पटनाः गुजरात में हुए पेपेर लीक मामले को लेकर गुजरात क्राइम ब्रांच की टीम ने 16 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. जिसमें 7 लोग बिहार के रहने वाले हैं. मामले का मुख्य सरगना भास्कर चौधरी पटना के पुनाईचक का रहने वाला है. इसके साथ 6 अन्य लोगों में कमलेश कुमार, मो. फिरोज, प्रभात, मिंटू, मुरारी कुमार और मुकेश कुमार को गिरफ्तार किया गया है. जो बिहार के अलग-अलग जिलों से आते हैं. जानकारी के मुताबिक अब इनकी कुंडली खंगालने के लिए गुजरात क्राइम ब्रांच की टीम बिहार के कई जिलों में छापेमारी कर सकती है.
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बिहार के 7 लोग गिरफ्तारः दरअसल 29 जनवरी को गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड के जूनियर क्लर्क की परीक्षा थी. जिसका प्रश्नपत्र परीक्षा से पहले की लीक हो गया. इसके बाद गुजरात एटीएस ने जांच के दौरान भास्कर चौधरी और उसके गिरोह के 15 अन्य लोगों को गुजरात से गिरफ्तार किया. जिसमें बिहार के 7 गुजरात के 6, दिल्ली और ओडिशा के 1-1 शातिर शामिल हैं. इनकी गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में पता चला कि परीक्षा का पेपर 13 दिन पहले 16 जनवरी को हैदराबाद की प्रिंटिंग प्रेस से लीक हो गया था, जिसे प्रिंटिंग प्रेस के लेबर जीत नायक ने लीक किया था, जीत नायक ने ये पेपर ओडिशा के रहने वाले प्रदीप नायक से इसे बेचा था. जो अंत में पटना के भास्कर चौधरी तक पहुंचा और उसने 70 हजार में पेपर खरीद लिया.
पटना का रहने वाला है सरगना भास्कर चौधरीः सूत्रों के मुताबिक पेपरआउट का सरगना भास्कर चौधरी आईआईएम पटना लखनऊ से पास आउट है. जो ऑनलाइन एग्जामिनेशन कराने वाली 3-4 कंपनी चलाता है. देश भर के ऑनलाइन परीक्षा केंद्र संचालकों से उसके साठगांठ हैं. भास्कर चौधरी गुजरात के वडोदरा में ‘पाथवे एजुकेशन सर्विस’ और ‘स्टेकवाइज टैक्नोलॉजी’ नामक प्राइवेट एग्जाम सेंटर चलाता है.. दरअसल भास्कर चौधरी पुराना परीक्षा माफिया है. गिरफ्तार आरोपियों से प्रारंभिक पूछताछ के दौरान पता चला कि भास्कर चौधरी के खिलाफ वर्ष 2019 में सीबीआई में मामला भी दर्ज किया गया था और इसकी गिरफ्तारी भी हुई थी. बताया जाता है कि अब गुजरात एटीएस की टीम जल्द ही पटना सहित बिहार के अन्य जिलों में भी छापेमारी के लिए पहुंचेगी.
12 से 15 लाख में दिए जा रहे थे पेपर ः बता दें कि भास्कर की गिरफ्तारी शनिवार की रात उसके वडोदरा स्थित ठिकाने से उस वक्त हुई थी, जब वो 60 लोगों को पेपर देने जा रहा था. गुजरात एटीएस ने इनका पर्दापाश करते हुए 16 आरोपियों को दबोच लिया. इन माफियाओं ने 60-70 हजार में प्रिंटिंग प्रेस हैदराबाद से पेपर लीक कराया था और परीक्षा से ठीक पहले 28 जनवरी की रात 12 से 15 लाख में पेपर अभ्यर्थियों को देने का प्लान था. इससे पहले ही गुजरात क्राइम ब्रांच ने इनका सारा काम बिगाड़ दिया.
नए सिरे से आयोजित की जाएगी परीक्षाः दरअसल गुजरात में कनिष्ठ लिपिकों की भर्ती के लिए रविवार को होने वाली प्रतियोगी परीक्षा प्रश्नपत्र लीक हो जाने के कारण रद्द कर दी गई थी. यह परीक्षा शुरू होने के कुछ घंटे पहले रद्द की गई थी. इसकी जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया था कि गुजरात आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने वड़ोदरा से इस संबंध में 16 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. बोर्ड ने अभ्यर्थियों को हुई असुविधा के लिए खेद भी व्यक्त किया और घोषणा की कि परीक्षा जल्द से जल्द नए सिरे से आयोजित की जाएगी.