड रद्द किए गए : मनोज झा

''कई राशन कार्ड पर अनाज उठाव को लेकर मुख्यालय स्तर से ही रोक लगा दी गई है. जांच के उपरांत जो रिपोर्ट आएगी उसके बाद ही तय किया जाएगा कि उस कार्ड को जारी रखना है या खत्म कर देना है.''- विनय कुमार, सचिव, खाद्य आपूर्ति विभाग

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राज्य के राशन कार्ड को लेकर स्क्रूटनी
राज्य के राशन कार्ड को लेकर यह स्क्रूटनी सुरक्षा के लिहाज से किया जा रहा है. ताकि सब्सिडाइज अनाजों का उठाव वैसे लोग ना कर सकें जो गरीब या निम्न वर्ग के नहीं है. इन विसंगतियों को रोकने के पीछे सरकार का एक ही मकसद है कि सही पात्रता रखने वाले परिवारों की हकमारी ना हो. ऐसे लगों तक सरकार द्वारा राशन उपलब्ध कराए जाने की योजना त्रुटिपूर्ण पहुंच सके.

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बिहार में कुल 48154 जन वितरण प्रणाली की दुकानें
बता दें कि पिछले साल राज्य में तकरीबन 12 लाख राशन कार्ड रद्द किए गए हैं. उनसे जुड़ी हुई शिकायतें भी विभाग ले रहा है और उसकी भी जांच करा रहा. राज्य में राशन कार्ड और जन वितरण प्रणाली दुकानों की वर्तमान स्थिति की बात करें तो बिहार में 1 करोड़ 76 लाख 90145 राशन कार्ड हैं. बिहार में एक करोड़ 29 लाख 50176 राशन कार्ड से अनाज उठाव हो रहा है. बिहार में कुल 48154 जन वितरण प्रणाली की दुकानें हैं. राज्यभर में 4 लाख 25 हजार मीट्रिक अनाज का वितरण प्रतिमाह किया जा रहा है.

Last Updated : Apr 6, 2021, 1:54 PM IST
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